रामेश विधूड़ी की प्रियंका गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी से आम आदमी पार्टी की बैचनी क्यों बढ़ रही है ?
Why is Aam Aadmi Party getting restless due to Ramesh Vidhuri's indecent comment on Priyanka Gandhi?

डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा
Panchayat 24 : साल 1956 में आई हिन्दी फिल्म सीआईडी में वहीदा रहमान पर फिल्माया गया शमशाद बेगम का गाना कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना दिल्ली विधानसभा चुनाव से पूर्व घटे घटनाक्रम पर सटीक बैठता है। कालकाजी विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार रमेश विधूड़ी की कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी ने दिल्ली की चुनाव पूर्व की राजनीति में भूचाल मचा दिया है। रमेश विधूड़ी के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी भाजपा पर पूरी तरह हमलावर है। जैसे जैसे यह प्रकरण गर्माया, आम आमदी पार्टी में बैचेनी दिख रही है।
लगातार तीन बार से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी इस बार भी मजबूत दावेदार है। भाजपा हर हाल में दिल्ली की सत्ता से आम आमदी पार्टी को बेदखल करना चाहती है। आप के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का लाभ भी भाजपा को मिल सकता है। फिर भी दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने के लिए भाजपा को कांग्रेस का ही सहारा है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की लगातार कमजोर होती स्थिति के कारण ही आम आदमी पार्टी जीत की हैट्रिक बना सकी है। दिल्ली में कांग्रेस अपने वजूद की लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए अपने दलित मुस्लिम वोटबैंक को वापस पाना चाहेगी। ऐसा होता है तो आम आदमी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आम आदमी पार्टी के वोटों में बिखराव भाजपा के जिलए जीत की प्रमुख की गारंटी है। भाजपा चाहती है कि कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में मजबूती से उतरे। वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व पर दबाव है कि सत्ता मिले या न मिले, प्रदेश में पार्टी पूरे दमखम से चुनाव लड़े। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अंतिम समय में चुनाव पूर्व ही अपनी हार को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार कर लिय था। हालांकि भाजपा को दिल्ली की सत्ता से दूर रखने के लिए इसको कांग्रेस की रणनीति के रूप में देखा गया था।दिल्ली विधानसभा चुनाव मैदान में कांग्रेस पार्टी की मजबूती आम आमदी पार्टी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।
भाजपा ने रमेश विधूड़ी के बयान को गलत बताया है। साथ ही भाजपा सांसद हेमा मालिनी के बारे में लालू यादव और ऐश्वर्या राय के बारे में राहुल गांधी के बयान की कांग्रेस को याद दिला रही है। रमेश विधूड़ी ने अपने बयान पर खेद भी प्रकट किया है। उनके बयान के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग बयान को पार्टी के लिए नुकसानदायक मान रहे हैं। कांग्रेस पार्टी चुनाव में बयान को मौके रूप में देख रही है। संभवत: चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी, विशेष तौर पर प्रियंका गांधी इस मुद्दे का भावनात्मक लाभ लेना चाहेंगी।
शुरूआती चरण में आम आदमी पार्टी ने रमेश विधूड़ी के बयान की आलोचना की है। पार्टी भली भांति जानती है कि रमेश विधूड़ी के बयान के बाद मतदाताओं की भावनाएं प्रियंका गांधी और कांग्रेस से जरूर जुड़ेंगी। यदि कांग्रेस पार्टी इन्हें वोटों में तब्दील करने में कामयाब हो जाती है तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा। आप चाहती है कि जल्द से जल्द यह मुद्दा शांत हो जाए। रमेश विधूड़ी द्वारा मुख्यमंत्री आतिशी के पिता पर दिए गए बयान के बाद एक प्रेस वार्ता में आतिशी भावुक हो गई। इस प्रकरण के सहारे पार्टी भावनात्मक समर्थन हासिल कर प्रियंका गांधी के अपमान के नाम पर कांग्रेस की बढ़त को कम करना चाहती है।
वहीं, रमेश विधूड़ी विवादित बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहे हैं। इस बार उनके बयान के राजनीतिक मायने हैं। उनका बयान नेगेटिव पॉलिटिक्स का उदाहरण है। अर्थात भले ही उन्होंने प्रियंका गांधी के बारे में अनैतिक एवं अमर्यादित बयान दिया है। फिर भी भाजपा को इससे राजनीतिक नुकसान कम, लाभ अधिक होता हुआ दिखाई दे रहा है। ऐसे में सवाल उठता है क्या रमेश विधूड़ी का बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा है ? कुछ भी हो इस बयान ने आम आदमी पार्टी में बैचेनी पैदा जरूर क दी है।