गाज़ियाबाद

जीडीए बोर्ड बैठक में दिखा डिजिटल क्रांति का असर : पहल पोर्टल हुआ लांच, डेढ लाख आवंटियों को मिलेगा लाभ

The effect of digital revolution was seen in GDA board meeting: Pehal portal was launched, 1.5 lakh allottees will get benefit

Panchayat 24 : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की 169वीं बोर्ड बैठक मंगलवार को संपन्‍न हो गई। बैठक में कुल 23 प्रस्‍ताव रखे गए। बैठक में प्राधिकरण की संपत्ति सेवाओं के लिए डिजिटल दिशा में कदम बढ़ाते हुए पहल पोर्टल को लांच किए जाने पर अंतिम मुहर लग गई। बैठक की अध्‍यक्षता मेरठ के कमिश्नर और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. ऋषिकेश भास्कर यशोद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक मेरठ मंडल, मेरठ स्थित कमिश्नर कार्यालय के सभागार में हुई।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने डिजिटल बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए “पहल” (PAHAL – Public Access For Housing & Property Allotment Login) पोर्टल लॉन्च किया है। इससे जीडीए के 1.5 लाख से ज़्यादा आवंटियों को संपत्ति से जुड़ी सभी सेवाएं एक ही पोर्टल पर मिलेंगी। संपत्ति से जुड़े जो काम पहले महीनों में होते थे, अब वे घर बैठे ही डिजिटल माध्यम से सेकंडों में हो जाएंगे, बिना प्राधिकरण के चक्कर लगाए।यह पोर्टल संपत्ति से संबंधित सभी सेवाएं एक ही मंच पर, तेज़, पारदर्शी और पूरी तरह से डिजिटल तरीके से उपलब्ध कराता है। अब संपत्ति का बकाया देखना हो, लेजर रिपोर्ट देखनी हो, किश्तों का पुनर्गठन करना हो या नो-ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त करना हो, यह सब कुछ बस एक क्लिक पर संभव है।

पहले आवंटियों को आवंटन पत्र, भुगतान विवरण पत्र, बंधक अनुमति पत्र और लेखा गणना की जांच जैसे काम मैन्युअल रूप से कराने पड़ते थे, जिससे बहुत समय लगता था और गलतियों की संभावना भी अधिक रहती थी। नामांतरण (संपत्ति का नाम बदलवाना) के लिए आवेदन करने पर मांग पत्र जारी करने में लगभग दो महीने लगते थे, और जमा राशि के सत्यापन तथा फाइलों के अलग-अलग पटलों पर घूमने के कारण नामांतरण की प्रक्रिया पूरी होने में कई महीने लग जाते थे।

सेवा निवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की आवश्यकता को देखते हुए, केंद्र याराज्य सरकार या प्राधिकरण अथवा आवास विकास परिषद या केंद्र या राज्य सरकार के नियंत्रण अधीन संस्थानों से सेवानिवृत्त हुए अपर-जिलाधिकारी अथवा उप-जिलाधिकारी, अधिशासी अभियंता (सिविल), सहायक अभियंता (सिविल) और लेखाधिकारी को प्राधिकरण के कार्यों को सुचारू रूप से संपादित कराने हेतु निर्धारित नियत मानदेय पर सेवा में लिए जाने का प्रस्ताव माननीय प्राधिकरण बोर्ड द्वारा स्वीकृत किया गया।

अन्‍य प्रस्‍ताव

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अन्‍य प्रस्‍तावों को भी स्‍वीकृति प्राप्‍त हो गई। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना में लागत वृद्धि की स्वीकृति, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के बाह्य विकास कार्यों का वित्त पोषण, क्रॉसिंग रिपब्लिक इंटीग्रेटेड टाउनशिप में भूमि उपयोग परिवर्तन, गाजियाबाद जोनल डेवलपमेंट प्लान जोन-1 में सड़कों के मानचित्र की स्वीकृति, लोनी के मंडोला गांव में भूमि का “कृषि” भू-उपयोग से “मध्यम उद्योग” में भू-उपयोग परिवर्तन, मोहिउद्दीनपुर हिसाली में भू-उपयोग “कृषि” से “संस्थागत” में परिवर्तन, मोरटा गांव में जोनल डेवलपमेंट प्लान, जोन-1 गाजियाबाद में “कार्यालय” भू-उपयोग से “आवासीय” भू-उपयोग में परिवर्तन, इंद्रप्रस्थ विस्तार आवासीय योजना में वित्तीय हितों का संरक्षण, वेव सिटी और सनसिटी हाईटेक टाउनशिप योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट और गाजियाबाद, मोदीनगर और लोनी महायोजना-2031 में त्रुटि सुधार आदि शामिल हैं।

बैठक में शामिल अधिकारी

 बैठक में जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स, सचिव राजेश कुमार सिंह, हापुड़ के जिलाधिकारी के प्रतिनिधि संदीप कुमार (एडीएम, एफआर), गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी के प्रतिनिधि (एडीएम, एलए), नगर निगम गाजियाबाद के मुख्य अभियंता एन.के. चौधरी, उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक के प्रतिनिधि, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि, एनसीआर सेल, गाजियाबाद के मुख्य समन्वयक प्लानर कृष्ण मोहन, यूपीसीडा के प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सत्यार्थी, आवास विकास परिषद के प्रतिनिधि, जीडीए बोर्ड सदस्य पवन गोयल, वित्त नियंत्रक ए.के. वाजपेयी, अपर सचिवप्रदीप कुमार सिंह और प्रभारी सी.ए.टी.पी./टी.पी. जीडीए अरविंद कुमार आदि शामिल थे।

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