कुणाल शर्मा हत्याकांड़ में पुलिस का खुलासा : दुश्मन का दुश्मन बना दोस्त, लालच ने लिया खतरनाक साजिश का रूप
Police disclosure in Kunal Sharma murder case: Enemy's enemy became friend, greed took the form of a dangerous conspiracy

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा में हुए कुणाल शर्मा हत्याकांड़ में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस ने कई बड़ी बातों का खुलासा किया। परिचितों के द्वारा ही हत्याकांड़ को अंंजाम दिए जाने की बात सामने आई है। पूरे प्रकरण में लालाच और साजिश का कॉकटेल इस हत्याकांड़ का आधार बना। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी से स्पष्ट हो गया कि किस तरह से हत्याकांड़ को अंजाम देने के लिए दुश्मन का दुश्मन बना दोस्त, लालच ने लिया खतरनाक साजिश का रूप।
वहीं, पुलिस ने यह भी बताया कि हत्यारोपियों ने नाबालिग की हत्या किए जाने क बाद सबूत मिटाने के लिए नेट फलिक्स पर बेब सीरिज हिट देखी थी। इस मूवी से ही उन्होंने सबूत मिटाने के तरीके सीखे थे। पुलिस ने इस हत्याकांड़ में शामिल एक महिला सहित कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार हत्यारोपियों ने कुणाल के अपहरण और उसकी हत्या की बात को स्वीकार किया है। हत्याकांड़ का डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मिया खां के नेतृत्व में खुलासा करने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, रबूपुरा क्षेत्र के मयाना गांव निवासी कृष्ण कुमार शर्मा ग्रेटर नोएडा स्थित ऐच्छर गांव के पास होटल चलाते हैं। उनका 15 साल का बेटा कुणाल होटल संचालन में पिता का बराबर साथ देता था। जिससे कृष्ण शर्मा के ऊपर काम का दबाव नहीं रहता था। बीती 1 मई को दोपहर को कुणाल का कार सवार कुछ लोगों ने होटल से अपहरण कर लिया था। अपहरणकर्ताओं में एक महिला भी शामिल थी। कुणाल की लाश अपहरण के पांचवे दिन बुलन्दशहर के गवार खेड़ा गांव के पास स्थित नहर में मिली। इसके बाद से ही पुलिस पर कुणाल के हत्यारों को गिरफ्तार करने और कड़ी सजा दिलवाने के लिए लगातार दबाव बढ़ रहा था।
पुलिस मुठभेड़ में पुलिस ने दबोचे थे दो आरोपी
हत्याकांड़ में शामिल हत्यारोपियों की तलाश में जुटी पुलिस को सूचना मिली थी कि हत्यारोपी ग्रेटर नोएडा में घूम रहे हैं। हत्यारोपी हत्याकांड से संबंधित सभी सबूतों को नष्ट करने की फिराक में हैं। पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपियों को गिरफ्तार करने की योजना बनाई। बुधवार देर शाम को हत्यारोपी और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान पुलिस ने दो आरोपियों कुणाल भाटी निवासी डाढा और हिमांशु निवासी अगौता जिला बुलन्दशहर को गिरफ्तार कर लिया। कुणाल भाटी के पैर में इस दौरा पुलिस की गोली भी लगी। वहीं, पुलिस हत्याकांड में शामिल एक अन्य आरोपी मनोज शर्मा को भी गिरफ्तार कर चुकी थी। पुलिस को हत्याकांड़ में शामिल एक अन्य आरोपी महिला की तलाश थी।
दुश्मन का दुश्मन बना दोस्त, लालच ने लिया खतरनाक साजिश का रूप
