यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे ने दिल्ली को नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जोड़ा
Gorakhpur Link Expressway connects Delhi to Nepal International Border via Yamuna Expressway

Panchayat 24 : गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण कर दिया। इस एक्सप्रेस-वे ने दिल्ली को नेपाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जोड़ दिया है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे की संख्या में एक नाम और जुड़ गया है। इसके माध्यम से यात्री वाया पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे नई दिल्ली तक की यात्रा कर सकेंगे। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे 91 किलोमीटर लंबा है। यह फोरलेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर से आजमगढ़ तक फैला है और नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मार्ग नेपाल से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए तथा सुगमता और सामरिक दृष्टि से भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। साथ ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भी इससे अत्यंत लाभ होगा।
मरीजों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होगा एक्सप्रेसवे
नेपाल आने जाने वाले यात्रियों के लिए यह एक्सप्रेसवे एक वरदान है। गोरखपुर, जो आगे महाराजगंज में सोनौली बॉर्डर के जरिए नेपाल से जुड़ा है, नेपाल से आने और नेपाल जाने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों का प्रमुख प्रवेश द्वार है। इसके साथ ही यह एक्सप्रेसवे नेपाल से बीमारी का इलाज कराने आने वाले रोगियों और उनके तीमारदारों के लिए भी वरदान साबित होगा। यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से लखनऊ तक का सफर केवल साढ़े तीन घंटे में पूरा करेगा, जिससे नेपाल से आने वाले लोग आसानी से उत्तर प्रदेश की राजधानी और वहां से दिल्ली, आगरा जैसे शहरों तक पहुंच सकेंगे। सोनौली बॉर्डर से गोरखपुर तक बस या टैक्सी से पहुंचने वाले यात्रियों को अब पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ यह मार्ग तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी देगा। इससे लुंबिनी, पोखरा और काठमांडू जैसे स्थानों से भारत आने वाले पर्यटकों को समय की बचत होगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
सामरिक और रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है एक्सप्रेसवे
सामरिक दृष्टि से यह एक्सप्रेसवे भारत-नेपाल सीमा के नजदीक होने के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। गोरखपुर से 100 किलोमीटर दूर नेपाल सीमा के समानांतर यह मार्ग भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगा। आपात स्थिति में सैन्य बलों और संसाधनों की त्वरित तैनाती में यह सहायक होगा। साथ ही, यह भारत-नेपाल व्यापार को गति देगा, क्योंकि नेपाल अपनी आयात आवश्यकताओं के लिए भारत पर निर्भर है। आगे चलकर यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, जो नेपाल सीमा के और करीब होगा। इस मार्ग के साथ मिलकर क्षेत्र में व्यापार और कनेक्टिविटी के साथ ही सामरिक दृष्टि से भी भारत को और सशक्त करेगा। यह उत्तर प्रदेश का सातवां संचालित एक्सप्रेसवे होने के साथ यह स्थानीय रोजगार, औद्योगिक विकास और किसानों की खुशहाली को बढ़ावा देगा। नेपाल के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने में यह मार्ग एक नया अध्याय लिखेगा।