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बिग ब्रेकिंग : भारतीय मूल के लेखक सलमान रूश्‍दी की गर्दन पर चाकू से हमला, एयर एम्‍बुलेंश से अस्‍पताल पहुंचाया गया

BIG BREAKING: Indian-origin author Salman Rushdie stabbed in his neck, air ambulance taken to hospital

Panchayat24 : पश्चिमी न्‍यूयॉर्क में भारतीय मूल के लेखक और बुकर पुरस्‍कार विजेता सलमान रूश्‍दी पर एक 25 वर्षीय युवक ने चाकू से हमला किया है। हमलावर ने उनकी गर्दन पर चाकू से कई वार किए है। सलमान रूश्‍दी को एयर एम्‍बुलेंश से अस्‍पताल पहुंचाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी उनकी हालत के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है।

न्‍यूयॉर्क स्‍टेट पुलिस के अनुसार सलमान रूश्‍दी पर हमला सुबह 11 बजे उस समय हुआ जब चौटाउक्‍का इंस्‍टीटयूशन में सलमान रूश्‍दी का इंटरव्‍यू चल रहा था। इसी बीच हमलावर तेजी से मंच पर पहुंचा और सलमान रूश्‍दी पर चाकू से हमला कर दिया। इंटरव्‍यूअर भी घायल हुआ है। पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि अभी तक हमले की वजह स्‍पष्‍ट नहीं हो सकी है। लेकिन उनकी पुस्‍तकों को लेकर कट्टरवादी काफी नाराज रहते हैं। उनके खिलाफ फतवा भी जारी किए गए हैं। इसी कारण हमले के पीछे प्राथमिक तौर पर किसी कट्टरवादी संगठन का हाथ माना जा रहा है।

कौन है सलमान रूश्‍दी ?

सलमान रूश्‍दी मूलरूप से भारतीय है। उनका जन्‍म वर्तमान के मुम्‍बई में हुआ था। उनके द्वारा लिखी गई किताबों के लिए उन्‍हें सम्‍मानित बुकर पुरस्‍कार दिया गया था। अपने दूसरे ही उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ के लिए 1981 में ‘बुकर प्राइज’ और 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ पुरस्कार से सम्मानित किए गए। उन पर आरोप लगा था कि उनकी किताबों में इस्‍लाम विरोधी बातें कही जाती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसी कारण ईरान के सर्वोच्‍च धार्मिक नेता अयातुल्‍ला रूहोल्‍ला खोमैनी ने भी सलमान रूश्‍दी के खिलाफ फतवा जारी किया था।

लेखन से नाराज कट्टरपंथियों ने कई बार दिया फतवा, जान से मारने की धमकी

द सैटेनिक वर्सेस सलमान रुश्दी की सबसे चर्चित पुस्‍तक रही। यह पुस्‍तक एक नॉवेल के रूप में है। यह दुनिया भर के कई देशों सहित भारत में प्रतिबंधित है। साल 1988 में प्रकाशन के बाद इस नॉवेल पर काफी हंगामा हुआ। इसमें सलमान रूश्‍दी ने खुलकर परंपराओं के बारे में लिखा। इसी पुस्‍तक पर आरोप लगे है कि सलमान रूश्‍दी ने इस्‍लाम के पैगंबर मोहम्‍मद की शान में गुस्‍ताखी की है। उनका अपमान किया है। कई मुस्लिम देशों में इस पुस्‍ताक को प्रतिबंधित कर दिया गया। कट्टरवादी संगठनों ने सलमान रूश्‍दी को मौत की धमकी भी दी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सलमान रूश्‍दी की विवादित पुस्‍तक द सैटेनिक वर्सेस को जापानी भाषा में अनुवाद करने वाले अनुवादक हितोशी इगाराशी की हत्‍या कर दी गई थी। इस पुस्‍तक को इटली में अनुवाद करने वाले अनुवादक और नॉर्वे के प्रकाशक पर भी कई बार हमले किए गए थे। सलमान रूश्‍दी की पुस्‍तकों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया जाता रहा है।

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