गौतम बुद्ध नगर की एक मात्र नगरपालिका दादरी में नहीं होगी रामलीला ! रामलीला के अस्तित्व पर मंडराया संकट, क्या है पूरा मामला ?
Ramlila will not be held in Gautam Buddha Nagar's only municipality Dadri! Threat to the existence of Ramlila, what is the whole matter?

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर जिले की एक मात्र नगरपालिका होने का गौरव रखने वाले दादरी नगर की एक अलग विडंबना है। इस नगर से निकलकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और आधा ग्रेटर नोएडा वजूद में आकर राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाई है। इसको दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि ग्रामीण आंचल से घिरे इस नगर में होने वाली रामलीला के अस्तित्व पर संकट के बादल खड़े हो गए है। संभवत: नगर में रामलीला का आयोजन बंद हो सकता है।
क्या है पूरा मामला ?
दादरी जिले की एक मात्र नगरपालिका है। यहीं, पर दादरी तहसील का कार्यालय भी स्थित है। दादरी तहसील पूरे प्रदेश में सर्वाधिक राजस्व देने वाली तहसीलों में गिनी जाती है। यह नगर कभी जिला बुलन्दशहर की सिकन्द्राबाद तहसील का हिस्सा हुआ करता था। बाद में गाजियाबाद जिला बनने के बाद यह नगर गाजियाबाद का हिस्सा बन गया। शासन ने इसको तहसील का दर्जा दे दिया। मायावती की सरकार में 6 सितंबर 1997 को गाजियाबाद के बिसरख और दादरी तथा बुलन्दशहर के दनकौर और जेवर विकासखण्डों को मिलाकर गौतम बुद्ध नगर जिले का निर्माण किया गया। दादरी नगर के महत्व को गौतम बुद्ध नगर में इस बात से समझा जा सकता है कि यह जिले की सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र रहा है। वर्तमान में भी नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अस्तित्व में आने के बाद आर्थिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का केन्द्र दादरी से धीरे धीरे इन शहरों में शिफ्ट हो गया है। दादरी में देश की आजादी के समय से रामलीला का आयोजन होता चला आ रहा है। वर्तमान में दादरी की पहचान रही रामलीला के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो गया है। शासन, प्रशासन और सरकार के स्तर पर यदि विशेष प्रयास नहीं हुए तो दादरी की रामलीला भविष्य में कहानियों का हिस्सा बनकर रह जाएगी।
बदलते समय से प्रभावित होती रही है दादरी की रामलीला
दरअसल, दादरी में रामलीला का आयोजन देश की आजादी के समय से ही चला आ रहा है। बुजुर्ग बताते हैं कि दादरी के आसपास के गांवों से भी भारी संख्या में लोग दादरी में होने वाली रामलीला को देखने जाते थे। दादरी निवासी जगभूषण गर्ग बताते हैं कि दादरी की रामलीला का आयोजन शुरूआत में सीमित रूप मेंअयोध्यागंज में होता था। बाद में इसको पुरानी अनामंडी में शिफ्ट कर दिया। यहां पर विस्तृत आकार में रामलीला का सार्वजनिक आयोजन होने लगा था। कई दशकों तक यहां रामलीला का आयोजन होता था और मिहिर भोज डिग्री कॉलेज में दशहरे के दिन रावण दहन का कार्यक्रम होता था। 13 सितंबर 1992 को तत्कालीन दादरी विधायक महेन्द्र सिंह भाटी की हत्या के बाद दादरी में रामलीला का आयोजन बदं हो गया। इसके बाद एक लंबा दौर गुजर गया लेकिन दादरी में रामलीला की शुरूआत नहीं हो सकी। साल 2007 में रामलीला के आयोजन की पुन: शुरूआत की गई। बिसाहड़ा रोड़ दुर्गा मंदिर पर पर्दे वाली रामलीला का आयोजन किया गया। यह वह दौर था जब दादरी में अपराधिकरण गति पकड़ रहा था। इसकी चपेट में कारोबारी विनोद गोयल आए। उनकी 2009 में नगर में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। विनोद गोयल दादरी में दोबारा रामलीला की शुरूआत कराने वालों में मुख्य भूमिका में थे। इस घटना के बाद दादरी में रामलीला के आयोजन पर एक बार फिर विराम लग गया। दो साल बाद साल 2011 से लव कुश धार्मिक रामलीला कमेटी ने नगर में रामलीला के आयोजन का बीड़ा उठाया। तब से लगातार दादरी में रामलीला का आयोजन हो रहा है। साल 2015 में रामलीला आयोजन स्थल में बदलाव किया गया। तभी से लगातार रेलवे रोड़ स्थित श्री अग्रसेन आदर्श इण्टर कॉलेज में रामलीला का आयोजनहो रहा है। हालांकि बीच में कोरोना के कारण 2021 में रामलीला का आयोजन नहीं हो सका।
दादरी में नहीं है स्थाई रामलीला ग्राउंड, कभी भी बंद हो सकती है रामलीला !
