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चिटेहरा गांव की सरकारी भूमि पर अवैध कब्‍जे का बड़ा खेल : कॉलोनाइजर पर सिंचाई विभाग और चकरोड़ की भूमि पर कब्‍जा करने का आरोप

Big game of illegal occupation of government land of Chitehra village: Colonizer accused of occupying the land of Irrigation Department and Chakrod

Panchayat 24 : दादरी बाइपास पर स्थित चिटेहरा गांव की जमीन पर दिल्‍ली एनसीआर इंडस्ट्रियल पार्क के नाम से बसाई जा रही कॉलोनी में हर दिन सरकारी जमीन पर कब्‍जे की नई बातें सामने आ रही है। कॉलोनाइजर द्वारा ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्‍जा किए जाने तथा ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा महत्‍वाकांक्षी परियोजना ग्रेटर नोएडा फेस-2 को विकसित करने के लिए किसानों से सीधे तौर पर खरीदी गई जमीन पर कब्‍जा किए जाने की बात सामने आ चुकी है। कॉलोनाइजर पर चिटेहरा ग्राम प्रधान की ओर से अब एक और आरोप लगाया गया है। ग्राम प्रधान के अनुसार कॉलोनाइजर द्वारा सिंचाई विभाग की जमीन पर भी कब्‍जा कर लिया गया है। वहीं, इस जमीन के बीच से होकर एक चकरोड़ ( अन्‍य खेतों पर जाने वाला रास्‍ता) को भी अपने कब्‍जे में ले लिया है। ग्राम प्रधान ने इस संबंध में भी जिला प्रशासन को शिकायत की है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, दादरी बाइपास का बड़ा हिस्‍सा चिटेहरा गांव की जमीन से होकर गुजरता है। यहां बाइपास के दोनों ओर चिटेहरा गांव के किसानों की जमीनें स्थित है। नेशनल हाईवे बाइसपास गुजरने के कारण इस जमीन पर बड़ी मात्रा में भूमाफियाओं, कॉलोनाइजरों और बिल्‍डरों की नजरें टिकी हुई है। इनके द्वारा किसानों से जमीनों की खरीद की जा रही है। इस जमीन को खरीदने के पीछे भूमाफियाओं, कॉलोनाइजरों और बिल्‍डरों की नजर ग्राम समाज और सिंचाई विभाग की कीमती जमीन पर भी टिकी हुई है। इस जमीन पर ऐसी ही एक कॉलोनी दिल्‍ली डीआईपीएल ग्रुप द्वारा दिल्‍ली एनसीआर इंडस्‍ट्रीयल पार्क के नाम से बसाई जा रही है। कॉलोनाइजर द्वारा किसानों से खरीदी गई जमीन के साथ साथ ग्राम समाज और गेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की जमीन पर कब्‍जा करके निजी लाभ प्राप्‍त करने के लिए प्‍लाटिंग की जा रही है।

चिटेहरा ग्राम प्रधान नेहा के अनुसार दिल्‍ली एनसीआर इंडस्ट्रियल पार्क कॉलोनाइजर द्वारा सरकारी जमीन पर कब्‍जे का एक नया खेल सामने आया है। प्रधान पति मनीष भाटी के अनुसार गांव की जमीन की सिंचाई के लिए सिंचाई विभाग की नालियां बनाई गई थी। इन नालियों से होकर गांव के किसानों के खेतों की सिंचाई होती रही है। वहीं, इस जमीन पर एक चकरोड़ भी मौजूद है। इस चकरोड़ से होकर किसान अपने खेतों तक पहुंचते थे। डीआईपीएल ग्रुप द्वारा कॉलोनी बसाने के लिए सिंचाई विभाग की नालियों और चकरोड़ को भी कब्‍जा कर लिया है। परिणामस्‍वरूप आसपास के किसानों को खेतों की सिंचाई में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, चकरोड़ पर कब्‍जा होने के कारण अन्‍य किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने में भी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ेगा।

प्रधान पति मनीष भाटी का कहना है कि कॉलोनाइजर किसानों से खरीदी गई जमीन पर कॉलोनी काटे अथवा कुछ अन्‍य प्रायोजन करे। इसके लिए वह स्‍वतंत्र है। यदि कुछ गैरकानूनी होगा तो शासन और प्रशासन इसकी अपने स्‍तर पर कार्रवाई करेगा। लेकिन कॉलोनाइजर द्वारा ग्राम समाज, सिंचाई के लिए उपयोग होने वाली सरकारी नालियों और चकरोड़ पर कब्‍जा करेगा तो इसका विरोध किया जाएगा। इस संबंध में जिलाधिकारी से भी मुलाकात की गई है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्‍वासन दिया है।

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