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बेटी को भगाकर ले जाने के अपमान का खौफनाक बदला, पांच साल बाद गौतम बुद्ध नगर में दिया साजिश को अंजाम

Panchayat 24 : सामाजिक अपमान की आग में जल रहे एक पिता ने पांच साल बाद बदला लेने के लिए खौफनाक साजिश रची। इसमें भाई भाई ने भाई का साथ दिया। गौतम बुद्ध नगर में इस खौफनाक साजिश को अंजाम दिया गया। सेंट्रल नोएडा पुलिस की कड़ी जांच में पूरी साजिश से पर्दा उठ गया। पुलिस द्वारा चार हत्‍यारोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, लड़की के पिता तथा चाचा फरार हैं। पुलिस इनकी तलाश कर रही है।

क्‍या है पूरा मामला ?

एडीसीपी सेंट्रल नोएडा हृदेश कठेरिया ने बताया कि बीती 16 जून को ईकोटेक-तृतीय कोतवाली क्षेत्र के पास स्थित झाडियों में एक युवक का अज्ञात शव मिला था। पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए शव की शिनाख्‍त संभल निवासी भुवनेश यादव के रूप में हुई थी। वह अपनी पत्‍नी के साथ बिसरख कोतवाली के पतवाड़ी गांव में रह रहा था। वह ऑटो चलाता था। पुलिस ने मुखबिर एवं कॉल डिटेल के आधार पर तिलपता गोल चक्‍कर के पास से अबधेश, यशपाल उर्फ टिण्‍डा उर्फ टीटू, अवधेश और नीरज को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके कब्‍जेसे एक बोलेरो गाड़ी और एक सोने का हार तथा चार सोने की चूडियां भी बरामद कर ली। पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने आरोपियों ने भुवनेश यादव की गला दबाकर हत्‍या करने की बात स्‍वीकार कर ली।

बेटी को घर से भगाकर प्रेम विवाह करने का बदला लेने के लिए पिता ने कराई थी हत्‍या

पुलिस के अनुसार पांच साल पूर्व भुवनेश ने गांव के ही बुद्धसेन की बेटी को घर से भगाकर शादी कर ली थी। इस घटना के बाद से बुद्धसेन भुवनेश से अपने सामाजिक अपमान का बदला लेना चाहता था। इसके बाद भुवनेश पत्‍नी सहित नोएडा आकर रह रहा था। वह ऑटो चलाता था। भुवनेश के गांव जाने पर बुद्धसेन खुद को अपमानित महसूस करता था। उसने भुवनेश से बदला लेने के लिए उसकी हत्‍या की साजिश रची। इस साजिश में उसका भाई खड़गसिंह भी शामिल हो गया। गांव के दामाद नीरज से भुवनेश की हत्‍या कराने के लिए भाड़े के हत्‍यारे तलाशने की बात कही। इसकी एवज में तीन लाख रूपये देने तय हुए। नीरज ने अपने साथियों अबधेश, यशपाल उर्फ टिण्‍डा उर्फ टीटू और अवधेश के को अपनी साजिश में शामिल कर लिया।

हत्‍या के बाद सुपारी की रकम के बदले सोने का हार और चार सोने की चुडियांं देना हुए तय 

बुद्धसेन ने भुवनेश की हत्‍या की सुपारी तीन लाख रूपये में नीरज को दी। हत्‍या की सुपारी की रकम के लिए उसने एक सोने का हार और चार सोने की चुडियां देना तय किया। सोने के इन आभूषणों को संभल में ही ज्‍वैलर्स की दुकान पर गिरवी रख दिए गए। तय हुआ कि जैसे ही भुवनेश की हत्‍या कर दी जाएगी, तभी इन आभूषणों को ज्‍वैलर्स की दुकान से आकर नीरज और उसके साथी ले जाएंगे।

