मुख्यमंत्री के सामने तेजपाल सिंह नागर और श्रीचंद शर्मा ने रखी जिले की समस्या, जानिए किस समस्या को किसने प्रमुखता से उठाया ?
Tejpal Singh Nagar and Shrichand Sharma presented the problems of the district before the Chief Minister, know who stressed on which problem?

Panchayat 24 : लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में मची उथल पुथल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मण्डलवार पार्टी के विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं संग अपने आवास पर बैठक की। बैठक में खुलकर अपनी बात रखी।अपने क्षेत्र में अधिकारियों के रवैये के बारे में बताया। गौतम बुद्ध नगर के विधायकों और एमएलसी सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री को जिले की यथास्थति से अवगत कराया। इतना ही नहीं, दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर और शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने क्षेत्र की अहम समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने सभी समस्याओं को गौर से सुना और समस्या समाधान का आश्वासन दिया।
दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर ने इन विषयों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा :
दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर ने दादरी विधानसभा से जुड़ी समस्याओं के बारे में अवगत कराया। उन्होंने प्रमुख रूप से जिले के किसानों की समस्याओं को भी बैठक में रखा। तेजपाल सिंह नागर ने कहा कि जिले में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। भूमि अधिग्रहण की एवज में किसानों को मिलने वाला 10 फीसदी विकसित भूखण्ड का मुद्दा, किसानों के भूखण्डों की जीज बैक का मामला और नोएडा के किसानों की आबादी व प्लाट दिए जाने का मामला बड़ी समस्या है। उन्होंने जल्द से जल्द किसानों की समस्याओं के हल होने की मांग रखी। इसक अतिरिक्त विधायक ने क्षेत्र की क्षतिग्रस्त सड़कों का मुद्दा भी मुख्यमंत्री के सामने रखा। इनमें कुलेसरा-दादरी वाया सूरजपुर मार्ग, दादरी नगर से एनटीपीसी वाया बिसाहड़ा मार्ग, जीटी रोड़ से छौलस मार्ग और सेक्टर-168 से कामनगर नदी पुश्ता तक के मार्ग के पुननिर्माण की मांग रखी। उन्होंने जारचा में राजकीय महाविद्यालय के निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध कराने के लिए भी मुख्यमंत्री से अनुरोध किया।
एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने इन विषयों को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया :
मुख्यमंत्री के संग हुई बैठक में शिक्षक एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने गांवों ओर कच्ची कॉलोनियों की समस्या को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध नगर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने विकास के लिए जिले के लगभग सभी गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया है। शेष जमीन भी लगभग अधिसूचित क्षेत्र की श्रेणी में है। गांवों की नई बसावट एवं आबादी क्षेत्र और जिले में बसी हुई कच्ची कॉलोनियों में प्राधिकरण विकास कार्य करने से बचते हैं। दूसरी कोई अन्य संस्था वहां वजूद में है नहीं। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि इन क्षेत्रों का विकास कैसे होगा ?
इसके अतिरिक्त प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्र में यदि किसान अपनी भूमि पर कोई रोजगार या काम शुरू करना चाहता है तो उसके लिए नक्शा पास कराने की जरूरत होती है। लेकिन गांवों की जमीन पर नक्शा पास कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में किसानों की जमीन अधिग्रहण होने के बाद किसान कोई दूसरा स्वरोजगार भी शुरू नहीं कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं, इस अधिसूचित क्षेत्र में पात्र लोगों को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास और दूसरी कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में इन क्षेत्रों में रहने वाले पात्र लोग सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र में एसडीएम कोर्ट से धारा 80 की कार्रवाई भी प्रभावी नहीं हो पाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि पूरे प्रदेश में आपके निर्देशानुसार घरौनिया बन रही हैं, लेकिन इस क्षेत्र में घरौनी भी नहीं बन सकती।