यासीन मलिक को मिली गुनाहों की सजा, जीवन भर रहना होगा सलाखों के पीछे
Yasin Malik gets punishment for crimes, will have to stay behind bars for life
Panchayat24.com : एनआईए कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन जम्मु कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के मुख्यिा यासीन मलिक को उम्र कैद और 10 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई है। यासीन मलिक ने कोर्ट के समाने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। टेरर फंडिंग और आतंकवादियों को हथियार मुहैया कराने के मामले में पटियाला हाऊस कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। यासीन को भी प्रतीत हो रहा था कि उसके गुनाहों की सजा फांसी ही हो सकती है। लेकिन उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद यासीन मलिक ने अपने वकील एपी सिंह को गले लगाया।
दो मामलों में हुई है उम्रकैद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यासीन मलिक को दो मामलों में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। आईपीसी की धारा 121 के अन्तर्गत उसे उम्र कैद और 10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। वहीं यूएपीए की धारा 17 के अन्तर्गत उसे उम्रकैद और 10 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इसके अतिरिक्त उसे आईपीसी की धारा 120बी, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 15, 18, 20, 38 और 39 के अन्तर्गत भी दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
सजा सुनाए जाने से पूर्व कोर्ट की सुरक्षा बढाई गई
यासीन मलिक को सुनवाई के बाद दोषी ठहराया गया था। आज उसे सजा सुनाए जाने के लिए पटियाला कोर्ट लाया गया। सजा पर बहस के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था। सजा सुनाने से पूर्व कोर्ट की सुरक्षा को पुख्ता किया गया था। वहीं लोग कोर्ट के बाहर तिरंगा लेकर पहुंचने थे।
अपने ऊपर लगे आरोपों को चुनौती देने से किया था इंकार
सुनवाई के दौरान यासीन मलिक ने अपने ऊपर लगे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने, आतंकवादियों को मदद मुहैया कराने, देशद्रोह, आतंक के लिए धन जुटाने जैसे आरोपों को चुनौती देने से इंकार कर दिया था। 19 मई को हुई सुनवाई के दौरान उसने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया था