मोमोज प्रकरण के बाद सख्ती : जिलाधिकारी ने खाद्य पदार्थों में मिलवट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के दिए निर्देश
Strictness after the momos incident: District Magistrate gave instructions to take strict action against those who adulterate food items

Panchayat 24 : मोमोज खाने के बाए एक ही परिवार के चार सदस्यों की तबियत खराब होने एवं अस्पताल में भर्ती होने के प्रकरण के संज्ञान में आने पर जिला प्रशासन मिलावट खोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावटखोरी को गंभीरता से लेते हुए कलेक्ट्रेट के सभागार में खाद्य एक समीक्षा बैठक बुलाई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मिलावटखोरों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन मंगलेश दुबे, पुलिस, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग से खाद्य सुरक्षा अधिकारी, स्वास्थ्य तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर म्यू-2 में रहने वाले विनय कसाना बीती 25 मई को सेक्टर अल्फा-वन स्थित कमर्शियल बेल्ट में ठेले पर मोमोज बेचने वाले से मोमोज पैक कराकर घर ले गए थे। मोमोज खाने के बाद विनय कसाना, उनकी पत्नी पारूल, मा मुनीता और बहन दीपिका की तबियत खराब हो गई। आनन फानन में उन्हें कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया। जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि मोमोज खाने से सभी के पेट में संक्रमण हो गया है। उनके पेट में खतरनाक रसायन मिला है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को दिया दिया प्रजेंटेशन
घटना के बाद जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा बुलाई गई बैठक में सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय सर्वेश कुमार मिश्रा एवं मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेंद्र द्विवेदी ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले नागरिकों को शुद्ध खाद्य एवं पेय पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने मिलावटखोरों के प्रति दिखाया कड़ा रूख, सख्त कार्रवाई के निर्देश
बैठक में मनीष कुमार वर्मा ने खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावटखोरी पर कड़ा रूख अपाया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों से कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में व्यापक अभियान चलाया जाए। खाद्य एवं पेय पदार्थों की सैंपलिंग की जाए, जिससे शुद्ध खाद्य एवं पेय पदार्थ उपलब्ध हो सके। यदि सैंपल में प्रयोगशाला से मिलावट सिद्ध होती है तो संबंधित प्रतिष्ठान के विरुद्ध नियम अनुसार कार्रवाई करते हुए जुर्माना भी लगाया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि फूड फोर्टिफिकेशन, रीयूज्ड कुकिंग ऑयल एवं शुद्ध खाद्य व पेय पदार्थों को लेकर एक एडवाइजरी जारी की जाए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तथा इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी स्कूलों तथा सरकारी कार्यालय परिसरों को ईट राइट स्कूल एवं कैंपस में बदलने के लिए भी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर लगातार करें जिससे सभी स्कूलों तथा सरकारी कार्यालय परिसरों को भी ईट राइट केंपस घोषित किया जा सके।