गौतम बुद्ध नगर भाजपा की अर्न्तकहल : वायरल वीडियो बयां कर रही है 2024 के लोकसभा चुनावों की पटकथा
Gautam Buddha Nagar BJP's Antarkahal: Viral video is telling the script of 2024 Lok Sabha elections
डॉ देवेन्द्र कुमार शर्मा :
Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर में लम्बे समय से अर्न्तद्वंद चल रहा है। पार्टी में गुटबाजी चरम पर है। लकिन पार्टी के आला पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इसे केवल विरोधियों द्वारा पार्टी को बदनाम करने की साजिश बताकर पल्ला झाड़ा जाता रहा है। लेकिन हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो से पार्टी की अर्न्तकलह को पर्दे से बाहर ला दिया है। यह वीडियो एक संदेश दे रहा है जो आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की दिशा और दशा को बयां करता है।

क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, गौतम बुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी में खेमे बंदी चल रही है। पिछले लोकसभा चुनाव और हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की अर्न्तकहल और गुटबंदी खुलकर सामने आ गई थी। लेकिन जिले में पार्टी के तीनों उम्मीदवारों की जीत के बाद पार्टी नेतृत्व इस गुटबंदी को ढकने में कामयाब रहा था। लेकिन हाल ही के दिनों में सोशल मीडिया में एक वीडयो वायरल हो रहा है। 12 सेकेंड के इस छोटे से वीडियो में पार्टी की गुटबाजी की सारी कलई खोलकर रख दी है। इस वीडियो में धीरेन्द्र सिंह के अलग-अलग चित्रों को विभिन्न स्लाइडों के माध्यम से दिखाया गया है। हर फोटो के नीचे लिखा हुआ है ” चौबीस में धीरेन्द्र ! नोएडा के अगले सांसद ! # Mission 2024 ” जानकारों का मानना है कि जेवर से भाजपा विधायक धीरेन्द्र गुट की ओर से गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा गुट को एक राजनीतिक संदेश दिया गया है।
कैसे शुरू हुई गुटबाजी ?
दरअसल, गौतम बुद्ध नगर भाजपा में गुटबाजी की शुरूआत साल 2007-2008 में हुए परिसीमन के बाद गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद हुई। इस दौरान बहुजन समाज पार्टी की ओर से सुरेन्द्र सिंह नागर (वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सांसद) को पार्टी प्रत्याशी बनाया गया था। कई लोगों द्वारा भारतीय जनता पार्टी की ओर से अपनी दावेदारी पेश की गई थी। इनमें दादरी नोएडा विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक रहे नवाब सिंह नागर का नाम भी शामिल था। लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कैलाश अस्पताल के मालिक डॉ महेश शर्मा को पार्टी उम्मीदवार बनाया। राजनीति के जानकार बताते हैं कि भाजपा के कुछ लोगों को जातीय आधार पर डॉ महेश शर्मा की उम्मीदवारी पसंद नहीं आई और उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव में डॉ महेश शर्मा का विरोध किया। इनमें नवाब सिंह नागर गुट का नाम प्रमुख रूप से सामने आया। डॉ महेश शर्मा भी इस चुनाव में भतीरघात के बारे में जानते थे, लेकिन वह परिस्थितियों के चलते चुप थे। चुनाव परिणाम भाजपा के खिलाफ रहे। सुरेन्द्र सिंंह नागर ने डॉ महेश शर्मा को करीबी मुकाबले में हरा दिया।
नोएडा विधानसभा चुनाव में गुटबाजी आगे बढ़ी
2009 के लोकसभा चुनाव से शुरू हुई गौतम बुद्ध नगर भाजपा की गुटबाजी साल 2012 के नोएडा विधानसभा चुनावों में भी उभरकर सामने आई। दरअसल, नए परिसीमन के कारण जिले में नोएडा के नाम से नई विधानसभा भी अस्तित्व में आई। 2009 में लोकसभा का चुनाव हारकर महेश शर्मा ने साल 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव में नोएडा सीट पर अपनी दावेदारी भी पेश की। इस सीट पर विरोधी गुट की ओर से नवाब सिंह नागर ने भी दावेदारी पेश की। अन्तिम बाजी डॉ महेश शर्मा के हाथ लगी। नवाब सिंह नागर को दादरी विधानसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार बनाया गया। चुनाव परिणाम में नोएडा सीट पर डॉ महेश शर्मा की जीत हुई जबकि दादरी विधानसभा सीट पर नवाब सिंह नागर चुनाव हार गए।
2014 लोकसभा चुनाव में मुखर हुई पार्टी की गुटबाजी
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने कई दिग्गजों ने दावेदारी पेश की। लेकिन इनमें नोएडा विधायक डॉ महेश शर्मा और दादरी नोएडा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक नवाब सिंह नागर का नाम काफी चर्चा में था। अन्त में डॉ महेश शर्मा पार्टी का विश्वास जीतने में कामयाब रहे। जानकार मानते हैं कि डॉ महेश शर्मा की आरएसएस में गहरी पैठ नवाब सिंह नागर पर भारी पड़ रही थी। चुनाव परिणाम इस बार भाजपा के पक्ष में रहे और डॉ महेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नरेन्द्र सिंह भाटी (वर्तमान में भाजपा के विधान परिषद सदस्य) को भारी अंतर से चुनाव हरा दिया।
गौतम बुद्ध नगर भाजपा में डॉ महेश शर्मा गुट का दबदबा
गौतम बुद्ध नगर भाजपा में 2014 में मिली जीत के बाद डॉ महेश शर्मा का कद बहुत अधिक बढ़ गया। इसके पीछे लगातार पार्टी के अन्दर विरोधी गुट को पछाड़ना और केन्द्र में पार्टी द्वारा उन्हें तीन-तीन अहम पदों की जिम्मेवारी सौंपकर मंत्री बनाए जाना रहा। इस समय डॉ महेश शर्मा ही जिले में भाजपा हो गए। सभी अहम निर्णय कैलाश अस्पताल से लिए जाने लगे। फैसलों पर विरोधियों की नाराजगी कोई अहमियत नहीं रखती थी।
2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने रचा जिले में इतिहास
साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रचते हुए जिले की तीनाें सीटों पर जीत दर्ज की। नोएडा से पंकज सिंह (राजनाथ सिंह के बेटे), दादरी से तेजपाल सिंह नागर (बसपा छोड़कर आए) और जेवर विधानसभा सीट पर ठाकुर धीरेन्द्र सिंह (कांग्रेस छोड़कर आए) ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की। जानकार बताते हैं कि विरोधी गुट के नवाब सिंह नागर ने दादरी विधानसभा सीट पर पार्टी की ओर से दावेदारी पेश की थी, लेकिन डॉ महेश शर्मा के प्रभाव के कारण तेजपाल सिंह नागर को पार्टी ने टिकट दिया।
2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ महेश शर्मा को मिली कड़ी चुनौती
जानकार बताते हैं कि भाजपा के अन्दर डॉ महेश शर्मा का कई कारणों से विरोध होता है। कुछ लोग केवल इस कारण विरोध करते हैं कि जिले में गुर्जर और ठाकुर मतदाताओं बहुलता में हैं, ऐसे गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी कोई गुर्जर होना चाहिए। पार्टी के एक धड़े ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने भी यह बात रखी और डॉ महेश शर्मा पर गुर्जर विरोधी होने का आरोप लगाया। इस आरोप को निराधार साबित करने के लिए डॉ महेश शर्मा ने कई गुर्जर नेताओं को पार्टी में शामिल कराया। इनमें जेवर विधानसभा से पूर्व विधायक और मायावती सरकार के केबिनेट मंत्री वेदारम सिंह भाटी का नाम शामिल है। इसके बावजूद डॉ महेश शर्मा को इस बार विपक्षी गुट से मजबूत चुनौती मिल रही थी। जानकार मानते हैं कि हर बार डॉ महेश शर्मा विरोधी नवाब सिंह नागर के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साधते थे। नवाब सिंह नागर पर डॉ महेश शर्मा भारी पड़ते थे। लेकिन इस बार विपक्षी गुट की बागडोर