आतंकवादी बिट्टा कराटे की पत्नी और सैयद सलाउद्दीन के बेटों को सरकारी नौकरी से किया गया बर्खास्त, जानिए क्या है पूरा मामला ?
Terrorist Bitta Karate's wife and Syed Salauddin's sons were sacked from government jobs, know what is the whole matter?
Panchayat24 : जम्मु कश्मीर में निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादी बिट्टा कराटे की पत्नी और घाटी में आतंकवादी को बढ़ावा देने वाले आतंकवादी सैयद सलाउद्दीन के बेटे सहित चार लोगों को जम्मु कश्मीर शासन ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन सभी पर आतंकवादियों से संबंध होने तथा देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता पाए जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई हुई है। आतंकवाद को को प्रोत्साहित करने वाले जम्मु कश्मीर में कार्यरत इन सभी पर जम्मु और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश के बाद कार्रवाई हुई है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, जम्मु कश्मीर में शुरूआती दौर में आतंक का पर्याय बनने जम्मु कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के बड़े आतंकवादी फारूख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे ने घाटी में चुन चुनकर हिन्दुओं, विशेषकर कश्मीरी पंडितों की हत्या की थी। एक टीवी इंटरव्यू में उसने इस बात को स्वीकार भी किया था। बिट्टा कराटै की पत्नी असबाह आरजूमंद खान साल 2011 बैंच की JKAS अधिकारी है। इसके अतिरक्ति वर्तमान में कश्मीर में आतंक का आका सैयद सलाउद्दीन का बेटा अब्दुल मुईद आईटी, जेके ईडीआई में मैनेजर और मुहीत अहमद भट कश्मीर विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक और माजिद हुसैन कादरी कश्मीर विश्वविद्यालय में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन सभी पर संविधान के अनुच्छेद 311 के अन्तर्गत कार्रवाई की गई है।
बता दें कि 1990 के दशक में कश्मीद घाटी में आतंक का पर्याय बन चुके बिट्टा कराटे के कई आतंकवादी संगठनों सहित पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई से भी संबंध रहे हैं। उसने एक टीवी इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि उसने कश्मीरी पंडितों की हत्या की थी। मडिया रिपोर्ट के अनुसार असबाह आरजूमंद खान ने साल 2011 में जेकेएएसकी परीक्षा पास करने के बाद बिट्टा कराटे से शादी की थी। उसे पहली बार साल 2003 में कश्मीर के शेर ए कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रोद्यौगिक विश्वविद्यालय में तैनाती मिली। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्हें कानूनों की अनदेखी कर यह नौकरी दी गई थी। साल 2003 से साल 2007 के बीच वह अपनी डयूटी से अनुपस्थित भी रही थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने इस बीच कई देशों की यात्राएं भी की थी। आरोप है कि असबाह आरजूमंद खान ने आतंकवादी संगठन जेकेएलएफ के लिए टेरर फंडिंग भी की थी। साल 2007 में उसे बर्खास्त कर दिया गया था।