जेवर विधानसभायमुना प्राधिकरण

यमुना प्राधिकरण में कार्यरत सुपरवाइजर बोले, थोड़े से वेतन में कैसे मनाएं दीवाली, बच्‍चों की पढ़ाई का खर्च भी पड़ रहा है भारी

Supervisor working in Yamuna Authority said, how to celebrate Diwali with little salary, children's education expenses are also becoming heavy

Panchayat 24 : दीवाली के पर्व पर चारों तरफ खुशी का माहौल है। लेकिन यमुना प्राधिकरण में कार्यरत सुपरवाइजरों के सामने अलग ही परेशानी खड़ी हो गई है। सुपरवाइजरों ने का कहना है कि बहुत कम वेतन होने के कारण उनके घर का खर्च चल पाना भी मुश्किल हेा गया है। उनके घरों में दीपावली के पर्व की खुशी से अधिक घर का खर्च और बच्‍चों की स्‍कूल की फीस का भुगतान करने की चिंता अधिक है। सुपरवाइजर और टेक्निकल वर्ग ने पत्र लिखकर अपना वेतन बढ़ाए जाने तथा कुछ अन्‍य मांगों को लेकर प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों को कई बार मांग की है। लेकिन अभी तक प्राधिकरण की ओर से उनकी मांग पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं, स्‍थानीय विधायक धीरेन्‍द्र सिंह को भी इस संबंध में पत्र लिखा है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, यमुना एक्‍सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में सुपरवाइजर एवं टेक्निकल स्‍टॉफ ने प्राधिकरण से अपना वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि हर मौसम में हमारे द्वारा प्राधिकरण को लगातार अपनी सेवाएं दी जा रही हैं। लेकिन उनकी सेवाओं के अनुरूप उन्‍हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त उन्‍हें दूसरी आवश्‍यक सुविधाएं भी नहीं दी जा रही है। इनका कहना है कि नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत सुपरवाइजरों को इसी काम के लिए 31 हजार और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकस प्राधिकरण में 23 हजार रूपये दिए जा रहे हैं।

वहीं, यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण में कार्यरत सुपरवाइजरों और टेक्निकल स्‍टाॅफ को महज 11 हजार रूपये का भुगता किया जा रहा है। यमुना प्राधिकरण में कार्यरत सुपरवाइजरों और टेक्निकल स्‍टॉफ का कहना है कि वेतन की इस धनराशि में से बहुत बड़ा हिस्‍सा लगभग पांच हजार रूपये उनके आने जाने के किराए पर ही खर्च हो जाते हैं। शेष धनराशि में उनके घर का खर्च और बच्‍चों की स्‍कूल की फीस की पूर्ति करना असंभव है। इसके कारण हमारे परिवारों का भरण पोषण भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में यदि परिवार का कोई सदस्‍य बीमार हो जाए तो घर बेचने की नौबत आ जाती है। कर्ज का बोझ हमारी कमर तोड़ रहा है।

यमुना प्राधिकरण के टेक्निकल और सुपरवाइजरों ने मांग की है कि उनके वेतन में बढ़ोत्‍तरी की जाए। यह उनका अधिकार है। साथ ही उनके परिवार के सदस्‍यों के चिकित्‍सा सुविधा भी मुहैया कराई जाए। किसी स्‍थानीय अस्‍पताल में सीजीएसए की तर्ज पर उपचार की व्‍यवस्‍था की जाए। इसके अतिरिक्‍त सुपरवाइजरों और टेक्निकल स्‍टाॅफ के आईकार्ड बनाए जाए। ईएसआई और पीएफ समय पर जमा किया जाए। सभी कर्मचारियों को जीएम पोर्टल से जोड़ा जाए।

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