वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश क्लीन एयर मैनेजमेंट प्राधिकरण का करेगी गठन, जानिए क्या है पूरा मामला ?
To control air pollution, Yogi Adityanath government will form Uttar Pradesh Clean Air Management Authority

Panchayat 24 : तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण के खतरों को भांपते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एहम परियोजना शुरू करने जा रही है। इतना ही नहीं इस दिशा में सरकार उत्तर प्रदेश एयर क्लीन एयर मैनेजमेंट प्राधिकरण के गठन करने जा रही है। इससे सभी विभागों के समन्वित प्रयासों से वायु की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार विश्वबैंक से भी मदद लेगी।
क्या है पूरा मामला ?
योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदूषण पर काबू पने के लिए उत्तर प्रदेश क्लीन एयर मैनेजमेंट परियोजना शुरू की है। यह परियोजना 2024-25 से 2029-30 तक चलेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश को प्रदूषण मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। उत्तर प्रदेश क्लीन एयर मैनेजमेंट प्राधिकरण का गठन इसी परियोजना का हिस्सा है। इस प्राधिकरण में एक शासी निकाय और एक कार्यकारी निकाय होगा, जो परियोजना की योजना, क्रियान्वयन और निगरानी का कार्य करेगा। प्राधिकरण विभिन्न विभागों के साथ मिलकर एयरशेड आधारित रणनीति का पालन करते हुए वायु गुणवत्ता सुधार के कार्यों को सुनिश्चित करेगा।
एयरशेड आधारित वायु गुणवत्ता प्रबंधन को अपनाने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्या है। इस प्रणाली से प्रदूषण के माध्यमों का विश्लेषण कर वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए योजना, नीति एवं रणनीति बनाई गई है। इसके तहत वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकी साधनों और डेटा-संचालित निर्णय प्रणाली का विकास किया जाएगा। यह प्रणाली न केवल वायु प्रदूषण के आंकड़ों का संग्रह करेगी बल्कि इनके आधार पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए तत्काल निर्णय लेने में भी सहायक होगी।इससे न केवल वायु प्रदूषण को काबू करने में मदद मिलेगी, बल्कि वायु गुणवत्ता में भी सुधार किया जा सकेगा। इसके माध्यम से पिछले सात सालों में उत्तर प्रदेश के कई शहरों ने वायु सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन किया है। यह वायु गुणवत्ता को बनाए रखने की दिशा में एक दीर्घकालीन योजना है। कुल 2741.53 करोड़ की धनराशि ऋण और अनुदान के रूप में प्राप्त होगी, जबकि 1119.00 करोड़ की राशि कार्बन फाइनेंसिंग के माध्यम से प्राप्त होगी।
क्या है क्लीन एयर मैनेजमेंट परियोजना ?
‘क्लीन एयर मैनेजमेंट परियोजना’ का उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एयरशेड आधारित रणनीति अपनाना है। इस परियोजना की शुरुआत करते हुए दो दिन पहले योगी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई है। इसके तहत प्रदेश के औद्योगिक, परिवहन, कृषि एवं पशुपालन, धूल और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्रों में विभिन्न रणनीतियों और कार्यवाहियों को लागू किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करना है। इस परियोजना के अंतर्गत वायु गुणवत्ता पर नियंत्रण रखने के लिए विभिन्न कार्य किए जाएंगे, जिनमें धूल कम करना, औद्योगिक प्रदूषण घटाना, अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से प्रदूषण को नियंत्रित करना, परिवहन क्षेत्र में कम प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग बढ़ावा देना और कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र में प्रदूषण के प्रभाव को कम करना शामिल है।
औद्योगिक, परिवहन, कृषि एवं अन्य क्षेत्रों पर रखी जाएगी कड़ी नजर
उत्तर प्रदेश क्लीन एयर मैनेजमेंट परियोजना के अंतर्गत वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में रणनीतिक कार्रवाई की जाएंगी। औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण घटाने के लिए प्रदूषणकारी उद्योगों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। वहीं परिवहन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। कृषि क्षेत्र में पराली जलाने की समस्या को नियंत्रित करने के लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा। पशुपालन क्षेत्र में भी प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय किए जाएंगे। धूल नियंत्रण के लिए मुख्यतः निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के उपाय किए जाएंगे और अपशिष्ट प्रबंधन के तहत कचरे के उचित निपटान के साथ-साथ पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित किया जाएगा।