ग्रेटर नोएडा जोन

जिले में न हो ग्रेजियानो पार्ट-2, औद्योगिक संस्‍थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों से पुलिस ने किया संवाद

There should be no Graziano Part-2 in the district, the police interacted with the officers and employees of industrial institutions

Panchayat24 : औद्योगिक संस्‍थानों में अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच अविश्वास खाई इतनी न बढ़ जाएग कि ग्रेजियानों पार्ट-2 जैसी कोई घटना घटे। इस तरह की किसी भी आशंका को समाप्‍त करने के लिए पुलिस ने उद्योगों के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक कर संवाद किया। अधिकारियों और कर्मचारियों को एक मंच पर लाकर उनकी समस्‍याओं को पुलिस ने जानने का प्रयास किया। बैठक में दोनों पक्षों की ओर से कई तरह की समस्‍याएं रखी गई। बैठक के दौरान अधिकारी-कर्मचारी विवाद से जुड़ा मुद्दा यहां नहीं आया। सभी लोगों ने अपने संस्‍थानों में इस तरह के हालात से इंकार किया। हालांकि इस दौरान औद्योगिक क्षेत्रों में पुलिस गश्‍त बढ़ाए जाने की मांग की गई। बैठक का आयोजन बादलपुर कोतवाली द्वारा किया गया।बैठक में एसीपी ग्रेटर नोएडा द्वितीय योगेन्‍द्र सिंंह, कोतवाली प्रभारी रविन्‍द्र सिंह तथा चौकी प्रभारी सौरभ शर्मा भी उपस्थित थे। दौरान क्षेत्र के औद्योगिक संस्‍थानों के लगभग सौ लोग मौजूद रहे।

अधिकारी-कर्मचारी संवाद की जरूरत क्‍यों पड़ी ?

दरअसल, बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के अन्‍तर्गत एनएच-91 पर स्थित अपोलो पाइप कम्‍पनी में कर्मचारियों ने कम्‍पनी के एचआर मैनेजर अवनीन्‍द्र तिवारी पर जानलेवा हमला कर दिया था। पीडित एचआर मैनेजर द्वारा कम्‍पनी की एक युनिट में काम करने वाले कर्मचारियों को कम्‍पी परिसर में ही स्थित दूसरी युनिट में शिफ्ट करने के आदेश दिए थे। यह बात कर्मचारियों को पसंद नहीं आई। कर्मचारियों ने इसका विरोध किया जिसके चलते कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच विवाद शुरू हो गया। इसी बीच कर्मचारियों ने एचआर मैनेजर अवनीन्‍द्र तिवारी पर पाईप, डंडों तथा लोहे की रॉड से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। सूचना पर पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 6 लोगों को गिरफ्ताार किया था।

क्‍या है ग्रेजियानों प्रकरण ?

ग्रेटर नोएडा स्थित उद्योग विहार में इटली की एक कम्‍पनी ग्रेजियानों ट्रांसमिशन कम्‍पनी स्थित है। इस कम्‍पनी में कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच पैदा हुए विवाद ने भीषण रूप धारण कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कम्‍पनी की ओर से लगभग 200 कर्मचारियों को बर्खास्‍त कर दिया था। कार्रवाई के खिलाफ कम्‍पनी प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारी कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन कम्‍पनी प्रबंधन इस पर कोई ध्‍यान नहीं दे रहा था। 22 सितम्‍बर 2008 को अचानक कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन उग्र हो गया। दोपहर को कर्मचारी जबरन कम्‍पनी के अंदर घुस गए। जमकर कम्‍पनी में तोड़फोड़ की। इसके बाद उग्र प्रदर्शनकारियों ने अपने कार्यालय में बैठे कम्‍पनी के सीईओ ललित किशोर चौधरी पर हमला कर दिया। उग्र कर्मचारियों की भीड़ ने लाठी, डंडों और ईंट तथा पथरों से उनकी पीट पीटकर हत्‍या कर दी थी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए लगभग सैकड़ों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने 9 साल बाद मामले में अतिरिक्त सत्र न्‍यायधीश ने लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

कम्‍पनियों में होने वाले विवाद से जाता है गलत संदेश

ग्रेटर नोएडा उत्‍तर प्रदेश की शो विंडो है। प्रदेश सरकार ने देश और विदेश के निवेशकों के सामने नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जिस रूप में पेश किया है उससे इसकी राष्‍ट्रीय और वैश्विक स्‍तर पर सुनहरी छवि बन गई है। यदि ऐसे में यहां के उद्योगों में कर्मचारी-प्रबधन के बीच किसी तरह का विवाद पैदा होता है तो इसका सीधा प्रभाव नोएडा और ग्रेटर नोएडा की छवि पर पड़ेगा। इससे निवेशकों के मन में कई सुरक्षा के लिहजार से कई तरह की आशंकाएं पैदा होंगी। यह राज्‍य और केन्‍द्र सरकार की पूंजी निवेश को आकर्षित करने की मुहिम पर बुरा असर डाल सकती है।

इस संबंध में ग्रेटर नोएडा-द्वितीय योगेन्‍द्र सिंह का कहना है कि औद्योगिक संस्‍थाओं के कर्मचारियों और अधिकारियों को एक मंच पर लाकर एक दूसरे के बीच विश्‍वास कायम करना बैठक का मुख्‍य उद्देेश्‍य था। इसके अतिरिक्‍त यदि उद्योगों को किसी भी तरह की सुरक्षा सम्‍बन्धित समस्‍या हो तो उस पर खुलकर विचार किया जा सके। उद्योगों से जुड़े लोगों ने औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से गश्‍त बढ़ाने की मांग की है। उनकी इस मांग पर जल्‍द कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्‍त उद्योगों में काम करने वाले लोगों ने रात के समय कम्‍पनी आते जाते समय आने वाली कई तरह की समस्‍याओं के बारे में बताया। इस संबंध में कम्‍पनी प्रबंधन से कर्मचारियों के लिए फोटो पहचान पत्र जारी करने के लिए कहा है जिससे रात को पुलिस इनकी पहचान कर सके।

 

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