अंतर्राष्ट्रीय

भारत से बिगड़ते संबंधों के बीच कनाड़ा में हिन्‍दू मंदिर पर खालिस्‍तान समर्थकों ने किया हमला, श्रद्धालुओं से मारपीट

Amid deteriorating relations with India, Khalistan supporters attacked a Hindu temple in Canada, beat up devotees

Panchayat 24 : भारत और कनाड़ा के बिगड़ते संबंधों के बीच परेशान करने वाली खबर आ रही है। कनाड़ा के बैम्‍पटन में रविवार को खालिस्‍तानी समर्थकों ने हिन्‍दु मन्दिरर पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं खालिस्‍तानी समर्थकों ने मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं से भी मारपीट की। हमलावरों के हाथ में खालिस्‍तानी झंडे थे। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो को भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने वायरल किया है। घटना पर जहां कनाड़ा में हिन्‍दु समाज में नाराजगी है। वहीं, भारत ने भी इस घटना पर चिंता जाहिर की है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की है। उन्‍होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्‍ट करते हुए लिखा है कि बैम्‍पटन में हिन्‍दु सभा मंदिर में हुई हिंसा को कतई स्‍वीकार नहीं किया जा सकता। कनाड़ा में रहने वाले हर नागरिक को अपने धर्म और स्‍वतंत्रता और सुरक्षित तरीके से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। कनाड़ा के विपक्ष के नेता पियरे विले ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि हमारा देश हिंन्‍दुओं की रक्षा नहीं कर पा रहा है। बता दें कि कनाड़ा में खालिस्‍तानी समर्थक लगातार भारत विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहे हैं। इसके बावजूद कनाड़ा सरकार इन पर लगाम नहीं लगा रही है। भारत की ओर से ट्रूडो सरकार पर वोटबैंक की राजीनति का आरोप लगाया गया है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, साल 2020 में कनाड़ाई खालिस्‍तानी हरदीप सिंह निज्‍जर की मौत के बाद भारत और कनाड़ा के संबंधों में कड़वाहट शुरू हो गई थी। कनाड़ा ने ट्रूडो सरकार ने निज्‍जर की हत्‍या के लिए भारतीय एजेंसियों को जिम्‍मेवार ठहराया था। कनाड़ाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में बयान यह बयान दिया था।पिछले एक साल से भारत और कनाड़ा के संबंधों में तल्‍खी देखी जा रही है। इसका असर कनाड़ा के व्‍यापारिक एवं राजनीतिक संबंधों पर पड़ा है।  ट्रडों सरकार ने भारतीय राजनयिकों पर भी निज्‍जर की हत्‍या में शामिल होने का आरोप लगाया है।  भारत ने कनाडा के आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अपने छ: वरिष्‍ठ राजनयिकों को भारत वापस बुला लिया था। भारत सरकार ने स्‍पष्‍ट कहा था कि कनाड़ा सरकार बिना किसी सबूत के बेबुनियाद आरोप लगा रही है। बता दें कि कनाड़ा सरकार ने कनाड़ा में हो रही हत्‍याओं के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का भी नाम लिया था। जस्टिन ट्रूडों ने कनाडा में खालिस्‍तानियों पर कार्रवाई के पीछे भारत के गृहमंत्री अमित शाह का हाथ बताया था। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कनाड़ाई उच्‍चायोग के वरिष्‍ठ अधिकारी को तलब किया था।

कनाड़ा में खालिस्‍तानी उग्रवाद की जड़े गहरी हो रही हैं : चंद्र आर्य 

कनाड़ा में टोरेंटो से कुछ दूरी पर बैम्‍पटन में हिन्‍दु सभा मंदिर पर खालिस्‍तानी चरमपंथियों द्वारा किए गए हमले के बाद भारत मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि खालिस्‍तानी चरमपंथियों ने सारी सीमाएं लांघ दी हैं। यह कनाड़ा में तेजी से बढ़ते उग्रवाद को दर्शाता है। मंदिर और श्रद्धालुओं पर खालिस्‍तानियों का हमला दिखाता है कि कनाड़ा में उग्रवाद की जड़ें मजबूत हो रही हैं। उन्‍होंने कहा‍ि क फ्रीडम ऑफ स्‍पीक के नाम पर खालिस्‍तानी समर्थकों को कनाड़ा में खुली छूट मिली हुई है। हिन्‍दू कनाडाई लोगों को अपनी और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे आना चाहिएि।

बैम्‍पटन के मेयर ने की घटना की निंदा

बैम्‍पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने भी हिन्‍दु सभा मंदिर पर हुए हमले की निंदा की है। उन्‍होंने कहा कि धार्मिक स्‍वतंत्रता कनाडा का आधारमूल्‍य है। देश के हर नागरिक को अपने पूजा स्‍थल पर जाने और प्रार्थना करने का अधिकार है। हिन्‍दू पूजास्‍थल के बाहर हुई इस हिंसा की मैं कड़ी निंदा करता हूं। उन्‍होंने कहा कि मैं बैम्‍पटन सिटी काउंसिल में एक प्रस्‍ताव लाऊंगा जो पूजा स्‍थलों पर विरोध प्रदर्शन करने पर रोक लगाने पर विचार करेगा। पूजा स्‍थलों को सुरक्षित होना चाहिए। यहां किसी भी तरह की हिंसा अथवा धमकी नहीं होनी चाहिए।

ओंटारियो सिख और गुरूद्वारा कमेटी ने जारी किया बयान

कनाडा के हिन्‍दु समाज मंदिर में हुए हमले की सिख समाज और गुरूद्वारा कमेटी ने भी निंदा की है। ओंटारियां सिख और गुरूद्वारा कमेटी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि हिंसा और धमकी का हमारे समाज में कोई स्‍थान नहीं है। पूजास्‍थलों पर इस तरह की घटनाएं कतई नहीं होती चाहिए। कमेटी ने स्‍थानीय एजेंसियों से इस घटना की गहनता से जांच की मांग भी की है।

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