उत्तर प्रदेश

यूपी विधान परिषद चुनाव : समाजवादी पार्टी से गुर्जर समाज को हाथ लगी निराशा, गौतम बुद्ध नगर की झोली खाली

UP Legislative Council Elections: Gurjar community disappointed with Samajwadi Party, Gautam Buddha Nagar's bag empty

Panchayat 24 : उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में 13 सदस्‍य निर्विरोध चुन लिए गए हैं। 10 सदस्‍य भाजपा और उसके सहयोगी दलों के हैं। वहीं, 3 सदस्‍य भाजपा के खाते से चुने गए हैं। भाजपा के सदस्‍यों में डॉ. महेंद्र सिंह, विजय बहादुर पाठक, अशोक कटारिया, मोहित बेनीवाल, संतोष सिंह, धर्मेंद्र सिंह और रामतीरथ सिंघल का नाम शामिल है। वहीं समाजवादी पार्टी के सदस्‍यों में शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली, बलराम यादव और किरनपाल कश्यप का नाम शामिल है। विधान परिषद चुनाव में पश्चिम उत्‍तर प्रदेश के प्रभावशाली गुर्जर समाज को समाजवादी पार्टी से निराशा हाथ लगी है। पार्टी ने गुर्जर समाज के किसी भी प्रतिनिधि को विधान परिषद नहीं भेजा है। जबकि अजमगढ़ से दो सदस्‍यों गुड्डु जमाली और बलराम यादव को विधान परिषद का सदस्‍य बनाया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार अशोक कटारिया को विधान परिषद भेजकर गुर्जर समाज को सदन में प्रतिनिधित्‍व दिया है।

गुड्डु जमाली को विधान परिषद भेजकर सपा ने साधे एक तीर से दो निशाने

शाह आलम उर्फ गुड्डु जमाली को उत्‍तर प्रदेश के प्रभावशाली मुस्लिम नेताओं में गिना जाता है।  आजम गढ़ की मुबारकपुर सीट से वह साल 2012 और 2017 में बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे। बसपा के ही टिकट पर वह मुलायम सिंह यादव और धर्मेन्‍द्र यादव के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उपचुनाव में धर्मेन्‍द्र यादव की हार का मुख्‍य कारण गुड्डु जमाली का बसपा से चुनाव मैदान में उतरना माना जाता है। हाल ही में गुड्डु जमाली से बसपा छोड़कर सपा ज्‍वाइन की है। गुड्डु जमाली उत्‍तर प्रदेश के धनाढ़य नेताओं में शामिल है। उनकी गिनती बड़े कारोबारियों में होती है। उनकी कई कंपनियां, स्‍कूल और कॉलेज हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्‍होंने साल 2022 के उपचुनाव में अपनी कुल सम्‍पत्ति 196 करोड़ बताई थी। गुड्डु जमाली को विधान परिषद भेजकर समाजवादी पार्टी ने एक तीन से कई निशाने साधे हैं। समाजवादी पार्टी ने गुड्डु जमाली के सहारे मुस्लिम मतदाताओं को साधाने का प्रयास किया है। वहीं, चर्चा है कि अखिलेश यादव आजम गढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में आजमगढ़ से बलराम यादव और गुड्डडु जमाली को विधान परिषद भेजकर समाजवादी पार्टी ने अपने गढ़ को मजबूत किया है।

पश्चिम को साधने के लिए किरणपाल कश्‍यप पर सपा ने खेला दांव, गुर्जरों को किया निराश

गुर्जर और जाट समाज पश्चिम राजनीतिक रूप से उत्‍तर प्रदेश का एक प्रभावशाली समाज माना जाता है। भाजपा ने अशोक कटियार और मोहित बेनिवाल को विधान परिषद भेजनकर गुर्जर और जाट समाज को साधाने का प्रयास किया है। राष्‍ट्रीय लोकदल से गठबंधन टूटने के बाद समाजवादी पार्टी के हाथों से जाट समाज लगभग फिसल चुका है। ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि गुर्जर समाज को तवज्‍जो देकर समाजवादी पार्टी पश्चिम के समीकरण को साध सकती है। लेकिन समाजवादी पार्टी ने पश्चिम में शामली जिले के रहने वाले पार्टी के वरिष्‍ठ नेता किरणपाल सिंह कश्‍यप को विधानसभा भेजकर नए सिरे से राजनीतिक समीकरणों को साधने का प्रयास किया है। वह 2002 में थाना भवन से विधायक चुने गए थे जिसके बाद मुलायम सिंह सरकार में उन्‍हें मंत्री बनाया गया था।

गौतम बुद्ध नगर के नेताओं के प्रयास हुए असफल

सूत्रों की माने तो गौतम बुद्ध नगर के कुछ समाजवादी पार्टी के नेता भी विधान परिषद जाने के लिए अपनी किस्‍मत अजमा रहे थे। वह पार्टी नेतृत्‍व के सामने अपनी पैरवी कर रहे थे। गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर संभवत: समाजवादी पार्टी किसी गुर्जर उम्‍मीदवार को ही चुनाव मैदान में उतारे, ऐसे में किसी गुर्जर नेता को विधान परिषद भेजकर गुर्जर समाज के मतदाताओं में एक सकारात्‍मक संदेश दिया जा सकता था। कुछ ऐसे ही तर्क गौतम बुद्ध नगर के गुर्जर नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्‍व के सामने रखे जा रहे थे। कुछ समय के लिए लगने लगा था कि पार्टी पश्चिम उत्‍तर प्रदेश से गुर्जर समाज के कार्यकर्ता को विधान परिषद भेजकर गुर्जर समाज और पश्चिम उत्‍तर प्रदेश को साध सकती है। लेकिन गौतम बुद्ध नगर के सपा नेताओं के सपनों पर पार्टी नेतृत्‍व ने पानी फेर दिया।

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