उत्तर प्रदेश

कानपुर दंगा : आरोपियों की सम्‍पत्ति पर चलेगा बुलडोजर, जब्‍त होगी सम्‍पत्ति

Kanpur riots: Bulldozer will run on the property of the accused, the property will be confiscated

Panchayat24.com : कानपुर में हुए सुनियोजित दंगों को लेकर उत्‍तर प्रदेश सरकार कठोर फैसले ले सकती है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ मामले पर नजर बनाए हुए हैं। शुक्रवार को मुख्‍यमंत्री ने गोरखपुर मंदिर से वर्चुअल बैठक की और अधिकारियों को मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कानपुर पुलिस ने 1040 उपद्रवियों के खिलाफ 2 एफआईआर पुलिस के द्वारा और एक एफआईआर चंदेश्‍वर हाते के लोगो की ओर से कराई गई है। पुलिस ने दंगे के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी सहित 40 उपद्रवियों को दर्ज किया हैं, जबकि करीब 1,000 उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। पुलिस 35 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। दंगों में शामिल आरोपियों पर गैंगस्‍टर एक्‍ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उनकी सम्‍पत्तियों पर बुलडोजर चलाए जाने और सम्‍पत्ति के जब्‍त करने पर भी विचार किया जा रहा है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्‍ता नुपुर शर्मा द्वारा डिबेट में मुस्लिम पक्ष द्वारा हिन्‍दु आस्‍थाओं का मखौल उड़ाने पर आपत्ति जताई थी। नुपुर शर्मा ने कहा था कि वह इस्‍लामिक मान्‍यताओं के आधार पर इस्‍लाम के पैगंबर के बारे में भी ऐसा कर सकती है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि नुपुर शर्मा ने ऐसा कर उनके पैगंबर का अपमान किया है। कानपुर में शुक्रवार की नमाज के बाद अचानक अनियंत्रित हुई भीड़ ने कानपुर में दंगा शुरू कर दिया।

पूर्व नियोजित था कानपुर का दंगा

नुपुर शर्मा के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए 27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद का आह्वान किया। नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में कानपुर शहर में पोस्‍टर भी लगाए गए। 28 मई को हयात की तरफ से 3 मई को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया गया।

29 मई को मुस्लिम बाहुल्‍य आबादी वाले क्षेत्रों में हजारों लोगों ने हयात को अपना समर्थन दे दिया। 30 मई को हयात ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठक की। 1 जून को हयात ने 5 जून तक बंदी और जेल भरो आंदोलन टाल दिया, लेकिन बाजार में लगे 3 जून के बंद कराने की घोषणा को जारी रखते हुए दुकानों को बंद करने की अपील की गई। मस्जिदों में तकरीरों में नुपुर शर्मा के बयान को पैगंबर साहब का अपमान बताते हुए इसे बर्दाश्‍त नहीं करने की बात कही गई।

जबरन दुकान बंद कराने पर बिगड़ गया माहौल

शुक्रवार की नजाम के बाद अचानक मस्जिद से निकली भीड़ ने यतीमखाना इलाके में जबरन बाजार बंद कराना शुरू कर दिया। यहां पर स्थित कुछ हिन्‍दु दुकानें भी स्थित हैं। इन दुकानों के मालिकों को दुकानों को बंद करने से इंकार कर दिया। भीड़ ने दुकानों को जबरन बंद कराने का प्रयास किया जिससे माहौल बिगड़ गया। भीड़ ने दुकानों पर जमकर पत्‍थराव किया। भीड़ ने गोलियां भी चलाई।

पुलिस भी असहाय नजर आई

देखते ही देखते परेड़ चौराहे पर हजारों की संख्‍या में उप्रदवियों की भीड़ एकत्रित हो चुकी थी। हालात तेजी से बेकाबू होते चले गए। पुलिस परिस्थितियां इतनी विरीत हो गई कि कुछ समय के लिए पुलिस भी उपद्रवियों के सामने असहाय नजर आई। उपद्रवी छोटी छोटी गलियां से निकलकर पत्‍थराव कर रहे थे और इन गलियां में छिप जा रहे थे। कुछ देर के लिए ऐसा प्रतीत हुआ कि पुलिस इन छोटी और संकरी गलियों की भूल भुलैया में फंस गई है। लगभग 5 घंटों तक हिंसा का यह तांड़व चलता रहा। आसपास के लगभग एक दर्जन थानों की पुलिस को मौके पर हालात काबू करने के लिए भेजा गया। हिंसा में लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मी और तीन दर्जन स्‍थानीय लोग घायल हुए जिनका उपचार विभिन्‍न अस्‍पतालों में चल रहा है।

राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री भी कानपुर में थे मौजूद

कानपुर के दंगों की साजिश को सीएए विरोध के बाद दिल्‍ली में शुरू हुए दंगों की तर्ज पर अंजाम दिया गया। जिस तरह दिल्‍ली दंगों के लिए उस समय को चुना गया जब देश में अमेरिकी राष्‍ट्रपति गुजरात में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे। इसी तरह कानपुर दंगों के लिए भी उस समय को चुना गया जब देश के महामहिम राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कानपुर में दंगाग्रस्‍त क्षेत्र से महज 50 किमी की दूरी पर थे। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी शिकरकत की थी।

 

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