ग्रेटर नोएडा : घरों से निकलने कूडे से उपयोगी उत्पाद बनाने के विचार पर मंथन कर रही आठ कंपनियां
Greater Noida: Eight companies presented ideas to make useful products from household waste

Panchayat 24 : देश का हर छोटा बड़ा शहर वर्तमान में कूड़ा निस्तारण की समस्या का सामना कर रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर से निकलने वाले घरेलू कूड़े के निस्तारण के लिए दूरगामी योजना पर विचार कर रहा है। कूडा निस्तारण के लिए प्राधिकरण शत प्रतिशत प्रोसेस करके उपयोगी उत्पाद बनाने की योजना पर विचार कर रहा है। इसके लिए प्राधिकरण ने आठ कंपनियों के संग मिलकर इस दिशा में मंथन भी शुरू कर दिया है। प्राधिकरण ने इन कंपनियों से आईडिया मांगा है कि कूड़े को प्रोसेस करके किस तरह से बेहतर उपयोग किया जा सकता है। इससे क्या-क्या उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इन आइडिया पर अध्ययन करके प्राधिकरण आरएफपी जारी करेगा। इसके बाद कंपनियों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, ग्रेटर नोएडा शहर में लगभग साढ़े तीन सौ टन घरेलू कूड़ा निकलता है। प्राधिकरण बिना पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए कूड़े के निस्तारण की दिशा में काम कर रहा है। इस कड़ी में कूडे के शत प्रतिशत प्रोसेस के बाद उपयोगी उत्पाद बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि प्राधिकरण पूर्व में भी इस कूड़े के सदउपयोग के लिए काम करता रहा है। प्राधिकरण विभिन्न तकनीकों का अध्ययन करके पर्यावरण के अनूकूल निस्तारण का अध्ययन कर रहा है।
कंपनियों ने इन सुझावों को प्राधिकरण से किया साझा
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के अनुसार प्राधिकराण् के स्वस्थ्य विभाग ने ईओआई निकाले थे। आठ कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया था। इन कंपनियों की ओर से प्राधिकरण के सामने बीते सोमवार और मंगलवार को अपने प्रस्तुतिकरण पेश कर कई सुझाव साझा किए।
एक कंपनी का सुझाव है कि कूड़े को प्रोसेस कर बायोगैस बनाया जाएगा। एक कंपनी ने ब्लैक सोल्जर फ्लाई लार्वा (एक विशेष प्रकार की मक्खी) के जरिए गीले कूड़े से प्रोटीन निकालने और अवशेष को प्रोसेस करने की बात कही। दूसरी कंपनी ने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट लगाकर प्रोसेस करने की बात कही। तीनसरी कंपनी ने ई-वेस्ट को प्रोसेस करने पर अपनी जानकारी साझा की। बल्क वेस्ट जनरेट करने वाले संस्थानों के कूड़े को प्रोसेस करने के लिए भी चौथी कंपनी तैयार है। पांचवीं कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की किसी एक कालोनी को जीरो वेस्ट कालोनी बनाने का सुझाव दिये। ऐसे तमाम सुझावों के साथ कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह व ईवाई की टीम के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिए।
विभिन्न कंपनियों द्वारा पेश किए गए इन सुझावों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रिपोर्ट को सीईओ को सौपा जाएगा। उसके बाद इन पद्धतियों को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनाकर उससे लाभ-हानि का अध्ययन करते हुए वेस्ट को प्रोसेस कराने का निर्णय लिया जाएगा। इन आइडिया पर शीघ्र काम शुरू किया जाएगा। ग्रेटर नोएडावासियों से भी शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग की अपील की जाती है।
——————— अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण