किसान आन्दोलन में नया मोड़ : रिहाई के बाद 32 किसानों को हिरासत में लेकर भेजा गया जेल, धरना कराया गया समाप्त
New turn in farmers' movement: After release, 32 farmers were taken into custody and sent to jail, protest was ended

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर में मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में चलाए जा रहे किसान आन्दोलन में बुधवार देर रात एक नया मोड़ आया है। देर शाम हिरासत में लिए गए 123 किसानों की रिहाई के बाद एक बार फिर से पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के जीरो प्वाइंट पर धरना दे रहे 32 किसानों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। पुलिस ने जीरो प्वाइंट से धरने को भी समाप्त करा दिया है। पुलिस ने किसान आन्दोलन से जुड़े लोगों को पकड़ने के लिए रात भर अभियान चलाया है।
क्या है पूरा मामला ?
बता दें कि गौतम बुद्ध नगर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा किए गए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसान 10 प्रतिशत विकसित भूखंड, 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, किसानों के हित में हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने, नए भूमि अधिग्रहण लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। अलग-अलग संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन शुरू किया। दो दिसंबर को दिल्ली कूच करने का प्रयास किया था। जहां किसानों को दलित प्रेरणा स्थल पर रोक दिया गया। प्रशासन से वार्ता के बाद किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल के अंदर धरना शुरू कर दिया। मंगलवार को पुलिस ने बलपूर्वक धरना समाप्त कराकर 123 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मामले को लेकर मुजफ्फरनगर के सिसौली के किसान भवन में भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) ने एक किसान पंचायत का आयोजन किया था। यहां भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचे थे। किसान पंचायत के बाद उन्होंने सोशल मी डिया पर एक वी डियो पोस्ट कर प्रदेश भर के किसानों से गौतम बुद्ध नगर के जीरो प्वाइंट पहुंचने का आहावान किया था। ग्रेटर नोएडा स्थित जीरो प्वाइंट पर एक किसान महापंचायत की तैयारियां शुरू की गई थी। हालांकि पुलिस ने राकेश टिकैत को अलीगढ़ जिले के टप्पल से हिरासत में लेकर रोक दिया गया था। हालांकि जीरो प्वाइंट पर किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। मंच से दलित प्रेरणा स्थल से हिरासत में लिए गए सभी किसानों को छोड़ने जाने और राकेश टिकैत को ग्रेटर नोएडा आने देने की मांग की। ऐसा नहीं करने पर किसानों ने दिल्ली कूच की घोषणा की थी। इसके बाद प्रशासन ने देर शाम हिरासत में लिए गए सभी 123 किसानों को छोड़ दिया गया था।
मुख्यमंत्री के कड़े रूख के बाद हरकत में आई पुलिस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में शासन स्तर र कानून व्यवस्था को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कड़ा कड़ा रूख अपनाते हुए स्पष्ट कहा कि गौतम बुद्ध नगर हो, अलीगढ़ हो, संभल हो या फिर कोई अन्य जिला हो। अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। इसके बाद किसान आन्दोलन को लेकर पुलिस एवं प्रशासन एक बार फिर हरकत में आ गया।
जेल से 123 किसानों की रिहाई के बाद देर रात जीरो प्वाइंट पर धरना स्थल पर मौजूद 32 किसानों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। वहीं, धरना स्थल से धरना भी समाप्त करा दिया गाय। सूचना है कि हिरासत में लिए गए 32 किसानों में किसान आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे अहम किसान नेताओं का नाम शामिल नहीं है। पुलिस किसान आन्दोलन से जुड़े किसानों को हिरासत में लेने के लिए रात में कई लोगों के घर पहुंची। कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। जबकि अधिकांश लोग भूमिगत हो गए हैं। सूत्रों की माने तो पुलिस, प्रशासन और सरकार की इस कार्रवाई के बाद किसान नेता नए सिरे से किसान आन्दोलन को आगे बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं।
पुलिस एवं प्रशासन रख रहे हैं हालात पर पैनी नजर
शासन स्तर पर किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार कर समाधान की दिशा में भी प्रयास जारी हैं। बता दें कि सरकार के आदेश पर शासन ने एक पांच अधिकारियों की एक समिति का गठन किया था। इस समिति को किसानों की मांग पर बनाई गई हाई पावर कमेटी की सिफारियों को लागू कराने के लिए बिन्दूवार अपनी रिपोर्ट एक महीने में शासन को सौंपनी है। किसान आन्दोलन से जुड़े अहम लोग अभी पुलिस की हिरासत से बाहर हैं। ऐसे में किसान आन्दोलन के बारे में बदली हुई परिस्थितियों में क्या निर्णय लिया जाए, यह अहम सवाल है। ऐसे में पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारी हालात पर करीब से पैनी नजर रख रहे हैं।