अत्याधुनिक आईटीएमएस सिस्टम लागू होने के बाद ग्रेटर नोएडा बनेगा सेफ सिटी, परियोजना पर तेजी से चल रह है काम
Greater Noida will become a safe city after the implementation of the state-of-the-art ITMS system, work on the project is progressing rapidly

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा शहर को अत्याधुनिक और सेफ सिटी बनाने का सपना जल्द पूरा होने जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इस दिशा में लंबे समय से काम कर रहा है। भविष्य का ग्रेटर नोएडा शहर हैदाराबाद और पुडुचेरी की तर्ज पर आईटीएमएस ( इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से लैस होगा। प्राधिकरण के एक छ: सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने हैदाराबाद और पुडुचेरी का दौरा किया है। यहां प्रतिनिधिमण्डल ने काम कर रहे आईटीजीएमएस के काम करने के तरीकों, तकनीक और उपयोगिता को बारीकी से जाना है। हालांकि अभी इसके लागू होने की समय सीमा तय नहीं है। लेकिन इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। सिस्टम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्राधिकरण के अधिकारी पुलिस कमिश्नर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों संग वार्ता करेंगे।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, ग्रेटर नोएडा शहर दिल्ली एनसीआर का सबसे तेजी से उभरता आधुनिक शहर है। तेजी से हो रहे ढांचागत एवं औद्योगिक विकास के कारण देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। शहर की व्यवस्था ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के हाथों में हैं। तेजी से बढ़ी आबादी एवं सड़कों पर बढ़ते ट्रेफिक के कारण कई तरह की समस्याएं भी पैदा हो गई है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए मंथन में जुटा था। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार शहर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक सिस्टम स्थापित करना चाहते हैं। उनके आदेश पर प्राधिकरण की कई टीमों ने कई शहरों में काम कर रहे सिस्टम का भी अध्ययन किया गया। इनमें दिल्ली, गुरूग्राम, हैदराबाद और पुडुचेरी की व्यवस्था का अध्ययन किया गया। अंत में हैदराबद एवं पुडुचेरी में काम कर रहे आईटीएमएस ने प्राधिकरण के आला अधिकारियों को सबसे अधिक प्रभवित किया है।
हैदराबाद एवं पुडुचेरी में काम कर रहे आईटीएमएस सिस्टम ने प्रतिनिधमण्डल के सदस्यों को काफी प्रभावित किया है। यह आधुनिक एआई तकनीक पर आधारित है। कंस्लटेंसी एजेंसी इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है। 245 करोड़ की अनुमानित लागत वाले आईटीएमएस में ट्रेफिक के साथ अपराध नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी।
——- सुनील सिंह, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा ओद्योगिक विकास प्राधिकरण
इन शहरों में यह सिस्टम अमेरिका और यूरोप से लिया गया है। दोनों शहरों का दौरा करने वाले गेटर नोएडा के प्रतिनिधिमण्डल में एसीईओ, सुनील सिंह, एसीईओ प्रेरणा सिंह, आईआईटी रूडकी के कंस्लटेंट गुरूप्रीत खुराना, ओएसडी आषुतोष पाठक, सीनियर मैनेजर सुनील चतुर्वेदी आदि लोग शामिल थे। प्रतिनिधमण्डल ने पांच दिनों तक दोनों शहरों में आईटीएमएस सिस्टम का अध्ययन किया। हैदराबाद का आईटीएस सिस्टम फ्रांस की एलएनटी कंपनी द्वारा तैयार किया गया है। वहीं, पुडुचेरी में काम कर रहा आईटीएमएस अमेरिका की जानसन कंट्रोल कंपनी द्वारा तैयार किया गया है।