प्रेस वार्ता के दौरान अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय बबलू कुमार ने बताया कि कुणाल हत्याकांड़ में गिरफ्तार आरोपी मनोज निवासी ग्रेटर नोएडा और हिमांशु निवासी अगौता जिला बुलन्दशहर मृतक कुणाल और उसके पिता से परिचित थे। मनोज मृतक नाबालिग कुणाल का मौसेरा भाई है। कृष्ण और मनोज ने साझीदारी में होटल शुरू किया था। दोनों की साझीदारी अधिक समय तक नहींं चल सकी। इसके बाद कृष्ण ने मनोज को 23 लाख रूपये देकर होटल पर पूरी तरह से अपना मालिकाना हक कायम कर लिया। मनोज मानता था कि कृष्ण अकेला होटल नहीं चला सकेगा। ऐसे में थोड़ी बहुत रकम लेकर अंतत: उसी को होटल दे देगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कृष्ण शर्मा का छोटा बेटा कुणाल अपने पिता का होटल संचालन में हाथ बंटाने लगा। वह अपनी उम्र से अधिक जिम्मेवारियों का निर्वहन करने लगा। ऐसे में बेटे के सहयोग से कृष्ण शर्मा को होटल संचालन में कोई परेशानी नहीं हो रही थी। इससे मनोज का सपना टूट रहा था। मनोज अब किसी भी तरह से होटल पर अपना मालिकाना हक चाहने लगा था। उसको लगने लगा था कि कुणाल के कारण ही कृष्ण अच्छे से होटल चला पा रहा है। ऐसे में कुणाल को रास्ते से हटाने पर कृष्ण होटल चलाने में बेबस हो जाएगा। अब वह कुणाल को रास्ते से हटाना चाहता था। दूसरी ओर हिमांशु को कृष्ण ने 2 लाख रूपया ब्याज पर दिया था। इसकी एवज में हिमांशु ने अपनी ब्रेजा कार भी गिरवी रखी थी। रकम को लौटाने में हिमांशु लगातार असफल हो रहा था जिसके कारण अपनी कार को वापस प्राप्त नहीं कर पा रहा था। हिमांशु की परेशानी के बारे में मनोज को पता था। मनोज ने हिमांशु को अधिक रूपयों का लालच देकर कुणाल की हत्या की साजिश रची। हिमांशु ने इस साजिश में अपने दोस्त कुणाल भाटी और एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही अपनी गर्लफ्रेंड तनवी निवासी हरियाण को भी इस साजिश में शामिल कर लिया।
अपहरण के बाद नाबालिग पर किया गया बल प्रयोग, अमानवीय व्यवहार, सिर पर चोट लगने से हुई मौत
कुणाल के अपहरण के बाद हत्यारोपियों ने उसके साथ मारपीट और अमानवीय व्यवहार किया। उसके हाथ, पैर और मुंह टेप से बांध दिए। उसको एक सोसायटी के फ्लैट में ले जाकर रख। यहां उससे मारपीट की। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उसकी मौत हो गई। शव को एक ब्रीफकेस में बंद करके कार की डिग्गी में रखकर बुलन्दशहर ले गए। वहां रात में शव को नहर में फेंक दिया गया। हत्यारोपियों ने मृतक के मोबाइल को सेक्टर-127 के पास स्थित नाले के पास फेंक दिया था। वहीं, मृतक के कपड़ों को सेक्टर-127 में ही एक कूडेदान के पास फेंक दिया था। पुलिस ने हत्यारोपियों की निशानदेही पर इन कपड़ों और मोबाइल को बरामद कर लिया था।
हत्यारोपियों ने लाश से फिंगर प्रिंट भी मिटाने का प्रयास किया
हत्याकांड़ के खुलासे के दौरान अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय बबलू कुमार ने बताया कि हत्यारों ने नेट फलिक्स वेब सीरिज हिट देखकर सबूत मिटाने का तरीका जाना था। हत्यारोपियों ने इसके बाद मृतक के शरीर से फिंगर प्रिंट के हटाने, कार को नष्ट करना, नाबालिग के अपहरण एवं हत्या के दौरान पहने गए कपड़े छिपाने, मृतक का मोबाइल नष्ट करना और कार की ब्लेक फिल्म हटाना आदि प्रयास किए थे।