ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

अवैध कॉलोनियों पर कहर बरसा रहा है ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बुलडोजर, 150 करोड़ को अवैध कब्‍जे से कराया मुक्‍त

Greater Noida Authority's bulldozer is wreaking havoc on illegal colonies, 150 crores worth of property has been freed from illegal occupation

Panchayat 24 :  लोकसभा चुनावों की अधिसूचना जारी होते ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने योजना बद्ध तरीके से अवैध कॉलोनियों को गिराना शुरू कर दिया है। शनिवार को प्राधिकरण ने बड़े पैमाने पर अधिसूचित जमीन पर बनाई जा रही कॉलोनी पर बुलडोजर चला दिया। प्राधिकरण की इस कार्रवाई से लगभग 150 करोड़ रूपया कीमत की जमीन को अवैध कब्‍जे से मुक्‍त करा लिया गया है।  प्राधिकराण के आला अधिकारियों की माने तो निकट भविष्‍य में कई अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण प्राधिकरण के एक्‍शन से कॉलोनाइजरों और भूमाफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, गौतम बुद्ध नगर जिले में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की अधिसूचित जमीन और डूब क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण कर दिया गया है। ऐसे में प्राधिकरणों को लंबित योजनाओं और औद्योगिक, संस्‍थागत और आवासीय प्‍लानिंग में दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में तीनों प्राधिकरणों द्वारा शासन के कड़े निर्देश पर अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का फैसला किया है। प्राधिकरणों ने अधिसूचित जमीन पर बसाई जा रही कॉलोनियों के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पूर्व कठोर रूख अपना लिया था। लोकसभा चुनाव के कारण अभियान को रोकना पड़ा। बातचीत के दौरान प्राधिकरण के अधिकारियों ने इस बात के स्‍पष्‍ट संकेत दिए थे कि अधिसूचना समाप्‍त होते ही बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियों को गिराया जाएगा। वहीं, कॉलोनाइजरों और भूमाफियाओं के खिलाफ मुकदमें भी दर्ज किए जाएंगे।

तुस्‍याना गांव में 150 करोड़ कीमत की जमीन से हटाया गया अतिक्रमण

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए तुस्‍याना गांव में अधिसूचित क्षेत्र में बसाई जा रही कॉलोनी पर बुलडोजर चलाने के निर्देश दिए। प्राधिकरण ने लगभग 75 हजार वर्गमीटर में बस रही इस कॉलोनी पर कार्रवाई करते हुए गिरा दिया। इस जमीन की बाजार में कीमत 150 करोड़ रूपये बताई जा रही है।

अधिसूचित क्षेत्र में कॉलोनी बसाकर लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं कॉलोनाइजर :  अन्‍नपूर्णा गर्ग 

प्राधिकरण की एसीईओ अन्‍नपूर्णा गर्ग ने कहा कि अधिसूचित क्षेत्र में कॉलोनाइ्जरों द्वारा बसाई जा रही कॉलोनियों में लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटा जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि  तुस्‍याना गांव में कुल 6 खसरा संख्‍या के अन्‍तर्गत 75 हजार वर्ग मीटर जमीन पर कॉलोनी बसाई जा रही थी। शनिवार सुबह प्राधिकरण वर्क सर्किल तीन की टीम ने निर्माण कार्य को जेसीबी मशीनों की मदद से गिरा दिया। प्राधिकरण के परियोजना विभाग के महाप्रबंधक एवं ओएसडी हिमांशु वर्मा ने अधिसूचित क्षेत्र में कॉलोनी बसाने वाले लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इन्‍हें किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होेंने परियोजना विभाग के सभी वर्क सर्किल प्रभारियों को अपने क्षेत्र में जमीन पर अतिक्रमण रोकने के लिए कड़ी नजर रखने और अतिक्रमण की सूचना मिलते ही कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

एसीईओ अन्‍नपूर्णा गर्ग ने लोगों को सलाह देते हुए कहा है यदि वह किसी कॉलोनाइजर से अधिसूचित क्षेत्र में बसाई गई कॉलोनी में कोई प्‍लॉट खरीदते हैं तो रजिस्‍ट्री का प्रपत्र लेकर पुलिस में मामले की शिकायत करें। शिकायत की एक कॉपी प्राधिकरण में भी जमा करा दें। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा में कहीं भी जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से संपर्क कर पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।

अवैध कॉलोनियों के गोरखधंधे को प्रत्‍यक्ष अप्रत्‍यक्ष प्राधिकरण के अधिकारियों का भी सहयोग

जानकारों का मानना है कि प्राधिकरण भले ही अधिसूचित क्षेत्र में बस रही अवैध कॉलोनियों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। लेकिन यह भी सत्‍य है कि अवैध कॉलोनी बसाने वाले कॉलोनाइजरों को ऑक्‍सीजन भी प्राधिकरण और प्रशासन से ही मिलती है। यही कारण है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यूपीसीडा और डूब क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियों के रूप में जगह जगह टापू बस गए हैं। यह अवैध कॉलोनी कोई रातों रात नहीं  बसी हैं। इन्‍हें बसाने के लिए प्राधिकरणों और प्रशासन में बैठे अधिकारियों का भी सहयोग प्राप्‍त किया जाता है। यही कारण है कि कुछ अवैध  कॉलोनियों के बारे में जानकारी होने के बावजूद प्राधिकरण एवं प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है। यहीं कारण है कि प्राधिकरा द्वारा की जा रही कार्रवाई पर आम आदमी सवाल भी उठाता है। अर्थात प्राधिकरण की कार्रवाई अन्‍यायपूर्ण एवं भेदभावपूर्ण दिखाई देती है। दरअसल, होना यह चाहिए कि प्राधिकरण की कार्रवाई में निष्‍पक्षता एवं न्‍याय झलकना चाहिए। भले ही किसी अवैध निर्माण को प्रभावशाली लोगों का किसी भी तरह का समर्थन अथवा सहयोग है, लेकिन प्राधिकरण एवं प्रशासन की कार्रवाई निष्‍पक्ष एवं न्‍यायसंगत होनी चाहिए।

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