ग्रेटर नोएडा जोनदादरी विधानसभास्पेशल स्टोरी

वैश्‍य समाज ने भाजपा नेतृत्‍व के सामने दादरी नगरपालिका और पार्टी जिलाध्‍यक्ष के लिए पेश की दावेदारी, पार्टी असमंजस में

Vaish Samaj presented the claim for Dadri Municipality and party district president in front of BJP leadership, party in confusion

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर में वैश्‍य समाज ने भारतीय जनता पार्टी  के सामने पार्टी जिलाध्‍यक्ष और जिले की एक मात्र नगरपालिका दादरी के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। वैश्‍य समाज के लोगों का कहना है कि जिले में लम्‍बे समय से समाज पार्टी में हाशिए पर है, जबकि वह भाजपा का कोर वोटर रहा है। वैश्‍य समाज द्वारा दावेदारी पेश करने से पार्टी के सामने एक चुनौती खड़ी हो गई है। बता दें कि आगामी नवम्‍बर माह में दादरी नगरपालिका और जनवरी में  नेए भाजपा जिलाध्‍यक्ष का चुनाव होना है।

दरअसल, वैश्‍य समाज के लोगों का कहना है कि जिले में उनका पार्टी में कोई प्रतिनिधित्‍व नहीं है। पंचायती चुनावों में वैश्‍य समाज का कोई प्रतिनिघित्‍व नहीं है। बिलासपुर, दनकौर, जेवर, रबूपुरा और जहांगीरपुर नगरपंचायत में भी वैश्‍य समाज को कोई स्‍थान नहीं नहीं दिया गया। वहीं पार्टी स्‍तर पर भी वैश्‍य समाज हाशिए पर ही है। ऐसे में दादरी नगरपालिका और पार्टी जिलाध्‍यक्ष पर वैश्‍य समाज की दावेदारी तर्कसंगत और न्‍यायोचित है।

दादरी नगरपालिका पर वैश्‍य समाज की दवेदारी क्‍यों ?

दरअसल, दादरी नगरपालिका जिले की उन स्‍थानीय निकायों में शामिल हैं जहां पर वैश्‍य समाज सबसे अधिक संख्‍या में हैं। यहां पर वैश्‍य समाज के सुरेश बंसल लगभग 27 सालों तक नगरपालिका के के चैयरमेन रह चुके हैं। यह भी सत्‍य है कि सुरेश चेयरमैन के बाद दादरी नगरपालिका पर कोई वैश्‍य जीत दर्ज नहीं कर सका है। वैसे यहां ब्राह्मण समाज की ओर से घनश्‍यामदास, बिशम्‍भरदयाल और गीता गीता पंडि़त चैयरमेन के पद पर कब्‍जा कर चुकी हैं। वर्तमान में भी गीता पंडित ही दादरी नगरपालिका की चैयरमेन हैं। जबकि गुर्जर समाज की ओर से कुसुमलता एक बार चैयरमैन बन चुकी है। मुस्लिम समाज की बात करें तो लगातार दो बार खलील उर्र रहमान सूफी चैयरमेन का चुनाव जीत चुके हैं।

नगरपालिका चुनाव में बड़ा फैक्‍टर है भाजपा

वर्तमान में दादरी नगरपालिका चुनावों में ब्राह्मण और वैश्‍य समाज का आधार भारतीय जनता पार्टी है। दोनों समाज भलीभांति जानते हैं कि बिना भाजपा के इनकी नैया पार नहीं होगी। वहीं यह भी बात सही है कि भाजपा का ये दोनों ही समाज दादरी नगर में मजबूत आधार हैं। पिछले कुछ सालों में दोनों समाज एक दूसरे के सामने राजनीतिक प्रतिद्वंदी के तौर पर उभरे हैं। वहीं, जानकारों की माने तो इस बार भाजपा के सामने गुर्जर समाज की ओर से भी ताल ठोकी जा रही है।

दादरी नगरपालिका का जातीय समीकरण

दादरी नगरपालिका की राजनीति के जानकारों की माने तो इस बार के चुनाव में वोटरों की संख्‍या बढ़कर एक लाख के आसपास हो जाएगी। इसमें सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। इनकी अनुमानित संख्‍या 25 हजार, ब्राह्मण 16 हजार, वैश्‍य 12 हजार, ठाकुर, 8 हजार, गुर्जर 7 हजार, जाटव 8 हजार, पंजाबी 1 हजार, बाल्मिकी 1.5 हजार, नाई 2 हजार, कुम्‍हार 2 हजार हैं। लगभग 20 हजर बाहरी मतदाता है। जानकार बताते हैं कि इन बाहरी मतदाताओं का रूझान हर चुनाव में भाजपा की ओर प्रमुखता से रहता है। पिछले कुछ चुनावें में यह बाहरी मतदाता वर्ग नगरपालिका चुनाव में अहम भूमिका निभा रहा है।

