Panchayat24 : जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति होंगे। शुक्रवार को सम्पन्न हुए देश के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हरा दिया। चुनाव में संसद के दोनों सदनों के कुल 725 उम्मीदवारों ने वोट डाले। इनमें से जगदीप धनखड़ को 528 और मार्गरेट अल्वा को महज 182 वोट मिले। जबकि 15 वोट अमान्य घोषित किए गए। बता दें कि पिछले 6 उपराष्ट्रपति चुनावों में यह सबसे बड़ी जीत है। जगदीप धनखड़ आगामी 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर जीत की बधाई दी। विपक्ष की उम्मीदवार ने भी जगदीप धनखड़ को उनकी इस जीत पर बधाई दी। उन्होंने विपक्ष की दलों की एकता पर भी सवाल उठाया।
टीएमसी सांसदों ने नहीं माना पार्टी का फैसला
उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान विपक्ष की एकता की कलई खुल गई। टीएमसी पार्टी के 36 सांसदों को उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने के लिए कहा गया था। मिडिया रिपोर्ट के अनुसार टीएमसी सांसद शिशिर अधिकारी और दिव्येन्द्र अधिकारी ने ममता बनर्जी के फैसले के खिलाफ जाकर एनडीए के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद के दोनों सदनों की कुल सदस्य संख्या 788 है। इनमें राज्यसभा 225 और लोकसभा के 543 सदस्य हैं। लेकिन राज्यसभा की 8 सीटें खाली हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के 36 सांसदों में केवल 2 सांसदों ने वोट डाले जबकि 34 सांसदों मतदान से अनुपस्थित रहे। दरअसल, तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह मतदान में हिस्सा नहीं लेगी। संसद के दोनों सदनों में टीएमसी के कुल 39 सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त सपा और शिवसेना के 2 और बसपा के एक सांसद ने वोट नहीं दिया। वहीं भाजपा के सांसद सन्नी देओल संजय धोत्रे ने वोट नहीं दिया।
कौन है जगदीप धनखड़ ?
जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान के झुंझुनू में हुआ था। वह एक किसान परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। उनकी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में हुई। भौतिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से एलएलबी की। जगदीप धनखड़ राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं।
धनखड़ 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने 1990 में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वह वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में मंत्री बने।1991 में जगदीप धनखड़ ने जनता दल छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया और 1993 में अजमेर के किशनगढ़ से विधायक चुने गए। साल 2003 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा को ज्वाइन कर लिया। मोदी सरकार ने उन्हें जुलाई 2019 में धपश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया। ममता सरकार के फैसलों की आलोचना को लेकर वह काफी चर्चा में रहे।