ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

अच्‍छी खबर : सम्‍पूर्ण ग्रेटर नोएडा की साफ सफाई के लिए भर्ती किए जाएंगे एक हजार तीन सौ कर्मचारी, शहर कों पांच जोन में बांटकर तैयार की जाएगी नई व्‍यवस्‍था

Good news: 1300 employees will be recruited for cleaning the entire Greater Noida, a new system will be prepared by dividing the city into five zones

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा शहर को साफ स्‍वच्‍छ बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण बड़ी योजना पर काम कर रहा है। योजना के अन्‍तर्गत जल्‍द ही एक हजारह तीन सौ कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी। बता दें कि पूर्व में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की साफ सफाई की बागड़ोर 21 सौ कर्मचारियों के जिम्‍मे हैं। नए कर्मचारियों की भर्ती के बाद कुल कर्मचारियों की संख्‍या बढ़कर 34 सौ हो जाएगी। नई सफाई व्‍यवस्‍था के अन्‍तर्गत ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट को कुल पांच जोन में बांटा जाएगा। कूडा निस्‍तारण एवं नई सफाई व्‍यवस्‍था के मूर्त रूप में आने के बाद स्‍वच्‍छ शहर की प्रतिस्‍पर्धा में हिस्‍सा लेने के लिए आवेदन किया जाएगा।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में तेजी से बढ़ते नगरीकरण के कारण जनसंख्‍या में वृद्धि हो रही है। परिणामस्‍वरूप ग्रेटर नोएडा में कूडा निस्‍तारण और साफ सफाई की समस्‍या विकराल रूप धारण कर रही है। ऐसे में प्राधिकरण के सामने शहर की साफ सफाई व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाना एक चुनौती बन गया था। प्राधिकरण ने चुनौती को स्‍वीकारते हुए कूडा निस्‍तारण और नई सफाई व्‍यवस्‍था पर काम शुरू कर दिया है। इसके अन्‍तर्गत ही एक हजार तीन सौ कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। नए कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है।

पांच जोन में बंटेगा ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट शहर

ग्रेटर नोएडा की सफाई व्‍यवस्‍था में ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट को प्रबंधन की दृष्टि से पांच जोन में बांटा जाएगा। तिलपता चौक एवं डीएससी रोड़ से ऊपर अर्थात ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में जोन वन और जोन टू बनाए जाएंगे। जबकि शेष ग्रेटर नोएडा को जोन तीन, चार और पांच में वि‍भाजित किया जाएगा। नई भर्ती के  एक हजार तीन सौ कर्मचारियों को ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट की साफ सफाई की जिम्‍मेवारी सौंपी जाएगी। पूर्व में सफाई व्‍यवस्‍था को देख रहे कुछ अनुभवी लोगों को ग्रेटर नोएडा से ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट भेजा जाएगा। हालांकि यह स्‍थानांतरण कर्मचारी की सहमति के आधार पर ही किया जाएगा।

रिलायंस और एनटीपीसी जैसे ब्रांड ग्रेटर नोएडा के कूडे से तैयार करेंगे ग्रीन एनर्जी

ग्रेटर नोएडा से लगभग आठ टन कूडा प्रतिदिन निकलता है। कूडे की समस्‍या के समाधान के लिए प्राधिकरण ने एनटीपीसी, रिलायंस और आकांक्षा समूहों कुछ समूहेां के साथ समझौता किया है। इनके द्वारा कूडे से रिन्‍यूएबल एनर्जी तैयार की जाएगी। वहीं, जल्‍द ही अस्‍तौली डंपिंग ग्राउंड को भी हो जाएगा। वहीं, लखलावनी में डंपिंग ग्राउंड पर कूडे का वैज्ञानिक तकनीक निस्‍तारण का काम शुरू हो चुका है। इससे ग्रीन एनर्जी में बदला जा रहा है। जानकारी के अनुसार अस्‍तौली गांव में प्राधिकरण 800 टन क्षमता वाला यह प्लांट  स्थापित किया जा रहा है। इसके विकास के लिए विभिन्न कंपनियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्लांट के निर्माण की अनुमानित लागत करीब 55 करोड़ रुपए है। यहां मिश्रित ठोस एवं सूखे एवं गीले कचरे का निस्‍तारण होगा। वहीं, लखलावनी में स्थित डंपिंग ग्राउंड पर स्थित कूडा निस्‍तारणप्लांट को भूमि ग्रीन एनर्जी नामक कंपनी ने लगाया है। यहां प्राधिकरण ने 29 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 

ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्‍ट में तेजी से बढ़ी जनसंख्‍या के कारण शहर की साफ सफाई एक बड़ी चुनौती है। इसके बावजूद सम्‍पूर्ण ग्रेटर नोएडा को सबसे साफ एवं स्‍वच्‍छ  शहर बनाना लक्ष्‍य है। नए कर्मचारियों की भर्ती भी इस दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। उम्‍मीद है नई सफाई व्‍यवस्‍था लागू होने के बाद शहरवासी साफ सफाई से संतुष्‍ट होंगे। कूडा निस्‍तारण की दिशा में भी तेजी से काम चल रहा है।

——— एनजी रवि कुमार, सीईओ, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण

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