दादरी विधानसभा

जमीन कब्‍जाने का मामला : सभासद ने कहा -प्रशासन से क्‍लीन चिट के बावजूद मेरे परिवार की छवि धूमिल करने का किया जा रहा है प्रयास

Land grab case: Member said despite clean chit from administration, efforts are being made to tarnish the image of my family

 Panchayat24 : दादरी नगरपालिका सभासद तथा उसके परिवार का नाम एक जमीनी विवाद में आने के बाद सभासद ने मामले पर अपना पक्ष रखा है। सभासद का कहना है कि जिस जमीन पर उनके और उनके परिवार के कब्‍जे की बात की जा रही है, प्रशासन द्वारा मामले की जांच के बाद उन्‍हें क्‍लीनचिट दी गई है। इसके बावजूद कस्‍बे के ही कुछ लोग उन्‍हें और उनके परिवार की राजनीतिक छवि को धूमिल करना चाहते हैं। सभासद ने बीते मंगलवार को मामले की लिखित शिकायत दादरी उपजिलाधिकारी से भी की थी। हमने मामले में एक बार फिर प्रशासन से इस बारे में सत्‍यतता जाने के लिए दादरी उपजिलाधिकारी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे सम्‍पर्क नहीं हो सका।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, दादरी निवासी राजकुमार नामक एक व्‍यक्ति द्वारा दादरी नगरपालिका के सभासद नईम मेवाती पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके परिवार के लोगों द्वारा उनकी लगभग सात बीघा जमीन को कब्‍जा कर लिया गया है। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है। उनकी शिकायत और फोटो सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हुए हैं। मामले में नई मेवाती द्वारा भी अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह एक साजिश है। उनके परिवार को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया जा रहा है। जिस जमीन पर मेरे परिवार का कब्‍जा बताया जा रहा है, उससे उनका कोई लेना देना नहीं है। प्रशासन मामले की जांच कर उन्‍हें क्‍लीन चिट दे चुका है। इसके बावजूद मेरे परिवार को भूमाफिया और अपराधी बताया जा रहा है। इससे क्षेत्र में मेरे परिवार की प्रतिष्‍ठा धूमिल हो रही है। लोग तरह तरह की बात बना रहे हैं। नईम मेवाती का कहना है कि मेरे द्वारा दादरी नगरपालिका चुनावों में हिस्‍सेदारी की जाती है, लेकिन कुछ लोगों को यह पसंद नहीं है। उन्‍होंने कहा है कि जिस तरह से मेरे परिवार को बदनाम करने का अभियान चलाया जा रहा है, उसकी जांच की जाए।

प्रशासन की भूमिका अहम, जांच में पता चलेगी सच्‍चाई

इस जमीनी विवाद में जिस तरह से स्‍वयं को सही ठहरा रहे हैं, ऐसे में प्रशासन की भूमिका अहम हो जाती है। बता दें कि दोनों ही पक्षों ने मामले की जांच के लिए दादरी उपजिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। दोनों ही पक्ष कानूनी तरीके अपने दावे पेश कर रहे हैं। कई बार जमीनी विवाद दो पक्षों के बीच टकराव का करण बन जाते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन की भूमिका अहम हो जाती है।  हालांकि हमने भी पूरे मामले में प्रशासन का पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन दादरी उपजिलाधिकारी से सम्‍पर्क नहीं हो सका।

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