Panchayat 24 की खबर पर लगी मुहर : ससुराल पक्ष की पैरवी के चलते हुई सुखपाल की हत्या, जमानत पर जेल से बाहर आया था एक आरोपी
Panchayat 24 news confirmed: Sukhpal murdered due to in-laws' lobbying, one accused came out of jail on bail

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा जोन के दादरी कोतवाली क्षेत्र में हुए बहुचर्चित सुखपाल हत्याकांड़ में Panchayat 24 की खबर पर पुलिस के खुलास ने मुहर लगा दी है। सुखपाल हत्याकांड़ को ससुराल पक्ष की पैरवी करने पर अंजाम दिया गया था। पुलिस ने हत्याकांड़ में शामिल दो आरोपियों रतन सिंह (55) निवासी ग्रेटर नोएडा और साजिद (21) निवासी पिलखुआ को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार दोनों आरोपियों ने सुखपाल हत्याकांड़ में मृतक की रैकी कर शूटरों को जानकारी उपलब्ध कराई थी। दोनों का पूर्व में भी अपराधिक इतिहास रहा है। आरोपियों से पुलिस ने दो तमंचे, जिंदा कारतूस और एक चोरी की बाइक बरामद की है। बाइक के संबंध में बुलन्दशहर जिले में मुकदमा दर्ज है। वहीं, हत्याकांड़ के मुख्य आरोपियों नीशू और शादाब आरोपी फरार चल रहे हैं। इन्होंने ही हत्याकांड़ को अंजाम दिया था। पुलिस इन आरोपियों की लगातार तलाश कर रही है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, दादरी कोतवाली क्षेत्र के घोड़ी बछैड़ा गांव के करीब नारायण गोलचक्कर के पास कासना गांव निवासी सुखपाल सिंह की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देकर आरोपी मौके से फरार हो गए। पीडित घोड़ी बछैड़ा गांव के पास स्थित काशीराम कॉलोनी में अपने किसी परिचित से मिलने जा रहा था। पीडित पक्ष ने इन्द्रजीत प्रधान, सरजीत, उदयराम, महेन्द्र, बबली उर्फ बलराज, राजेन्द्र, सोरन, बंटी और दो अज्ञात बाइक सवारों को नामजद किया था। घटना की शुरूआती जांच में पुलिस जमीनी विवाद, पारिवारिक रंजिश और लिव इन एंगलों पर काम कर रही थी। जांच में पुलिस के हाथ लगी जानकारियों ने पूरे हत्याकांड़ की दिशा बदल दी।
क्यों रची गई सुखपाल हत्याकांड़ की साजिश ?
डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मिया खांं के अनुसार मृतक सुखपाल की ससुराल ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक-तीन कोतवाली क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित है। सुखपाल का साला रोहित कीी गांव के ही रहने वाले प्रवीण नाम एक युवक के साथ दोस्ती थी। दोनों लूटपाट एवं अन्य अपराधिक वारदातों को अंजाम देते थे। साल 2019 में दोनों लूटपाट की घटना को अंजाम देने के लिए फेज- कोतवाली के याकूबपुर गांव गए थे। वारदात को अंजाम देकर भागते समय भीड़ ने प्रवीण को दबोच लिया और पीट पीटकर हत्या कर दी। मौका पाकर रोहित बाइक लेकर वहां से भागने में कामयाब हो गया। इस घटना के बाद से ही मृतक प्रवीण का भाई नीशू और उसका पिता रतन सिंह रोहित को प्रवीण की हत्या के लिए जिम्मेवार समझते थे।
इस घटना के बाद से ही प्रवीण के परिवार के लोग रोहित के परिवार से भी दुश्मनी रखते थे। नीशू ने साल 2020 में रोहित के पिता रामकिशोर पर जान से मारने की नियत से फायरिंग की थी जिससे वह बाल बाल बच गए। इसके बाद उनके ऊपर चाकू से 14 वार किए। घायल अवस्था में पीडित को करीब के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उन्हें दिल्ली अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। इस घटना के बाद रामकिशोर ने परिवार सहित गांव छोड़ दिया था। वहीं, एक अन्य मामले में रोहित अभी जेल में हैं। जान का खतरा होने के कारण वह अभी जेल से बाहर आने के लिए जमानत भी नहीं करा रहा है।
दोनों पक्षों के बीच समझौते की बातचीत चल रही थी। दूसरे पक्ष ने समझौते के लिए 5 लाख रूपये की मांग की थी। पूरे प्रकरण में सुखपाल ही ससुराल पक्ष की ओर से अहम पैरोकारी कर रहा था। पुलिस के अनुसार सुखपाल का कहना था कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि समझौते की रकम देने के बाद दूसरे पक्ष से उसकी ससुराल पक्ष के लोगों को जान का खतरा नहीं होगा। वहीं, उसने गिरफ्तार आरोपी को गाजियाबाद से गिरफ्तार भी कराया था। सुखपाल की पूरे मामले में पंचायत से लेकर कोर्ट तक सक्रियता को आरोपी पक्ष बदला लेने और समझौता होने के बीच बाधा मान रहा था। आरोपी पक्ष को डर था कि उसकी पैरवी के कारण उन्हें कोर्ट में सजा हो जाएगी। इसके चलते सुखपाल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई गई।
सुखपाल की हत्या को अंजाम देने के लिए जेल से कराई शादाब उर्फ सद्दाम की जमानत
पुलिस के अनुसार नीशू कई बार अपराधिक वारदातों को अंजाम देने के आरोप में जेल गया था। गाजियाबाद की डासना जेल में उसकी मुलाकात मूलरूप से गाजियाबाद के भोजपुर क्षेत्र के अमराला गांव निवासी साजिद से हुई थी। साजिद वर्तमान में पिलखुआ में परिवार सहित किराए के मकान में रहता था। साजिद की मदद से नीशू की दोस्ती हापुड़ जिले के सिंभावली कोतवाली क्षेत्र के देवली गांव निवासी शादाब उर्फ सद्दाम से हुई। साजिद ने ही नीशू और शादाब को पिलखुआ में किराए पर कमरा और दैनिक जीवन का सामान दिलवाया था। दोनों ने मिलकर चोरी, लूट सहित कई अपराधिक वारदातों को अंजाम दिया था। शादाब वर्तमान में जेल में था। सुखपाल की हत्या के लिए नीशू और रतन सिंह को एक भरोसेमंद साथी की जरूरत थी। नीशू ने इसके लिए शादाब से बात की। शादाब उसका साथ देने को तैयार हो गया। इसके बाद रतनसिंह ने शादाब की जेल से जमानत कराई।
फरार आरोपियों की दिल्ली पुलिस को भी है तलाश
पुलिस के अनुसार सुखपाल हत्याकांड़ के दोनों मुख्य आरोपी नीशू और सादाब की तलाश दिल्ली पुलिस भी कर रही है। दोनों कुछ समय पूर्व दिल्ली में एक बड़ी लूट की घटना को अंजाम देने गए थे। लेकिन वारदात में उनके हाथ उनकी अपेक्षा से कम सामान हाथ लगा। दोनों आरोपी की दिल्ली पुलिस लगातार तलाश कर रही थी।