दिल्ली

नाम अंकित सिरसा, उम्र 19 साल, पढ़ाई 9वीं पास, जीवन का पहला अपराध……. सिद्धु मूसेवाला को करीब से गोली मारकर उतारा मौत के घाट

Name Ankit Sirsa, age 19 years, 9th pass studies, first crime of life....... Sidhu Moosewala was shot dead from close range

Panchayat 24 : पंजाबी गायक सिद्धु मूसेवाला की मौत के बाद पुलिस जैसे जैसे हत्‍यारों की तलाश तेज कर रही है, वैसे वैसे इस केस में चौकाने वाली जानकारियों सामने आ रही है। इस कड़ी में दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने सिद्धु मूसेवाला हत्‍याकांड में शामिल दो आरोपियों सचिन सिरसा और अंकित भिवानी को दिल्‍ली कश्‍मीरी गेट से बीती 3 जुलाई को गिरफ्तार किया है। इनमें से अंकित सिरसा की उम्र महज 19 साल है और महज नौवीं पास है जिसने सिद्धु मूसेवावला की हत्‍या को अंजाम दिया। 9वीं कक्षा पास करने के बाद ही वह लॉरेंस गिरोह का सदस्‍य बन गया था। दोनों दो और लोगों की हत्‍या करने की योजना बना रहे थे। इसके बाद इन्‍होंने विदेश भागने की तैयारियां कर ली थी। दोनों आरोपियों को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

        

दो और लोगों की हत्‍या की थी योजना

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अंकित सिरसा ही वह हमलावर है जिसने सिद्धु मूसेवाला को सबसे करीब से गोली मारी थी। यह उसके जीवन का पहला मर्डर था। उसने  बेखौफ अंदाज में दोनों हाथों से अपने साथी प्रियव्रत फौजी के साथ मिलकर सिद्धु मूसेवाला पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थी। अंकित प्रियव्रत के साथ एक ही गाड़ी में सवार होकर फरार हुए थे। इस दौरान दोनों ने पंजाब पुलिस की वर्दी पहने हुए थे जिससे उनके ऊपर शक न हो और भागने में भी आसानी रहे।

सचिन ने साथी के साथ मिलकर शूटरों की मदद पहुंचाई 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अंकित सिरसा के साथ दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल के हत्‍थे चढ़ा सचिन भिवानी सिद्धु मूसेवाला हत्‍याकांड से पहले और बाद में शूटरों को मदद करताारहा। उसने ही हत्‍यारों को छ: राज्‍यों में सुरक्षित स्‍थान पर छिपने में मदद की। उन्‍हें हथियार मुहैया कराए, उनके लिए गाडियां मुहैया कराई थी।

आरोपियों से बरामद सामान

पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से पंजाब पुलिस की वर्दी बरामद की है। उन्‍होंने योजना बनाई थी कि यदि फरार होने में मुश्किल आएगी तो पंजाब पुलिस की वर्दी फरार होने में उनकी मदद करेगी। 9 एमएम पिस्‍टल के साथ 10 जिंदा कारतूस और .30 एमएम पिस्‍टल के साथ 9 जिंदा कारतूस भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा उनके पास से दो मोबाइल भी बरामद हुए हैं।

मास्‍क नहीं लगाने के कारण पकड़ा गया था प्रियव्रत फौजी

मनप्रीत मोनू, प्रियव्रत फौजी, अंकित सिरसा, और  सचिन एक साथ थे। इस दौरान वह हरियाणा, गुजरात और राजस्‍थान के कई शहरों में छिपे थे। सोशल मीडिया पर मनप्रीत और रूप की तस्‍वीरों भी वायल हो गई थी। इस बात का उन्‍हें भी पता चल गया था। उन्‍हें लगा कि उनकी वजह से गिरोह के अन्‍य सदस्‍यों तक पुलिस पहुंच सकती है। अंकित सिरसा और उसका साथी दीपक मुंडी वहां से भाग निकले, जबकि प्रियव्रत और केशव वहीं रूक गए। पुलिस ने प्रियव्रत फौजी को उस समय गिरफ्तार किया जब वह बिना मास्‍क के घूम रहा था। उसके साथ केशव भी पकड़ा गया था।

क्‍या था पूरा मामला ?

दरअसल, बीती 29 मई को सिद्धु मूसेवाला की गोलियांं बरसाकर उस समय हत्‍या कर दी गई थी जब वह अपनी थार जीप में सवार होकर अपने गांव जा रहा था। इस दौरान उसके पास सुरक्षाकर्मी नहीं थे जिसकी जानकारी हत्‍यारों को लग गई थी। दो कार सवार बदमाशोंने सिद्धु मूसेवाला की गाड़ी का पीछा कर रास्‍ते में रोक लिया और अंधाधुंध गोलियां बरसाकर उसकी हत्‍या कर दी। हत्‍या के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह को जिम्‍मेवार माना गया। कनाडा में बैठे इस गिरोह के अहम सदस्‍य गोल्‍डी बरार ने इस हत्‍याकांड की जिम्‍मेवारी ली। दरअसल, लॉरेंस बिश्‍नोई गिरोह अपने करीबी विक्‍की मिड्डूखेडा की हत्‍या के लिए सिद्धु मूसेवाला को जिम्‍मेवार मानता है। बदला लेने के लिए इस गिरोह ने सिद्धुमूसेवाला की हत्‍या कराई थी।

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