स्पेशल स्टोरी

दादरी जैसे कस्बे में लोगों में किस तरह की भावना पैदा कर रही शाम को होने वाली पुलिस की पैदल गश्‍त, जानकर चौंक जाएंगे आप

You will be shocked to know what kind of feeling the police patrolling in the evening is creating among the people in a town like Dadri

Panchayat 24 : कहते हैं कि पुलिस से अधिक पुलिस के नाम का अपराधियों में भय होता है। यही कारण है कि पुलिस अपराध कारित होने से पूर्व अपराध की रोकथाम और नियंत्रित करने के लिए गश्‍त करती है। पैदल गश्‍त पुलिस का सकारात्‍मक शक्ति प्रदर्शन ही है। कई बार दादरी कोतवाली प्रभारी अरविन्‍द कुमार के नेतृत्‍व में एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को शाम के समय नगर में पैदल गश्‍त करते हुए देखा जाता है। इनमें महिला पुलिसक‍र्मी भी शामिल रहती हैं।

इस तरह की  पैदल गश्‍त जिले के अधिकांश थानों पर होती है। पुलिसिंग में इसका अपना महत्‍व है। दादरी जैसे नगर में इस तरह की पैदल गश्‍त विशेष मायने रखती है। यहां जिले की सबसे अधिक मिश्रित आबादी एक साथ रहती है। कब छोटी सी घटना बड़ा रूप ले ले, कुछ नहीं कहा जा सकता। पिछले एक दशक का पत्रकारिता अनुभव बताता है कि दादरी नगर में होने वाली छोटी-छोटी घटनाएं बड़ा रूप धारण कर लेती हैं। यदि मौसम और अपराध में कोई प्रत्‍यक्ष-अप्रत्‍यक्ष संबंध होता है तो वह दादरी क्षेत्र के बारे में सटीक बैठता है। अनुभव यह भी बताता है कि गर्मी के मौसम में क्षेत्र में अपराध की तीव्रता अचानक बढ़ जाती है।

ऐसे में पुलिस द्वारा प्रतिदिन शाम के समय दादरी नगर में की जाने वाली पैदल गश्‍त प्रसंशनीय है। यदि पुलिस मुख्‍य बाजार में भी इस तरह की पैदल गश्‍त करे तो बाजार में आने वाले खरीददारों के लिहाज से यह बेहतर होगा। व्‍यापारियों और खरीददारों में सुरक्षा का भाव प्रबल होगा। वहीं, मेरा सुझाव होगा कि सप्‍ताह में किसी एक गांव में भी आक्‍समिक रूप से इस तरह की पैदल गश्‍त की जा सकती है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय असामाजिक तत्‍वों एवं अपराधिक प्रवृति के लोगों के लिए संदेश होगा।

दादरी नगर में पुलिस की शाम की पैदल गश्‍त के कई अप्रत्‍यक्ष लाभ भी हैं। पुलिसकर्मियों की गश्‍त देखकर स्‍थानीय लोगों के मन में पुलिस के प्रति विश्‍वास मजबूत होता है। लोगों को विश्‍वास होता है कि उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस तत्‍पर और चौकन्‍नी है। वहीं, अपराधियों के मन में भय का भाव बना रहता है। उन्‍हें अपराध कारित करने के अवसर बहुत कम हो जाते हैं। उन्‍हें हर पल आभास होता है कि अपराध कारित करने पर वह पुलिस की गिरफ्त से बहुत देर तक नहीं बच पाएंगे। जल्‍द ही दबोच लिए जाएंगे। बहुत हद तक इससे जाम और अतिक्रमण की समस्‍या नियंत्रित रहती है।

पुलिस की पैदल गश्‍त के दौरान कई बार लोग सीधे पुलिस से मुलाकात कर क्षेत्र में चल रही गतिविधियों की जानकारियां भी मुहैया करा देते हैं। वहीं, पुलिस भी हर दिन नगर की परिस्थितियों का करीब से अनुभव करती है। अपराध नियंत्रण के लिए यह अनुभव अहम है। पुलिस की नौकरी में लोग तनाव और अनियमित दिनर्चा से होने वाली परेशानियों की काफी शिकायत करते हैं। इसका स्‍वास्‍थ्‍य पर विपरीत प्रभाव होता है। ऐसे में नगर में शाम के समय होने वाली पैदल गश्‍त में शामिल होकर पुलिसकर्मी कर्तव्‍य पालन के साथ स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी प्राप्‍त करते हैं।

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