सात महीने से चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन बलपूर्वक हुआ समाप्त, तीन घंटे तक हुई ग्रामीणों और पुलिस के बीच नोंकझोक
The seven-month-long farmers' protest ended forcibly, there was a tussle between the villagers and the police for three hours.
Panchayat 24 : गंगाजल परियोजना को लेकर पल्ला गांव में पिछले सात महीनों से चला आ रहा किसानों को धरना प्रदर्शन आखिरकार बलपूर्वक समाप्त हो गया। मंगलवार सुबह को पल्ला गांव में धरनास्थल पर भारी संख्या में पीएसी और दादरी सहित आसपास के बादलपुर, जारचा, सूरजपुर, ईकोटेक-3, बीटा-3 और ईकोटेक-1 आदि थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान प्राधिकरण की टीम भी जेसीबी मशीनों के साथ उपस्थित थी।
जेसीबी मशीनों ने वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को जोड़ने वाले रास्ते में ग्रामीणों द्वारा बनाए गए अवरोधक को भी हटा दिया। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच लगभग 3 घंटे तक जमकर नौकझोक हुई। पुलिस ने लगभग 50 से 60 लोगों को हिरासत में लिया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। हालांकि कुछ देर बाद इन्हें रिहा कर दिया गया। एहतियातन प्रशासन ने डब्ल्यूटीपी के पास अभी भी पुलिस तैनात की हुई है।
किसान नेता की रिहाई के लिए किया कोतवाली का घेराव
प्राधिकरण और पुलिस प्रशासन ने मंगलवार सुबह से ही योजनाबद्ध तीरके से पल्ला गांव में पिछले सात महीने से चल रहे धरने को समाप्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी थी। पुलिस ने आन्दोलन के सूत्रधार सुनील फौजी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद कई किसान नेताओं को नजरबंद किया गया। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने धरने पर बैठे लोगों से बातचीत की।
कुछ ही देर में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोक शुरू हो गई। मौके पर मौजूद महिलाएं प्राधिकरण की जेसीबी मशीनों के सामने बैठ गई। महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें उठाकर एक तरफ किया। पुलिस ने किसान नेता सुनील फौजी को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। बाद में सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरूष सुनील फौजी की रिहाई के लिए दादरी कोतवाली पहुंचकर घेराव किया। लोगों ने प्राधिकरण तथा पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। लेकिन ग्रामीणों का प्रदर्शन काम नहीं आया और पुलिस ने किसान नेता सुनील फौजी को कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, ग्रेटर नोएडा में गंगाजल की सप्लाई के लिए प्राधिकरण ने गंगनहर से पाइप लाइन से पानी की सप्लाई की जा रही है। पल्ला गांव में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना हुआ है। पाइप लाइन के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। किसानों की कुछ मांगे हैं। इनकों लेकर प्राधिकरा और ग्रामीणों के बीच मतभेद चल रहा था। दोनों पक्षों के बीच कई बार वार्ता भी हुई लेकिन समाधान नहीं हो सका। वहीं प्राधिकरण जल्द से जल्द ग्रेटर नोएडावासियों को गंगाजल की सप्लाई के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रहा था। हालांकि हाल ही में ग्रामीणों और प्राधिकरण की एसीईओ अदिति सिंह के वार्ता हुई थी जिसके बाद समाधान की उम्मीद दिखने लगी थी। इसके बाद अचानक दोनों पक्षों के बीच अविश्वास और स्थिलता आ गई जिससे गंगाजल परियोजना दोबारा अधर में अटकी हुई दिखाई देने लगी। परिणामस्वरूप प्राधिकरण के सीईओ ने सख्ती दिखाते हुए ग्रामीणों से बलपूर्वक निपटने की बात कही थी।
सबकुछ ठीक ठाक रहा तो शीघ्र मिलेगा ग्रेटर नोएडावासियों को गंगाजल
धरना समाप्ति के बाद उम्मीद है कि प्राधिकरण गंगाजल प्रोजेक्ट के बचे पांच प्रतिशत कार्य को शीघ्र पूरा करेगा। जल्द ही गंगाजल शीघ्र ही जैतपुर स्थित जलाशय पहुंच जाएगा। कमिश्निंग के काम में तीन माह लगेंगे। जैसे-जैसे कमिश्निंग होती जाएगी वैसे-वैसे सेक्टरवार गंगाजल भी मिलने लगेगा।
प्राधिकरण शीध्र शुरू करेगा पल्ला गांव के विकास कार्य
प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि पल्ला गांव के लोगों से गांव के विकास का जो वायदा किया है उस पर जल्द कार्य शुरू हो जाएगा।बरातघर की चारदीवारी का निर्माण, व्यायामशाला व लाइब्रेरी का निर्माण और पल्ला गांव के नहर के साथ सीसी रोड का निर्माण शुरू कराने जा रहा है। प्राधिकरण के परियोजना ने भी टेंडर बरातघर की चारदीवारी का निर्माण, व्यायामशाला व लाइब्रेरी का निर्माण कराने के लिए टेंडर निकाल दिए हैं। 21 जुलाई को प्री बिड खुलेगी। कॉन्ट्रैक्टर का चयन कर शीघ्र निर्माण शुरू कराया जाएगा। इन कार्यों पर 1.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं पल्ला गांव के नहर के साथ सीसी रोड का टेंडर भी शीघ्र जारी होने जा रहा है।
किसानों की प्राधिकरण के आला अधिकारियों से कराई जाएगी वार्ता
प्राधिकरण के ओएसडी सचिन कुमार सिंह, जीएम एके अरोड़ा व वरिष्ठ प्रबंधक कपिल सिंह ने पुलिसबल की मौजूदगी में लोगों के विरोध के बावजूद धरना प्रदर्शन को समाप्त करा दिया गया। धरनारत किसानों ने प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता करने की मांग की गई, जिस पर ओएसडी सचिन कुमार सिंह ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता करा दी जाएगी।
लोगों की प्यास और भूजल बचत के लिए आवश्यक है गंगाजल परियोजना : सीईओ
प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना सभी ग्रेटर नोएडावासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक तरफ उनके घरों में गंगाजल आने लगेगा और दूसरी तरफ भूजल की बचत होने लगेगी। इससे भूजल स्तर में भी सुधार होगा। उन्होंने किसानों को सहयोग करने के लिए आभार भी प्रकट किया है। प्राधिकरण की टीम इस प्रोजेक्ट को समय से पूरा करके ग्रेनोवासियों के घरों तक गंगाजल शीघ्र लाने की पूरी कोशिश करेगी।
गंगाजल परियोजना की महत्वपूर्ण तिथियों पर एक नजर
–2005 में गंगाजल परियोजना का हुआ एलान
–फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति
–जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली एनओसी
–जून 2021 में वन विभाग ने दी काम करने की अनुमति
–जुलाई 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति
–अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति
–दिसंबर 2021 में पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंचा गंगाजल
–किसानों के विरोध के चलते दिसंबर से अब तक काम अटका था