पूर्व में दादरी नगर में जिन स्थानों पर रामलीला होती रही थी, वह स्थान नगर के बीचों बीच और आबादी क्षेत्र में स्थित थे। अयोध्यागंज और पुरानी अनाजमंड़ी में व्यवसायिक गतिवधियों का केन्द्र बन गए हैं। यहां पर किसी भी सार्वजनिक आयोजन के लिए पर्याप्त स्थान नहीं बचा है। मिहिर भोज डिग्री कॉलेज प्रबंधन समिति कॉलेज परिसर में शिक्षण कार्य के प्रभावित होने के कारण किसी भी सार्वजनिक आयोजन की अनुमति देने को तैयार नहीं है। किसी दूसरे स्थान पर रामलीला जैसे धार्मिक आयोजन को कराने के लिए पर्याप्त एवं सुरक्षित स्थान नहीं है। रेलवे रोड स्थित श्री अग्रसेन इंटर कॉलेज का खेल मैदान ही शेष बचा है जहां पर रामलीला का आयोजन हो रहा है। लव कुश धार्मिक रामलीला आयोजन समिति के अध्यक्ष पवन बंसल का कहना है कि अभी श्री अग्रसेन आदर्श इण्टर कॉलेज की प्रबंध समिति रामलीला कराने के लिए अनुमति दे रही है। जिस दिन कॉलेज प्रबंधन समिति ने मिहिर भोज डिग्री कॉलेज प्रबंधन समिति की तरह शिक्षण कार्य का हवाला देते हुए रामलीला के आयोजन को अनुमति देना बंद कर दिया, उस दिन से दादरी में रामलीला का आयोजन भी बंद हो जाएगा। पवन बंसल का कहना है कि कितनी बड़ी विडंबना है कि छोटे-छोटे गांवों में रामलीला एवं सार्वजनिक आयोजनों के लिए रामलीला ग्राउंड मौजूद हैं। लेकिन दादरी में कोई ऐसा मैदान नहीं है। यह दादरी का दुर्भाग्य ही है।
दादरी में रामलीला ग्राउंड अभी नहीं तो कभी नहीं
वर्तमान में औद्योगिक विकास के नाम पर दादरी तथा आसापास की जमीनों का ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा बड़े पैमाने पर अधिग्रहण किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ग्रेटर नोएडा फेज-2 नाम से अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना प्रस्तावित है। इस परियोजना में गौतम बुद्ध नगर की दादरी विकासखंड के लगभग सभी गांव और हापुड़ जिले के धौलाना तहसील के कई गांव शामिल हैं। दादरी के लोगों का कहना है कि इस परियोजना में दादरी एवं आसपास के गांवों की शेष जमीन का अधिग्रहण होना प्रस्तावित है। दादरी नगर में रामलीला ग्राउंड जमीन के अभाव के कारण अभी तक अस्तित्व में नहीं आ सका है। ऐसे में यदि अभी भी दादरी नगर में एक रामलीला ग्राउंड निर्धारित नहीं हुआ तो भविष्य में जमीन अधिग्रहण के कारण इसकी सभी संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। लव कुश धार्मिक रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन बंसल का कहना है कि इस संबंध में जिले के सभी जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की जाएगी। कमेटी का एक प्रतिनिधिमण्डल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनके सम्मुख अपनी मांग रखकर दादरी में रामलीला ग्राउंड निर्माण का अनुरोध करेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासनकाल में भी रामलीला ग्राउंड के निर्माण को लेकर दादरीवासियों को मायूसी लगी हाथ
दादरी के लोगों का कहना है कि मायावती जब उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी तो दादरी नगर में रामलीला ग्राउंड के निर्माण की उम्मीद जगी थी। बता दें कि दादरी क्षेत्र का बादलपुर गांव बसपा की वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का पैतृक गांव है। लोगों का कहना है कि मायावती ने मुख्यमंत्री बनने के बाद केवल बादलपुर का ही विकास किया। इससे क्षेत्र के लोगों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा था। दादरी के लोग मायावती के मुख्यमंत्री बनने पर खुशी जाहिर कर रहे थे कि दादरी के बुरे दिनों का दौर समाप्त होने वाला है। दादरी का विकास तेजी से होगा और नगर में रामलीला ग्राउंड का निर्माण होगा, लेकिन लोगों को निराशा ही हाथ लगी।