यमुना प्राधिकरण

मुख्‍यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्‍ट में देरी : फिल्‍म सिटी का ले-आउट प्‍लान पास नहीं, बिल्‍डर की व्‍यवसायिक भूखंड बेचने तैयारी पर प्राधिकरण ने जारी किया पत्र

Delay in Chief Minister's dream project: Film City's layout plan not passed, authority issues letter on builder's preparation to sell commercial plot

Panchayat 24 : यमुना प्राधिकरण के सेक्‍टर-21 में प्रस्‍तावित फिल्‍म सिटी मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है। अतिमहत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट का शिलान्‍यास प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा किए जाने की अटकलें चल रही हैं। इस बीच कुछ ऐसी चौंकाने वाली खबर सामने आई है जो इस प्रोजेक्‍ट के लिए अच्‍छी नहीं कही जा सकती। अभी तक इस प्रोजेक्‍ट का ले आउट प्‍लान स्‍वीकृत नहीं हो सका है। बिना ले आउट और भवन योजना की स्‍वीकृति के फिल्‍म सिटी का निर्माण संभव नहीं है।

वहीं, प्राधिकरण के संज्ञान में यह भी आया है कि फिल्‍म सिटी की कंसेशनायर भूटानी बिल्‍डर द्वारा मुनाफे के लिए व्‍यवसायिक भूखंड बेचने और व्‍यवसायिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इसके बाद प्राधिकरण द्वारा फिल्‍म सिटी के कंसेशनायर को एक पत्र कर कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों का पालन करने की सख्‍ती से पालन करने की बात कही है। Panchayat 24  के पास इस पत्र की एक कॉपी मौजूद है। प्राधिकरण का कहना है यदि निर्धारित समय सीमा में फिल्‍म सिटी का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो फिल्‍म निर्माता कंपनी पर डेढ लाख रूपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना भी लगाया जाएगा।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एक हजार एकड़ जमीन पर बनने वाली फिल्‍म सिटी को निर्माता बोनी कपूर की कंपनी बेव्‍यू और भूटानी बिल्‍डर मिलकर बनाएंगे। बीती 27 फरवरी को प्राधिकरण ने फिल्‍म सिटी के निर्माण के लिए 230 एकड़ जमीन का भौतिक कब्‍जा बोनी कपूर और भूटानी बिल्‍डर को सौंप दिया था। बोनी कपूर ने दावा किया था कि यह दुनिया की सबसे आधुनिकतम फिल्‍म सिटी में से एक होगी। इसके लिए उन्‍होंने देश विदेश की कई फिल्‍म सिटी का दौरा कर अध्‍ययन किया है।

फिल्‍म सिटी का निर्माण तीन चरणों में होना है। पहले चरण में फिल्‍म स्‍टूडियों और फिल्‍म इंस्‍टीटयूट एवं संबंधित भवनों का निर्माण किया जाएगा। यदि फिल्‍म सिटी का निर्माण तय समय सीमा में नहीं होता है तो 1.5 लाख रूपये प्रति दिन के हिसाब से फिल्‍म निर्माता कंपनी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

—– डॉ अरूणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरूणवीर सिंह ने कहा था कि 27 जून को फिल्‍म सिटी के कंसेशनायर एग्रीमेंट पर हस्‍ताक्षर हुए थे। फिल्‍म सिटी का लैंड यूज स्‍वीकृत हो चुका है। तीन चरणों में फिल्‍म सिटी का निर्माण होगा। इसके निर्माण पर 1510 करोड़ का खर्च होगा। आगामी 10 से लेकर 18 माह में फिल्‍म सिटी क्रियाशील हो जाएगी। इसके बावजूद अभी तक फिल्‍म सिटी के शिलान्‍यास को लेकर गंभीरता पूर्वक प्रयास नहीं हो सके हैं।

वहीं, सबसे बड़ा आश्‍चर्य इस बात को लेकर है कि अभी तक फिल्‍म सिटी का ले आउट प्‍लान को भी स्‍वीकृति नहीं‍ मिल सकी है। बिना ले आउट प्‍लान की स्‍वीकृति के फिल्‍म सिटी के निर्माण की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकेगी। वहीं, रियल एस्‍टेट बाजार में फिल्‍म सिटी बनाने वाली कंपनी के एक कंसेशनायर द्वारा व्‍यवसायिक प्‍लाट बेचे जाने की खबर चल रही है। इस तरह की जानकारी से प्राधिकरण ने फिल्‍म निर्माता कंपनी को कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों का सख्‍ती से पालन करने के लिए पत्र लिखा हरूै।

