मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं : इलाहबाद हाईकोर्ट
Installing loudspeaker in mosque is not a fundamental right: Allahabad High Court
Panchayat 24 : देश भर में लाउडस्पीकर को लेकर मचे घमासान के बीच इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकारों की श्रेणी में नहीं आता। यह कोई संवैधानिक अधिकार भी नहीं है । इलाहबाद हाई कोर्ट की डबल बैंच ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है जिसको मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान को लेकर दाखिल किया गया था। हाईकोर्ट ने स्पस्ट करते हुए कहा कि अजान इस्लाम का अभिन्न अंग है लेकिन लाउडस्पीकर से अजान होने का इस्लाम में कहीं उल्लेख नहीं है। ऐसे में लाउस्पीकर से अजान भी इस्लाम का हिस्सा नहीं है । यह आदेश जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास की डिवीजन बेंच ने दिया । जब देश में लाउडस्पीकर से अजान को लेकर घमासान मचा हुआ है। मामला राजनीतिक हो चुका है। ऐसे में इलाहबाद हाईकोर्ट का यह आदेश बहुत महत्तवपूर्ण है।
क्या है पूरा मामला
बदायूं जिले के बिसौली तहसील के धनोगांव में स्थित नूरी मस्जिद में लाउडस्पीकर से अजान के लिए स्थानीय एसडीएम को एक प्रार्थना पत्र दिया गया था। प्रार्थना पत्र पर विचार कर एसडीएम ने कानून का हवाला देते हुए 3 दिसम्बर 2021 को मस्जिद में लाउडस्पीकर से अजान की अनुमति देने से इंकार कर दिया था। एसडीएम के इस आदेश के खिलाफ गांव के ही इरफान नामक युवक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में एसडीएम के आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया था कि एसडीएम का यह आदेश उनके मौलिक अहधिकारों का हनन है। सुनवाई के बाद बेंच ने इसे खारिज कर दिया । कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ध्वनि प्रदूषण को लेकर कानून पारित हो चुका है। इसके अनुसार मस्जिदों पर लाउडस्पीकर का प्रयोग मौलिक अधिकार एवं संवैधानिक अधिकार नहीं है ।
क्या है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया जा सकता । लेकिन ऑडिटोरियम, कान्फ्रेंस हाल, बैंकेट हाल और कम्यूनिटी हाल जैसे बंद स्थानों पर इसको बजाया जा सकता है।
बता दें कि लाउडस्पीकर से अजान को लेकर देश में विवाद बहुत पुराना है। लेकिन यह विवाद नए सिरे से उस समय उठ खड़ा हुआ जब सिंगर सोनू निगम ने कहा कि सुबह सुबह लाउडस्पीकर से अजान होने से वह ठीक तरह से नींद नहीं ले पाते है । इसके बाद पूरे देश में लाउडस्पीकर से अजान को लेकर नई बहस शुरू हो गई। वर्तमान में यह देश की राजनीति में बड़ा मुददा बन चुका है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के अनुपालन में लगभग एक लाख मस्जिदों से या तो लाउडस्पीकर हटवा दिए हैं अथवा उनकी आवाज इतनी कम करा दी है कि मस्जिद परिसर से लाउडस्पीकर की आवाज बाहर न जा सके ।
महाराष्ट्र में मचा है लाउडस्पीकर से अजान को लेकर घमासान
हालांकि उत्तर प्रदेश में मस्जिदों और मंदिरों से सहमति से लाउडस्पीकर उतारें जा रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर से अजान के विरोध में हंगामा मचा हुआ है। हिंदूवादी संगठनों और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से लाउडस्पीकरों से अजान बंद होने की बात कहते हुए मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को लाउडस्पीकरों से पूरे महाराष्ट्र्र में हनुमान चालीसा पाठ करने की बात कहीं थी। वहीं भाजपा सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा ने भी लाउडस्पीकरों से अजान होने पर शिवसेना प्रमुख के घर के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस द्वारा राणा दम्पत्ति को गिरफ्ताता कर जेल भेजा था। हाल ही में राणा दम्पत्ति को कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया है। लेकिन राजठाकरे अभी भी महाराष्ट्र्र सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं ।