भाजपा विधायक ने जताई हत्या की आशंका, अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूछा, किसी दूसरे राज्य में शरण ले लूं ?
BJP MLA expressed fear of murder, wrote a letter to the Additional Chief Secretary and asked, should I take refuge in some other state?

Panchayat 24 : उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपराध एवं माफिया मुक्त समाज को जोरशोर से उठाते हुए विपक्ष पर अपराधियों और माफियाओं से साठगांठ का आरोप लगाया था। चुनाव के बाद भाजपा के ही एक विधायक ने अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की है। उन्होंने इस संबंध में एक पत्र अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर पूछा है कि वह उत्तर प्रदेश में रहे या फिर किसी दूसरे राज्य में शरण ले लें ? विधायक का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है। इस पत्र में लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर ने गाजियाबाद पुलिस आयुक्त अजय मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि गाजियाबाद पुलिस द्वारा अनुशासनहीनता करते हुए समाचार पत्रों में उनकी सुरक्षाकर्मी में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटाने संबंधित बयान दिया गया है। इस संबंध मैं आपको एवं अन्य संबंधित उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा चुका हूं। इसके उपरांत मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि मेरे आवास पर पुलिसकर्मियों को यह कहकर भेजा जाता था कि आप वहां पहुंचकर लोकेशन के साथ अपनी फोटो पुलिस लाइन में जमा कराते हुए लिखकर दे दें कि हमें अपनी सुरक्षा में रखने से मना कर दिया है।
‘चुनाव प्रचार से दूर रखने की साजिश’
अपर मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में विधायक ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि प्रतिदिन यहीं प्रक्रिया पूरे चुनाव के दौरान अपनाई गई है। प्रतीत होता है कि यह मुझे चुनाव से दूर रखने की साजिश है, जिससे मैं चुनाव प्रचार में शामिल न हो सकुं। परिणामस्वरूप लोनी जैसी संवेदनशील विधानसभा में भाजपा हार जाए। विधायक ने लिखा है कि इस दौरान मेरी हत्या भी कराई जा सकें। उन्होंने आगे लिखा है कि इस तरह का षड्यंत्र मुरादनगर के विधायक के साथ भी ऐसा ही किया गया।
कट्टरपंथी देशों और संगठनों से मिली धमकी
विधायक ने पत्र में आगे लिखा है कि मुझे कई कट्टरपंथी देशों और संगठनों से धमकी मिली हैं। एटीएस की रिपोर्ट के बाद मैं सकुशल रहा हूं और वह अपनी साजिश में कामयाब नहीं हो सके हैं। पुलिस लाइन से मेरे घर की दूरी एक घंटे से अधिक की हे। इस दौरान मेरे पास कोई सुरक्षा नहीं रही। उनका कहना है कि इस विषय पर पुलिस आयुक्त द्वारा मेरे साथ कोई वार्ता नहीं की गई। विधायक ने पुलिस आयुक्त द्वारा मीडिया में अपनी सुरक्षा हटाने के संबंध में दिए गए बयान पर भी आपत्ति जताई है। पत्र में लिखा गया है कि मैंने कभी सुरक्षा नहीं मांगी। मीडिया में आई खबरों के बाद विधायक ने पुलिस आयुक्त से पूछा था जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह के कहने पर आपकी सुरक्षा हटाई गई है। आप मुख्यमंत्री से मिल लो आपको सुरक्षा मिल जाएगी।
मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण भेट नहीं हो सकी है
नन्दकिशोर गुर्जर ने कहा कि मैंने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को अवगत करा दिया है। मुख्यमंत्री की व्यस्तता के कारण मुलाकात नहीं हो सकी है। विधायक ने पत्र में लिखा है कि पुलिस आयुक्त द्वारा हत्या, अपहरण, रंगदारी जैसे मामलों में नामजद अपराधियों को बड़े पैमाने पर सुरक्षा शासन का आदेश बताकर उपलब्ध कराई गई है। वहीं, मुझे शासन से पता चला है कि ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है।
‘विपक्ष के साथ मिलकर पुलिस पर हत्या की साजिश रचने का आरोप’
लोनी विधायक का कहना है कि पुलिस आयुक्त द्वारा अपने विवेक से सुरक्षा उपलब्ध कराई गई हैं। यह सिद्ध करता है कि पुलिस आयुक्त और उनके सहयोगी विपक्ष के साथ मिलकर मेरी हत्या कराने के षड्यंत्र रच रहे हैं। उनका कहना है किसार्वजनिक रूप से अपनी गलती को छुपाने के लिए पुलिस अनुशासनहीनता की हद पारकर जनप्रतिनिधियों को अपमानित करने के लिए मीडिया में इस तरह के बयान दे रही हैं।
जिले की कानून व्यवस्था 1990 के दश से भी भयानक स्थिति में पहुंची
नन्दकिशोर गुर्जर ने गाजियाबाद पुलिस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि आचार संहिता के दौरान जिले की कानून व्यवस्था 1990 के दौर से भी भयानक स्थिति में पहुंच गई है। नशा, हत्या, अवैध उगाही, अपहरण में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई हे। विधायक ने अपने आरोपों के लिए आंकड़ों का हवाला दिया है।
‘मैं यहां रहूं अथवा अन्य राज्य में शरण ले लूं ?’
मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में लोनी विधायक नन्दकिशोर गुर्जर ने सवाल पूछते हुए लिखा है कि जब जिले में कानून व्यवस्थ पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। पुलिस अधिकारी बयान बहादुर बन रहे हैं। ऐसे में असुरक्षित माहौल में मैं यहां रहूं या फिर किसी दूसरे राज्य में शरण ले लूं।
लोनी विधायक के सुरक्षा हटाने संबंधी बयान पर पुलिस की ओर से जवाब दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि विधायक को शासन के निर्देश पर दो गनर दिए गए हैं। इस संबंध में आदेश में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दोनों गनर उनकी सुरक्षा में लगे हुए हैं। गनर उनके आवास पर सुरक्षा के लिए उपस्थित रहते हैं।