सरिया और स्क्रैप माफिया रवि पर कसा पुलिस का शिकंजा तो लोग बोले, अपराध छिपाने के लिए आकाओं का दमन भी कम पड़ने लगा
When the police tightened its grip on bar and scrap mafia Ravi, people said, the repression of the bosses to hide the crime also started reducing.

Panchayat 24 : कहते हैं कि अपराध की दुनिया के पैर छोटे होते हैं। सोमवार को यह बात दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के स्क्रैप माफिया रवि नागर र्ऊ रवि काना पर भी फिट बैठ गई। राजनीति, सत्ता-व्यवस्था और समाज में अपनी पैठ के चलते पुलिस की नाक के नीचे स्क्रैप के अवैध कारोबार के साम्राज्य को रवि मनमाने तरीके से बढ़ा रहा था। कई बार पुलिस भी उसके रसूख के सामने बेबस नजर आई। समय का पहिया ऐसा चला कि नए साल का पहला दिन ही रवि नागर और उसके गिरोह के सदस्यों के लिए भारी पड़ गया। रैप के एक मामले में नोएडा सेक्टर-39 कोतवाली पुलिस ने रवि नागर सहित पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने तीन आरोपियों राजकुमार, आजाद और विकास को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं मुख्य आरोपी रवि और मेहती की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद लोग बोलने लगे हैं कि स्क्रैप माफिया के अपराध छिपाने के लिए आकाओं का दामन भी कम पड़ने लगा है।
क्या है पूरा मामला ?
नोएडा पुलिस के अनुसार गौतम बुद्ध नगर की ही रहने वाली एक युवती को नौकरी की तलाश थी। उसकी मुलाकात राजकुमार से हुई। राजकुमार ने नौकरी लगवाने का झांसा देकर युवती पीडिता को बरौला गांव बुलवाया। यहां पर युवती मुलाकात राजकुमार और मेहमी से मिले। उन्होंने बताया कि रवि उनका बॉस है। वह उसकी नौकरी जरूर लगवा देगा। उसके काफी लोगों से संबंध हैं। आरोपी पीडिता को 19 जून 2023 को कार में बिठाकर गॉर्डन गैलेरिया मॉल ले गए। गाड़ी को पार्किंग में लगवा दिया। यहां पर तीन और युवक आए। इनकी इनके नाम रवि, आजाद और विकास थे। आरोप है कि यहां कार में रवि ने पीडिता से दुष्कर्म किया। इस दौरान वीडियो भी बनाया। पीडिता को इस बारे में किसी को बताने पर उसको परिवार सहित जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद आरोपी लगातार पीडिता को ब्लैकमेल करने लगे। तंग आकर पीडिता ने 30 दिसंबर को पुलिस को मामले की शिकात दी। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए राजकुमार निवासी निवासी हाउस नंबर 100 न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी श्रीनिवासपुरी, विकास और आजाद को गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपी मूलरूप से दनकौर कोतवाली क्षेत्र के दादूपुर के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पिस्टल, 8 लाख 15 हजार रूपये भी बरामद किए हैं। पुलिस ने एक कार को भी सीज किया है। वहीं सेक्टर बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने रवि नागर गिरोह के 16 लोगों पर पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई भी की है।
हर सरकार में चलता है रवि का रसूख
प्रदेश में सरकार किसी की भी हो, सरिया और स्क्रैप माफिया रवि नागर उर्फ रवि काना के रसूख और दबदबे की चर्चा आम रही है। समाजवादी सरकार में रवि के संबंधों की चर्चा खुले आम जिले से लेकर लखनऊ तक होती थी। सत्ता और व्यवस्था में बैठे सरिया और स्क्रैप माफिया के पैरोकार उसके लिए ढाल का काम करते थे। दरअसल, रवि का भाई हरेन्द्र नागर समाजवादी पार्टी सरकार के नेताओं और जिले के कई सफेदपोशों के सहारे स्क्रैप और सरिया के अवैध कारोबार में बहुत तेजी से आगे बढ़ने लगा था। साल 2015 में उसकी हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप सुन्दर भाटी गिरोह पर लगा था। हरेन्द्र के समाजवादी पार्टी के नेताओं से करीबी संबंधों का ही परिणाम था कि हरेन्द्र की पत्नी को जेवर विधानसभा से समाजवादी पार्टी ने पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़वाया। लेकिन वह चुनाव हार गई। वहीं, स्क्रैप और सरिया के अवैध कारोबार को रवि ने संभाल लिया।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद लगने लगा कि इस परिवार का अवैध सरिया और स्क्रैप का कारोबार अधिक दिनों तक नहीं चलेगा। लेकिन अचानक ही बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिला। हरेन्द्र नागर की पत्नी और रवि की भाभी के भाजपा में शामिल होने चर्चा शुरू हो गई। बाद में वह भाजपा वह भाजपा में शामिल भी हो गई। इसके बाद लोगों ने भाजपा की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर भी सवाल उठाए थे। जानकार बताते हैं कि भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखकर उसके भाजपा में शामिल होने के लिए पैरवी की। इस घटना के नेता और समाज में अपनी छवि के सहारे कुछ लोग न केवल सरिया और स्क्रैप के अवैध कारोबार से लाभ प्राप्त करते रहे हैं, बल्कि समय समय पर पर्दे के पीछे सत्ता और व्यवस्था में रवि के अपराधों को छिपाने और पैरवी करने का भी काम करते रहे हैं। पुलिस की जांच से इसकी पुष्टि होगी।
जिले में कामधेनु बन चुका है अवैध सरिया और स्क्रैप का कारोबार
देश भर में गौतम बुद्ध नगर अपने औद्योगिक विकास और ढांचागत विकास के लिए जाना जाता है। यहां पर स्थित कंपनियों से बड़ी मात्रा में स्क्रैप निकलता है। वहीं निर्माण साइटों पर सरिया का बड़ा मात्रा में प्रयोग हो रहा है। बस यही स्क्रैप और सरिया माफियाओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। कंपनियों से डरा धमकाकर स्क्रैप के ठेके हासिल किए जाते हैं। वहीं, निर्माण साइटों पर पहुंचने वाले सरियों को रास्तों में ही ट्रकों से गायब करके मोटा मुनाफा कमाया जाता है। विरोध करने वाले को खतरनाक अंजाम भुगतना पड़ता है। किसी दूसरे व्यक्ति को इस पेशे में प्रवेश भी नहीं करने दिया जाता है चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। सरिया और स्क्रैप के काले कारोबार के चलते जिले में कई हत्याएं हुई है। अपराधिक गुटों के बीच गैंगवार के पीछे भी इस काले कारोबार के होने की बात कही जाती है।
गोपनीय रिपोर्ट रवि के सरिया और स्क्रैप के काले साम्राज्य पर पड़ गई भारी
दरअसल, भाजपा से अंदरखाने मिल रही सपार्ट का ही परिणाम था कि कई बार पुलिस के रडार पर आने के बावजूद रवि के खिलाफ प्रभावशाली कार्रवाई नहीं हो सकी। जानकार बताते हैं कि रवि को लेकर कई ऐसी रिपोर्ट शासन और सत्ता के शीर्ष स्तर पर गई है जिनके चलते माफिया की करतूतों से पर्दा उठ गया है। स्थानीय स्तर से लेकर लखनऊ के गलियारों में बैठे रवि के चाहने वालों की भी इन रिपोर्ट ने कलई खोल दी है। सूत्रों की माने तो सच्चाई सामने आने के बाद शासन से पुलिस को माफयिा के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश थे। बस पुलिस को मौके की तलाश थी।