ग्रेटर नोएडा जोन

सावधान : कहीं आप भी स्‍वाति की तरह किसी राजवीर के बिछाए जाल में तो नहीं फंस रहे हैं ?

Be careful: Like Swati, are you also getting trapped in the trap laid by Rajveer?

Panchayat 24 : डिजिटल फ्रॉड के चक्‍कर में फंसकर हर रोज बड़ी संख्‍या में लोग धाखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट लोगों को डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए लगातार जागरूक कर रही है। इस बार कमिश्नरेट पुलिस की ओर से एक घटनाक्रम शेयर की है। यह एक वास्‍तविक घटना भी हो सकती है। अथवा संभवत: यह घटना काल्‍पनिक हो सकती है। इसके बावजूद डिजिटल फ्रॉड के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यह पुलिस का एक शानदार प्रयास है।

क्‍या है पूरा घटनाक्रम ?

स्वाति (काल्पनिक नाम) एक 40 वर्षीय स्वतंत्र महिला हैं, जो कॉर्पोरेट जगत में काम करती हैं। वह अपनी 10 वर्षीय बेटी और बुजुर्ग मां के साथ नोएडा में रहती हैं। शादी के पांच साल बाद, उनके पति की लंबी बीमारी के कारण अचानक मृत्यु हो गई। बेटी के बड़े होने पर, स्वाति को लगा कि उसे अपनी बेटी को पिता का प्यार देने के लिए एक जीवनसाथी की आवश्यकता है। सहेली के सुझाव पर स्वाति ने अप्रैल, 2023 में मैट्रिमोनियल साइट Shaadi.com पर जीवनसाथी की तलाश शुरू की। एक दिन उसकी डिजिटल मीटिंग नीदरलैंड में रहने वाले और अपनी पत्नी की मौत के बाद अकेले अपने 12 वर्षीय बेटे की परवरिश कर रहे राजवीर सिंह (काल्पनिक नाम) से हुई।

दोनों के बीच ऑनलाइन बातचीत का दौर शुरू हो गया। जब दोनों के विचार और जरूरतें मेल खाने लगीं तो स्वाति को यह प्रस्ताव पसंद आया और उसने बात आगे बढ़ाई। राजवीर बहुत जिंदादिल इंसान था। उसने बहुत कम समय में ही स्वाति के दिल में अपने लिए जगह बना ली। राजवीर का मेलजोल स्वाति की मां और बेटी से भी बहुत जल्द हो गई, जिससे पूरा परिवार बहुत खुश हुआ। काम के बोझ के कारण राजवीर के लिए नीदरलैंड से नोएडा आना थोड़ा मुश्किल था। स्वाति को अपने प्यार का यकीन दिलाने के लिए उसने फरवरी, 2024 में वैलेंटाइन डे पर अपनी वसीयत में उसकी बेटी को शामिल किया और अपने बैंक में स्वाति को नॉमिनी बनाया।

हालाँकि स्वाति आज तक कभी राजवीर से आमने-सामने नहीं मिली थी, लेकिन अब उसे अपनी बेटी का भविष्य बहुत उज्ज्वल दिखाई दे रहा था। वह अपनी पसंद से बहुत खुश थी। अपने प्यार का इजहार करने के लिए राजवीर स्वाति को बीच मे कुछ उपहार देता रहता था। अप्रैल, 2024 में राजवीर को काम के लिए मॉरीशस जाना पड़ा, जहाँ  से एक दिन उसने स्वाति को कॉल किया और बताया कि उसके सभी दस्तावेज और बैंक कार्ड चोरी हो गए हैं। ऐसे में उसे नीदरलैंड में अपने सभी बैंक खाते फ्रीज करने पड़ रहे हैं। इस लिए उसे अचानक 10 लाख रुपयों की जरूरत है। यह बात सुनकर स्वाति ने तुरंत रूपये ट्रांसफर कर दिए।