प्राधिकरण को हुई जानकारी, बिना ले आउट स्‍वीकृत हुए भूटानी कर रहा है वाणिज्यिक भूखंड बेचने की तैयारी

जानकारी के अनुसार प्राधिकरण के संज्ञान में आया है कि फिल्‍म सिटी निर्माण करने वाली बेव्‍यू भूटानी फिल्‍म सिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की कंसेशनायर भूटानी बिल्‍डर द्वारा फिल्‍म सिटी के लिए आवंटित जमीन पर व्‍यवसायिक भूखंड बेचने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके बाद प्राधिकरण की ओर से बेव्‍यू भूटानी फिल्‍म सिटी प्राइवेट लिमिटेड को 2 मई को एक पत्र जारी किया है। पत्र में प्राधिकरण की ओर से स्‍पष्‍ट लिखा गया है कि अभी फिल्‍म सिटी के भू उपयोग मानचित्र को स्‍वीकृति प्रदान की गई है। फिल्‍म सिटी साइट पर निर्माण की गतिविधियां शुरू करने से पूर्व कंशेसन एग्रीमेंट की शर्तों के अनुरूप प्रथम फेज का ले आउट प्‍लान और बिल्डिंग प्‍लान स्‍वीकृत कराए।

फिल्‍म सिटी के सम्‍पूर्ण क्षेत्र के लिए ले आउट लेवल एवं बिल्‍डिंग लेवल पर GRIHA 4 Star / IGBC gold जैसे मानक प्राप्‍त करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्‍त इस ले आउट में में फिल्‍म सिटी के लिए स्‍वीकृत भू उपयोग एवं प्राधिकरण की भवन नियमावली के अनुरूप होना चाहिए। पत्र में कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों को याद दिलाते हुए कहा गया है कि फिल्मिंग फेसिलीटीट्स एवं फिल्‍म इंस्‍टीटयूट का निर्माण तय समय सीमा में किया जाना अनिवार्य है। ऐसे में कंशेसनायर द्वारा फिल्‍म सिटी का चरणबद्ध निर्माण के लिए ले आउट तैयार कर उपलब्‍ध कराया जाए।

वर्तमान परिस्थितियों में फिल्‍म सिटी से जुड़े अहम सवाल ?

फिल्‍म सिटी से संबंधित इस प्रकरण को लेकर कई सवाल भी पैदा होते हैं। वास्‍तव में भूटानी बिल्‍डर को ऐसी क्‍या जल्‍दी है कि बिना फिल्‍म सिटी का ले आउट तैयार किए ही व्‍यवसायिक भूखंड बेचने की तैयारी शुरू कर दी ? क्‍या कंपनी की रूचि फिल्‍म सिटी की आड़ में वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ाकर अपने व्‍यवसायिक हितों की पूर्ति करना है ? क्‍या समय सीमा के अंदर फिल्‍म सिटी का निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा ? वर्तमान हालात में तय समय सीमा में फिल्‍म सिटी का निर्माण पूरा हो सकेगा ? प्राधिकरण द्वारा कंपनी को लिखा गया पत्र भी इस दिशा में संकेत करता है।

फिल्‍म सिटी के शिलान्‍यास से पूर्व इस तरह की खबरें फिल्‍म सिटी के भविष्‍य को लेकर कई तरह की आशंकाएं भी पैदा करती हैं। फिल्‍म सिटी निर्माता कंपनी को इस अतिमहत्‍वपूर्ण प्रोजेक्‍ट की गंभीरता को समझते हुए विशेष प्रयास करने होंगे। यह केवल एक प्रोजेक्‍ट नहीं है, बल्कि उत्‍तर प्रदेश सरकार की वन ट्रिलियन डालर वाली अर्थव्‍यवस्‍था से जुड़ा महत्‍वपूर्ण कारक है। वहीं, भूटानी बिल्‍डर प्रतिनिधि अलीराम चेटली का कहना है कि फिल्‍म सिटी का ले आउट आंशिक रूप से स्‍वीकृत हो गया है। बिल्‍डर प्रतिनिधि द्वारा हमारे अन्‍य सवालों का जवाब नहीं दिया गया।

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