एआई पर आधारित एवं सेटेलाइट संचालित होगा एटीएमएस
ग्रेटर नोएडा में सेफ सिटी के कांसेप्ट को साकार करने की दिशा में आईटीएमएस पहला कदम होगा। आईटीएमएस एआई बेस होगा। यह पूरी तरह सेटेलाइट संचालित एवं नियंत्रित होगा। इसकी कई सारी खूबियां हैं। ट्रेफिक को नियंत्रित करने के लिए वाहनों की संख्या के आधार पर रेडलाइट का समय निर्धारित होगा। जिस लाइन में अधिक वाहन होंगे, उसका रेडलाइट का समय अधिक होगा। जिस लाइन में कम वाहन होंगे, उसके लिए कम समय निर्धारित होगा। अर्थात यह रियल टाइम आधारित होगा।
शहर के सभी चौराहों पर होगा लागू
ग्रेटर नोएडा में लागू होने वाला आईटीएमएस शहर के सभी चौराहों पर लागू होगा। सभी चौराहे कोडिनेट सिस्टम के आधार पर आपस में लिंक होंगे। यहां कोई ट्रेफिक कर्मचारी ट्रेफिक को नियंत्रित करने के लिए उपस्थित नहीं होगा। यदि कोई वाहन चालक अथवा यात्री आईटीएमएस द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों का पालन नहीं करता है तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए पुलिस उपस्थित रहेगी।
प्रोजेक्ट पर अनुमानित 245 करोड़ का आएगा खर्च, बनाया जाएगा आईसीसीसी
हैदाराबाद एवं पुडुचेरी शहरों के अध्ययन के बाद ग्रेटर नोएडा में आईटीएमएस को लागू करने में इस प्रोजेक्ट पर अनुमानित 245 करोड़ का खर्च आएगा। इसके लिए एक आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कंट्रोल एण्ड कमांड सेंटर) स्थापित किया जाएगा। यहां से शहर के सभी चौराहों पर ट्रेफिक एवं भीड़भाड़ पर नजर रखने के लिए लगाए गए डिस्प्ले और अनाउंसमेंट सिस्टम को कंट्रोल किया जाएगा। पूरे शहर में हाईरेज्यूलेशन ऑटोमेटिक कैमरे लगाए जाएंगे। इनके माध्यम से आईसीसीसी से आवश्यकता अनुसार सूचनाओं का प्रसार एवं डिस्प्ले किया जाएगा। किसी भी चौराहे पर खड़े होकर शहर के किसी भी चौराहे अथवा व्यक्ति विशेष पर नजर रखी जा सकती है और आवश्यकता के अनुसार शहर के सभी अथवा किसी निश्चित डिस्प्ले पर जानकारी दी अथवा प्राप्त की जा सकेगी। ऐसे ही ट्रेफिक पर भी निगरानी की जा सकेगी। जब भविष्य में चुनी गई किसी कंपनी द्वारा पूरा आईटीएमएस सिस्टम पूरी तरह से प्राधिकरण को सौंप दिया जाएगा इसके बाद सिस्टम पुलिस के नियंत्रण में सौंप दिया जाएगा। आईसीसीसी के लिए प्राधिकरण जमीन मुहैया कराएगा।
ऑटोमेटिक चालान की होगी पूर्ण व्यवस्था
आईटीएमएस में शहर के चौराहों एवं अन्य स्थानों पर लगे डिस्प्ले, अनाउन्समेंट सिस्टम और कैमरों की मदद से ट्रेफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर नजर रखी जा सकेगी। ऐसे वाहन चालकों के ऑटोमेटिक चालान की पूरी व्यवस्था होगी। संभवत: सिस्टम तैयार करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर एक योग्य कंपनी को चुना जाएगा। यह कंपनी सिस्टम को तैयार करके प्राधिकरण को सौंपेगी। सिस्टम मेंटेनेंस के लिए कंपनी प्राधिकरण के साथ समझौता करेगी। आईटीएमएस सिस्ट को तैयार करने वाली कंपनी का चयन क्यूसीबीएस ( क्वालिटि कॉस्ट बेस सिस्टम) के आधार पर किया जाएगा।
आईटीएमएस अपराध नियंत्रण एवं रोकथाम में भी होगा सहयोगी
ग्रेटर नोएडा में लागू किया जाने वाला आईटीएमएस शहर में अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस के लिए सहयोगी होगा। आईटीएमएस में आफआरएस (फेस रिर्कोगनाइजेशन सिस्टम) लगा होगा। यदि कोई किसी वारदत को अंजाम देकर फरार होता है तो पुलिस एफआरएस की मदद से चंद मिनटों में उसको पकड़ लेगी। यह सिस्टम चाइना में काम कर रहा है।