कुछ दिन बाद राजवीर ने स्वाति से अपने लोन की बकाया वार्षिक किश्तें भरवाईं और उसे भरोसा दिलाया कि जैसे ही वह अपने देश पहुँचेगा, वह सारे रूपये स्वाति को लौटा देगा। इसी बीच एक दिन स्वाति को मैसेज मिला कि राजवीर को तत्काल एंजियोप्लास्टी सर्जरी करवानी है, जिसके लिए उसे 30 लाख रुपए की जरूरत है। उसने एक बार फिर स्‍वाति को विश्‍वास दिलाया कि उसकी पूरी रकम को वह वह नीदरलैंड जाकर अपने हेल्थ इंश्योरेंस से क्लेम करके उसको लौटा देगा। स्‍वाति ने तुरंत यह रकम राजवीर की मेडिकल इमरजेंसी के लिए ट्रांसफर कर दी। मॉरिशस में राजवीर के खाने-पीने, दवा आदि का सारा खर्च भी स्वाति ने ही उठाया।

राजवीर ने स्वाति को विश्वास दिलाया कि वह अपने देश जाते ही स्वाति को डबल रूपये लौटा देगा। मॉरिशस से वापस यूरोप जाने के लिए टिकट के रूपये का भी इंतजाम स्वाति ने ही किया। राजवीर ने नीदरलैंड जाकर अपने अकाउंट डीफ्रीज करवाए। जनवरी, 2025 में उसने स्वाति को यह कहकर चौका दिया कि पिछले पूरे साल में जितनी मदद उसने की है, उतनी उसके घरवालों ने भी नहीं की। वह स्‍वाति का ऋणी है और उससे मिलने भारत आ रहा है। जहां वह जल्द ही स्वाति से शादी कर लेगा। राजवीर ने स्वाति से कहा कि वह अपने साथ 2 मिलियन पाउंड भी ला रहा है, ताकि वह स्वाति का सारा कर्ज चुका सके।

अगले दिन स्वाति को राजवीर का फोन आया कि वह दिल्ली एयरपोर्ट पर है जहाँ कस्टम ने उसे हिरासत में लिया है और उसे कुछ पैसों की जरूरत है, नहीं तो कस्टम उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर देगा। स्वाति ने जब यह बात अपनी मां को बताई। उन्हें शक हुआ कि उनके साथ कही कोई धोखाधड़ी तो नही हो रही है। स्वाति अब तक अलग-अलग माध्यमों से अलग-अलग समय पर राजवीर को 1 करोड़ से ज्यादा रूपये भेज चुकी है। जब उसको लगा कि यह धोखाधड़ी हो सकती है तो उसने Cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करा दी। साइबर क्राइम पुलिस द्वारा संज्ञान लेकर तुरंत (एफआईआर) अभियोग पंजीकृत किया गया।

पुलिस द्वारा साझी की गई कहानी से सीख

ना जाने रोज कितने ही लोग ऐसा डिजिटल पार्टनर को अपनी मेहनत की जमापूंजी बिना सत्यापन व प्रत्यक्ष मिले भेज देते है। जरूरी है कि सभी लोग अपनी जिंदगी के फैसले सतर्क रहकर लें। डिजिटल दोस्तों पर तब तक भरोसा न करें जब तक आप उनसे प्रत्यक्ष रूप से न मिलें। अपनी निजी जानकारी या निजी तस्वीरें किसी के साथ साझा न करें। अगर कोई आपको जाने बिना आपसे बहुत प्यार की बातें करने लगे तो सतर्क हो जाएं। हो सकता है कि आप किसी धोखेबाज से बात कर रहे हों। अगर कोई आपसे मेडिकल या किसी अन्य इमरजेंसी के लिए पैसे मांगे तो बिना वेरिफिकेशन के कभी कोई ट्रांजेक्शन न करें। मेट्रिमोनियल साइट्स पर सही जीवनसाथी चुनते समय सतर्क रहें। किसी भी अनजान व्यक्ति पर जल्दबाजी में विश्वास न करें और पैसों की मांग करने वालों से बचें। यदि कोई आपको ठगने की कोशिश करता है, तो तुरंत साइबर क्राइम को रिपोर्ट करें।

