शराब के ओवर रेटिंग विवाद को समाप्त करने के लिए शासन ने शुरू किया पायलट प्रोजेक्ट, जानिए क्या है पूरा मामला ?
Government started pilot project to end liquor over-rating controversy, know what is the whole matter?

Panchayat 24 : शराब की दुकानों पर अक्सर शराब के निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली को लेकर दुकानदार और खरीददार के बीच विवाद की खबरें आती रहती है। जिला आबाकारी विभाग की लगातार निगरानी के बावजूद शराब विक्रेताओं दुकानदारों पर शराब के निर्धारित शुल्क से अधिक रकम वसूले जाने के आरोप लगते रहे हैं। कई बार मामले में दोनों पक्षों के बीच हिंसा की भी खबरें सामने आई हैं। ऐसे में शासन ने समस्या के के समाधान की दिशा में कदम बढ़ाएं हैं। हालांकि अभी यह समाधान एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत केवल बीयर की दुकानों पर ही शुरू किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट की दिशा में आने वाली समस्याओं का समाधान करने के बाद इस व्यवस्था को अंग्रेजी और देशी शराब की दुकानों पर भी लागू किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, शराब खरीददारों द्वारा शराब विक्रेता दुकानदारों पर शराब के निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क वसूले जाने की शिकायतें आती रहती है। जिला आबाकारी विभाग द्वारा कई बार ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई भी कई गई है। कार्रवाई के दौरान शराब विक्रेता दुकानदारों पर लगने वाले आरोप सही भी पाए गए हैं। ऐसे में शासन ने शराब विक्रेताओं की मनमानी पर अंकुश लगाने की दिशा में कदम बढाएं हैं। इसके बाद शराब विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों से अधिक शुल्क वसूलना संभव नहीं होगा।
जिला आबाकारी अधिकारी सुबोध कुमार ने बताया कि शासन द्वारा पूरे प्रदेश में दिल्ली की तर्ज पर शराब के ऑनलाइन शुल्क भुगतान की तैयारी की जा रही है। फिलहाल उत्तर प्रदेश में शराब के ऑनलाइन भुगतान के लिए केवल बीयर की दुकानों पर ही इस व्यवस्था को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। बीयर की दुकानों पर ही पीओएस मशीनें मुहैया कराई गई है।
उन्होंने बताया कि गौतम बुद्ध नगर में फिलहाल बीयर की 140 बीयर की दुकानों पर पीओएस मशीने उपलब्ध करा दी गई है। यहां ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था लागू कर दी गई है। बाद में अंग्रेजी शराब की 141, देशी मदिरा की 232 और 25 मॉडल शॉप तथा एक भांग ठेके पर भी यह व्यवस्था लागू होगी। सुबोध कुमार ने बताया कि शासन शराब बिक्री को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। कई बार शराब विक्रेता दुकानों पर ओवर रेटिंग की शिकायतें सही पाई गई है जिनके खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई है। वहीं, कई मामलों में शिकायतें संदिग्ध भी पाई गई है। ऑनलाइन भुगतान के बाद इस प्रकार की शिकायतों में कमी आएगी।
बड़ा सवाल अभी भी शेष है ?
शासन स्तर से शराब के ऑनलाइन शुल्क भुगतान के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करके शराब की बिक्री की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के प्रयास किए जा रहे हो, लेकिन अभी भी एक बड़ा सवाल खड़ा है। शराब उपभोक्ताओं का एक बड़ा वर्ग अभी भी ऑनलाइन भुगतान करने में समर्थन नहीं है। ऐसे में शराब की बिक्री करने वाले दुकानदार उनसे शराब की बोतल पर बने बार कोड को पीओएस मशीन द्वारा स्कैन किए जाने के बाद भी निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क वसूल सकते हैं। इस बारे में जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार ने कहा कि पूरे प्रदेश में शुरू किए जा रहे ऑनलाइन भुगतान के पायलट प्रोजेक्ट में इस तरह की समस्याओं के समाधान पर भी विचार किया जा रहा है।