कई दिनों तक नोएडा आकर  हत्‍यारोपियों ने भुवनेश को तलाशा

साजिश को अंजाम देने के लिए 10 जून को नीरज अपनी बोलेरो गाड़ी से अवधेश और टिण्‍डा की हत्‍या करने नोएडा पहुंच गए। कई दिनों तक लाश करने के बाद भी उन्‍हें भुवनेश नहीं मिला। 12 जून को टिण्‍डा ने अबधेश को फोन कर बताया कि भुवनेश उन्‍हें नहीं मिल रहा है। वह भी नोएडा आ जाए। उसी दिन अबधेश भी नोएडा आ गया। वहीं, नीरज अपनी बोलेरो गाड़ी को वहीं छोड़कर वापस संभल चला गया। हत्‍यारोपियों ने भुवनेश की तलाश तेज कर दी। 15 जून को उनकी मुलाकात सूरजपुर ऑटो स्‍टैण्‍ड पर भुवनेश से हो गई। भुवनेश को उसकी हत्‍या की रची गई साजिश के बारे में भनक तक नहीं थी। भुवनेश को सूरजपुर ऑटो स्‍टैण्‍ड पर देखकर हत्‍यारोपियों से बातचीत की। उसका हालचाल जाना। इसके बाद टिण्‍डा और अबधेश उसके ऑटो में बैठकर उसके साथ गौर सिटी की ओर चल दिए। अवधेश बोलेरो कार में उनके पीछे पीछे चल दिया।

शराब पिलाकर भुवनेश की हत्‍या की बनाई योजना

हत्‍यारोपियों ने भुवनेश की हत्‍या करने के लिए योजना बनाई। योजना के अनुसार उसको शराब पिलाकर नशे की हालत में हत्‍या को अंजाम दिया जाना था। योजना को अंजाम देने के लिए आरोपियों ने भुवनेश से कहा कि तुम बहुत दिनों बाद मिलो हो। उन्‍होंने भुवनेश से शराब पार्टी करने की बात कही। भुवनेश के ऑटो दो सवारी एटीएस गोल चक्कर की थी। गौर सिटी पहुँचकर भुवनेश ने कहा कि उसे एटीएस गोल चक्कर सवारी छोडने जाना है। छोडकर वापस आता हूँ, फिर बैठकर ड्रिंक पार्टी की जायेगी। योजना के अनुसार वापस आने पर भुवनेश ने अबधेश को फोन किया। और अबधेश, टिण्‍डा और अवधेश के पास पहुंच गया। सभी की मुलाकात होने के बाद सभी ने शराब के ठेके से अंग्रेजी शराब की बोतल ली। बाद में छोटी मिलक पहुंच गए। अवधेश भी नीरज की बोलेरो लेकर वहां पहुंच गया। यहां पर सभी ने शराब पी। योजना के अनुसार भुवनेश को बहुत अधिक शराब पिलाई गई। हत्‍यारोपियों ने दिखावे के लिए ही शराब पी। लगभग 11 बजे सभी बोलेरो कार में सवार होकर वहां से निकल पड़े। इस दौरान भुवनेश पूरी तरह से नशे में धुत था। उसने कार में उल्‍टी भी कर दी थी। बीच रास्‍ते में मौका पाकरगमछे से अबधेश और टिण्‍डा ने उसकी गला दबाकर हत्‍या कर दी। अवधेश गाड़ी चला रहा था। इसके बाद उसका फोन स्विच ऑफ करके शव को पुलिस लाइन के पास फैंककर वहां से संभल लौट गए। वहां ज्‍वैलर्स की दुकान पर गिरवी रखे आभूषण भी हत्‍यारोपियों ने ले लिए।

सबूत मिटाने के लिए दोबारा पहुंच गए नोएडा 

पुलिस के अनुसार भुवनेश की हत्‍या हुए कई दिन बीत जाने के बाद हत्‍यारोपियों को लगने लगा कि पुलिस उनके पास तक नहीं पहुंच सकेगी। इसके बावजूद उन्‍हें डर था कि मिलक लच्‍छी में खड़ा भुवनेश का ऑटो, जिसको हत्‍यारोपियों ने कार के कवर से ढक दिया था, पुलिस के हाथ लग गया तो भुवनेश की हत्‍या का शव गहरा जाएगा। हत्‍यारोपी ऑटो को वहां से हटाने के लिए दोबारा नोएडा पहुंच गए। यहां पुलिस ने हत्‍यारोपियों को दबो लिया।

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