मैरिज (मेट्रिमोनियल) साइट्स पर धोखाधड़ी से बचने के लिए पुलिस की महत्‍वपूर्ण सलाह

आजकल कई लोग शादी के लिए मेट्रिमोनियल वेबसाइट्स (Shaadi.com, Jeevansathi.com, BharatMatrimony आदि) का उपयोग करते हैं, लेकिन साइबर अपराधी भी इनका गलत फायदा उठाकर धोखाधड़ी करते हैं। अगर आप या आपका कोई परिचित इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर रहा है, तो नीचे दिए गए सुरक्षा उपायों को जरूर अपनाएं।

1. फर्जी प्रोफाइल से सावधान रहें

👉कई साइबर अपराधी खुद को एनआरआई, सेना के अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर या उच्च पद पर कार्यरत व्यक्ति बताकर धोखा देते हैं।
👉प्रोफाइल में दी गई जानकारी गूगल सर्च, लिंक्डइन और सोशल मीडिया पर चेक करें।
👉अगर कोई व्यक्ति मिलने से पहले ही पैसों की मांग करने लगे, तो तुरंत अलर्ट हो जाएं।

2. जल्दबाजी में विश्वास न करें

👉अगर कोई बहुत जल्दी शादी के लिए तैयार हो रहा है और इमोशनल होकर विश्वास जीतने की कोशिश कर रहा है, तो सतर्क रहें।
👉ठग अक्सर प्यार, विश्वास और सहानुभूति का नाटक करके जाल में फंसाते हैं।

3. पैसों की मांग करने वालों से बचें

👉कई बार धोखेबाज शादी के बहाने कहते हैं कि “विजा के लिए पैसे चाहिए,” “मेडिकल इमरजेंसी है,” “गिफ्ट या कस्टम क्लियरेंस के लिए पैसे भेजो”, आदि।
👉कभी भी किसी को बैंक डिटेल्स, OTP, UPI PIN, क्रेडिट कार्ड जानकारी न दें।
👉अगर कोई गिफ्ट भेजने का दावा करता है और आपको “कस्टम चार्ज” भरने को कहे, तो यह 100% फ्रॉड है।

4. वीडियो कॉल और पर्सनल मीटिंग के बिना कोई फैसला न लें

👉ठग अक्सर कॉल या वीडियो कॉल से बचते हैं या बहाने बनाते हैं।
👉मिलने के लिए हमेशा सार्वजनिक स्थान (कैफे, मॉल आदि) चुनें और अपने साथ किसी भरोसेमंद व्यक्ति को ले जाएं।
👉पहली ही मुलाकात में निजी जानकारी साझा न करें।

5. सोशल मीडिया और निजी फोटो/वीडियो शेयर न करें:-

👉फ्रॉडस्टर आपकी फोटो/वीडियो मांग सकते हैं और बाद में उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर सकते हैं।
👉सोशल मीडिया पर नए रिश्तों की जानकारी जल्दबाजी में साझा न करें।

6. फर्जी वेबसाइट्स और अनजान लिंक पर क्लिक न करें

👉कई बार ठग फर्जी मेट्रिमोनियल वेबसाइट्स बनाकर या व्हाट्सएप/ईमेल पर लिंक भेजकर फंसाते हैं।
👉हमेशा अधिकृत और प्रसिद्ध प्लेटफॉर्म्स का ही उपयोग करें।

7. साइबर क्राइम की रिपोर्ट करें

👉अगर आपको कोई संदेहजनक प्रोफाइल दिखे या आप ठगी का शिकार हो जाएं, तो तुरंत रिपोर्ट करें:
• मेट्रिमोनियल वेबसाइट पर प्रोफाइल की शिकायत करें।
• राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल: www.cybercrime.gov.in
• साइबर हेल्पलाइन नंबर: 1930

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