सुरेन्द्र सिंह नागर के हाथों में थी। बता दें कि सुरेन्द्र सिंह नागर साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व ही समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया था। चुनाव से ठीक पहले जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह और महेश शर्मा के बीच विरोध मतभेद की खबरें आने लगी। पिछले किसी भी चुनाव की अपेक्षा विरोधी गुट ने डॉ महेश शर्मा की मजबूती से घेराबंदी कर दी। लेकिन डॉ महेश शर्मा इस बार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इस चुनाव से यह बात भी साबित हो गई कि आने वाले दिनों में डॉ महेश शर्मा के सामने विरोधी गुट परेशानी का सबब बनेगा।
2022 विधानसभा चुनाव में दोनों गुटों के बीच खिंच गई विरोध की लाइन
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में डॉ महेश शर्मा गुट और विरोधी गुट विरोध की लाइन स्पट तौर पर खिंच गई। पार्टी की जिला इकाई और कार्यकर्ता भी इस चुनाव में बंटे हुए नजर आए। यहां तक कि डॉ महेश शर्मा गुट के सदस्य माने जाने वाले तेजपाल सिंह नागर के चुनाव प्रचार में सुरेन्द्र सिंह नागर और उनके समर्थक नदारद दिखे। वहीं, डॉ महेश शर्मा और उनके गुट के लोग जेवर चुनाव प्रचार से दूर रहे। इतना हीं नहीं दोनों गुट के कार्यकर्ताओं ने दादरी और जेवर में पार्टी प्रत्याशियों के विरोध में काम किया। यहां तक कि दोनों गुटों ने प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से विपक्षी दलों के उम्मीदवारों को समर्थन किया। इसके बावजूद दादरी और जेवर, दोनों ही विधानसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार चुनाव जीतने में कामयाब हो गए।
भाजपा में विरोधी गुटों के प्रमुख चेहरे
जानकारों की माने तो वर्तमान में गौतम बुद्ध नगर भाजपा दो खेमों में बंटी हुई नजर आ रही है। डॉ महेश शर्मा गुट में दादरी विधायक तेजपाल सिंह नागर, एमएलसी श्रीचंद शर्मा और एमएलसी नरेन्द्र सिंह भाटी का नाम शामिल है। वहीं, सुरेन्द्र सिंह नागर गुट में जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह आदि का नाम शामिल है। जानकारों की माने तो नोएडा विधायक पंकज सिंह का रूख भी डॉ महेश शर्मा गुट की ओर है। लेकिन हाल ही के विधानसभा चुनावों में डॉ महेश शर्मा पंकज सिंह के चुनाव में कंधा से कंधा मिलाकर साथ रहे थे। ऐसे में पंकज सिंह का हृदय परिवर्तन की बात भी कही जा रही हैं। इतना ही नहीं पार्टी कार्यकर्ता और जिला इकाई भी इन दोनों गुटों के बीच प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर बंटी हुई है।
वायरल वीडियो के संकेत ?
राज्यसभा चुनावों से पूर्व माना जा रहा था कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से पार्टी उम्मीदवार के तौर पर सुरेन्द्र सिंह नागर और सिटिंग एमपी डॉ महेश शर्मा के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व के सामने टिकट वितरण को लेकर दिक्कत आ सकती है। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने सुरेन्द्र सिंह नागर को दोबारा राज्यसभा सदस्य बनाकर इस परेशानी को बहुत हद तक दूर कर दिया। माना जाने लगा था कि 2024 के लिए डॉ महेश शर्मा फिर से पार्टी के सामने मजबूत दावेदारी पेश करेंगे और वह ही पुन: पार्टी के उम्मीदवार होंगे। सोशल मीडिया पर वारयल हो रहे वीडियो में जेवर विधायक ठाकुर धीरेन्द्र सिंह को 2024 का सांसद दिखाया गया है। इससे पता चलता है कि पार्टी के अन्दर चल रही गुटबाजी आने वाले समय में और तेज होगी। विरोधी गुट इस बार ठाकुर धीरेन्द्र सिंह को आगे कर डॉ महेश शर्मा की लोकसभा की राह कठिन बनाएगा।