दादरी नगरपालिका पद के लिए प्रमुख उम्‍मीदवार

दादरी नगरपालिका चैयरमेन पद के लिए विशेषतौर पर वैश्‍य समाज की ओर से मनोज गोयल, प्रदेश उपाध्‍यक्ष व्‍यापार मण्‍ड़ल, पवन बंसल, अध्‍यक्ष भाजपा जिला व्‍यापार प्रकोष्‍ठ और जगभूषण गर्ग का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। इनमें जगभूषण गर्ग पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ता है। वहीं, मनोज गोयल की छवि पार्टी में एक तेज तर्रार कार्यकर्ता की है। हालांकि पिछले नगरपालिका चुनाव में मनोज गोयल ने पार्टी नेतृत्‍व के विरोध में जाकर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा था। वह चुनाव हार गए थे। लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों में उनकी घर वापसी हुई और तेजी से उन्‍होंने भाजपा में अपनी उसी स्थिति को हासिल कर लिया। वहीं गुर्जर समाज की ओर से विकल रावजी, दो बार के सभासद सुमित बैसोया और नीरज रावजी का नाम सामने आ रहा है।

वर्तमान चैयरमैन गीता पंडित है बड़ा सवाल ?

वर्तमान में गीता पंडित दादरी नगरपालिका की चैयरमेन है। उनकी समाज के हर वर्ग में स्‍वीकार्यता भी है। ऐसे में नगरपालिका चैयरमेन के लिए गीता पंडित बडा सवाल हैं। उनके कार्यकाल में नगर में काफी विकास कार्य हुए हैं। वह निर्वतमान चैयरमेन है, ऐसे में उनका टिकट काटने के लिए पार्टी के पास कोई उचित कारण अभी तक नहीं है। ब्राह्मण समाज की ओर से भी अन्‍य लोग पार्टी के सामने अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। इनमें भूतपूर्व चैयरमेन विशम्‍भर दयाल के पुत्र प्रेम पंडित, संजय शर्मा और चेतन वत्‍स का नाम शमिल हैंं।

पार्टी जिलाध्‍यक्ष पद पर भी दावेदारी 

इसके अतिरिक्‍त वैश्‍य समाज का यह भी कहना है कि अभी तक पार्टी की कमान ब्राह्मण, ठाकुर और गुर्जर जातियों के हाथों में रह चुकी है। वैश्‍य समाज को हर बार अनदेखा किया गया है। वैश्‍य समाज के लोगों का कहना है कि जिले में समाज को लोकसभा, राज्‍यसभा और विधानसभा और विधान परिषद में कोई प्रतिनिधित्‍व नहीं है। ऐसे में पार्टी को इस बार वैश्‍य समाज को पार्टी जिला इकाई की कमान सौंपनी चाहिए।

वैश्‍य समाज के  पार्टी जिलाध्‍यक्ष के लिए प्रमुख दावेदार

पार्टी के सामने जिलाध्‍यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश करने वालों में प्रमुख नाम पार्टी के पूर्व जिला महामंत्री मनोज जैन और लक्ष्‍मण सिंघल, पूर्व भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा जिलाध्‍यक्ष रवि‍ जिंदल, पार्टी के वर्तमान जिला महामंत्री मनोज गर्ग और राजेश गोयल का नाम शामिल है।

पार्टी के सामने समायोजन प्रमुख चुनौती

वैश्‍य समाज की ओर से भाजपा जिलाध्‍यक्ष और दादरी नगरपालिका पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर पार्टी नेतृत्‍व के सामने समस्‍या खड़ी कर दी है। वैश्‍य समाज का समायोजन पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती होगा। इसका प्रमुख कारण पार्टी में तेजी से उभरी गुटबाजी है। जानकारों का मानना है कि भाजपा के अन्‍दर मुख्‍य रूप से डॉ महेश शर्मा गुट और सुरेन्‍द्र नागर गुट अपने अपने लोगों को इन पदों पर लाना चाहेंगे। इससे भी पार्टी नेतृत्‍व की दिक्‍कतें बढ़ेंगी। जानकारों का यह भी कहना है कि आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पूर्व दादरी नगरपालिका चुनाव और पार्टी जिलाध्‍यक्ष का चुनाव भाजपा के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा। विशेष तौर पर दादरी नगरपालिका चुनाव दोनों ही गुटों के बीच मचने वाले राजनीतिक घमासान का गवाह बन सकता है।

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