दादरी विधानसभा

जिस मुद्दे ने पश्चिम में भाजपा के पैरों तले से छीन ली जमीन, गौतम बुद्ध नगर में नहीं दिखा सका रंग

The issue which snatched the ground from under the feet of BJP in the west, could not show any effect in Gautam Buddha Nagar

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी उम्‍मीदवार डॉ महेश शर्मा ने न केवल बड़ी जीत दर्ज की है, बल्कि अपने ही साल 2019 के जीत के रिकार्ड को तोड़ दिया है। जब पूरे प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन आशा के विपरीत रहा है, ऐसे में गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत वाकई में अहम हो जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस मुद्दे ने भाजपा को राजस्‍थान, हरियाणा और उत्‍तर प्रदेश में परेशान किया, वह मुद्दा भी गौतम बुद्ध नगर में असर नहीं छोड़ सका। डॉ महेश शर्मा ने सही समय पर संगठन और अपने चुनावी कौशल का प्रयोग करके परिस्थितियों को नियंत्रित कर लिया।

दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पूर्व राजपूत समाज में भाजपा के प्रति काफी नाराजगी थी। भाजपा के थिंक टैंक ने राजपूत समाज की नाराजगी को दूर करने का काफी प्रयास किया, लेकिन नाराजगी समय के साथ बढ़ती चली गई। भाजपा के रणनीतिकार भी इस बात को समझ रहे थे यदि समय रहते इस मुद्दे को हल नहीं किया गया तो चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। चुनाव परिणाम भी इस बात की ओर संकेत करते हैं। पश्चिम उत्‍तर प्रदेश की कई सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां तक कि मुजफ्फरनगर सीट पर संजीव बालियान की हार के लिए राजपूत समाज की नाराजगी को अहम कारण माना जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त नगीना और सहारनपुर सीटों पर भी राजपूत समाज का विरोध काफी प्रखर था। चुनाव पूर्व भाजपा के दो फायरब्राण्‍ड नेता संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच चला वाकयुद्ध इस दौरान काफी चर्चा का विषय बना। राजपूत समाज के विरोध के परिणामरूवरूप मेरठ सीट पर भाजपा प्रत्‍याशी अरूण गोविल मुश्किल से चुनाव जीते। हालात यहां तक बन गए कि पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं को हस्‍तक्षेप करना पड़ा। इस सबके बावजूद गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर राजपूत समाज के विरोध का कोई असर दिखाई नहीं दिया।

हालांकि ऐसा नहीं है कि राजपूत समाज के भाजपा विरोध की तपिश गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट तक नहीं पहुंची थी। चुनाव से पूर्व यहां भी भाजपा उम्‍मीदवार डॉ महेश शर्मा का कुछ स्‍थानों पर विरोध तक किया गया था। कुछ युवाओं ने विरोध में नारेबाजी भी की थी। सोशल मीडिया पर बाकायदा एक मुहिम चलाकर भाजपा और डॉ महेश शर्मा की खिलाफत की गई। युवाओं के बीच भ्रमित संदेश वायरल किए गए। राजपूत समाज के कुछ भाजपा नेताओं ने पार्टी के खिलाफ जाकर विरोधी उम्‍मीदवार का जातीय आधार पर समर्थन किया।

हालात को देखते हुए राजपूत समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए दो बार मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की सभाएं की गई। चुनाव से ठीक पूर्व राजनाथ सिंह की सभी भी राजपूत बाहुल्‍य साठा चौरासी के अहम गांव बिसाहड़ा गांव में हुई। वहीं, भाजपा प्रत्‍याशी डॉ महेश शर्मा ने रूठोंं को मनाने, लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संपर्क बनाए रखने और राजपूत समाज के बुजुर्गों तथा सम्‍मानित लोगों से मुलाकात कर नाराजगी को बहुत हद तक दूर करने का काम किया। इन प्रयासों का परिणाम 4 जून को भाजपा प्रत्‍याशी डॉ महेश शर्मा की ऐतिहासिक जीत में स्‍पष्‍ट दिखा।

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