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शहादत के 38 साल बाद घर पहुंचेगा शहीद का पार्थिव शरीर, जानिए क्‍या है पूरा मामला ?

The body of the martyr will reach home after 38 years of martyrdom, know what is the whole matter?

Panchayat 24 : भारतीय सेना का ऐसा सिपाही जिसका शव शहादत के बाद 38 सालों तक अपने गांव की‍ मिट्टी से दूर रहा। भारतीय सेना द्वारा अब शहीद के शव को उनके पैतृक गांव पहुंचाया जा रहा है। पार्थिकव शव को सेनिक सम्‍मान के साथ लेह लाया गया है। पूरे सैन्‍य सम्‍मान के साथ शव को परिजनों को सौंपा जाएगा और अंतिम संस्‍कार किया जाएगा। अब शहीद की पत्‍नी की आयु लगभग 65 वर्ष, बड़ी बेटी की उम्र लगभग 46 साल और छोटी बेटी की उम्र 42 साल है।  मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शहीद की पत्‍नी हमेशा कहती थी कि एक दिन चन्‍द्रशेखर हरबोला घर जरूर आएंगे।

क्‍या है पूरा मामला ?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मूलरूप से उत्‍तराखंड के अलमोड़ा जिला स्थित द्वाराहाट के हाथीगुर बिंटा के रहने वाले चंद्रशेखर हरबोला15 दिसम्‍बर 1971 को कुमाऊं रेजीमेंट के रानीखेत सेंटर पर भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उस वक्‍त उनकी आयु 28 साल की थी। परिवार में पत्‍नी और दो बेटियां थी। साल 1984 में पाकिस्‍तान ने धोखे से सियाचिन पर कब्‍जा करने का प्रयास किया। भारतीय सेना द्वारा 13 अप्रैल 1984 को 16 हजार फीट की ऊंचाई पर ऑपरेशन मेघदूत सियाचिन ग्‍लेशियर के लिए लॉन्‍च किया।

स्रोत्र – एएनआई

उस वक्‍त लांस नायक के पद पर तैनात चंदरशेखर हरबोला भी उस सैनिक टीम का हिस्‍सा थे जिसे सियाचिन ग्‍लेशियर में स्थित प्‍वाइंट 5956 पर विजय पताका फहराने के लिए भेजा गया। यह 19 सदस्‍यीय भारतीय सैनिक दल हिमस्‍खलन और बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया। उनका कोई पता नहीं चला। भारतीय सेना द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान में 14 शव मिल चुके हैं। 5 शवों की तलाश अभी भी भारतीय सेना द्वारा किय जा रहा है। इस साल भी जैसे ही सियाचिन में इस दौरान भारतीय सेना को चन्‍द्रशेखर हरबोला का शव भारतीय सर्च टीम को बर्फ में दबा हुआ मिला। 13 अगस्‍त को परिजनों को चन्‍द्रशेखर हरबोला का शव मिलने की सूचना दी गई।

बर्फ पिंघलने पर भारतीय सेना ने चलाया था मेघदूत में खोए हुए सैनिकों की तलाशी के लिए अभियान

हर साल की तरह भारतीय सेना ने सियाचिन ग्‍लेशियर में बर्फ पिंघलने पर इस बार भी ऑपरेशन मेघदूत में खोए हुए सैनिकों के शवों की तलाशी के लिए तलाशी अभियान शुरू किया। 13 अगस्‍त को तलाशी दल को लांस नायक चन्‍द्रशेखर हरबोला का शव सियाचिन ग्‍लेशियर में बने एक पुराने बंकर में मिला।

हाथ पर बंधे सेना के डिस्‍क नम्‍बर से हुई पहचान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सियाचिन ग्‍लेशियर में मिले लांस नायक चन्‍द्रशेखर हरबोला के शव की पहचान भारतीय सेना द्वारा उन्‍हें दिए गए डिस्‍क नम्‍बर 4164584 से हुई। भारतीय सेना का हेलीकॉप्‍टर ससम्‍मान सहित शहीद चन्‍द्रशेखर के शव को लेह लेकर आया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां से उनके शव को हल्‍द्वानी लेकर जाया जाएगा। जहां परिवार के सदस्‍यों को शव सौंपा जाएगा। शव का पूरे सैनिक सम्‍मान के साथ अन्तिम संस्‍कार किया जाएगा।

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