लव जिहाद : मंदिर में युवती की मांग में सिंदूर भर किया प्रेम विवाह, बच्चा पैदा होने पर पति ने इस्लाम कबूलने के लिए बनाया दबाव, निकल गई पैरों के नीचे से जमीन
Love Jihad: Love marriage filled with vermilion in the demand of the girl in the temple, the husband made pressure to accept Islam after the birth of the child, the ground came out from under the feet
Panchayat 24 : कल्पना (काल्पनिक नाम) की आठ साल पहले सुमित यादव से मुलाकात हुई थी। दोनों युवा अवस्था से जवानी की दहलीज में कदम रख रहे थे। दोनों के बीच दोस्ती हुई। धीरे-धीरे दोस्ती प्रेम में बदल गई। दोनों ने एक साथ जीने मरने की कसमें खाई और लिव इन में रहने लगे। जल्द ही शादी करने का फैसला कर लिया। इस बीच दोनों को एक बेटा हुआ। शादी के लिए दबाव बनाने पर लड़का लड़की को मंदिर ले गया और उसकी मांग में सिंदूर भरकर प्रेम विवाह कर लिया।
लड़की द्वारा सारे समाज के सामने रीति रिवाज से उसे अपनाने की जिद करने पर लड़का उसे अपने पैतृक गांव बिहार ले गया। यहां पहुंचकर लड़की को पता चला कि जिस लड़के को वह सुमित समझकर प्रेम करती रही। प्रेम विवाह किया। दरअसल, वह सुमित नहीं शहनवाज आलम है। बिहार पहुंचकर आरोपी ने उस इस्लाम कबूलने के लिए दबाव बनाया। किसी तरह पीडिता वहां से बचकर भागने में कामयाब रही। पीडिता ने पुलिस से मामले की लिखित शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। मामला गाजियाबाद के इंदरापुरम क्षेत्र का है।
क्या है पूरा मामला ?
जानकारी के अनुसार कल्पना की शहनवाज नामक एक युवक से मुलाकात 8 साल पूर्व हुई थी। शहनवाज आलम ने कल्पना को अपना नाम सुमित यादव बताया था। दोनों के बीच अच्छी जान पहचान हो गई। कुछ ही दिनों में दोनों दोस्त हो गई। दोनों के बीच प्यार हो गया। दोनों ने जल्द ही शादी करने का भी फैला कर लिया। इसके बाद दोनों लिव इन में रहने लगे। लिव इन में ही दोनों को एक बेटा हुआ। अब कल्पना ने सामाजिक शर्म के कारण शादी के लिए दबाव बनाया तो आरोपी युवक पीडिता को मनसा देवी मंदिर ले गया और उसकी मांग में सिंदूर भरकर प्रेम विवाह कर लिया। पीडिता ने जब सामाजिक रीति रिवाज से शादी करने की जिद की तो आरोपी पीडिता और बच्चे को अपने साथ बिहार स्थित अपने गांव ले गया। यहां पहुंचकर पीडिता को पता चला कि सुमित यादव असल में शहनवाज है। पीडिता पर इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया गया।
पीडिता द्वारा धर्म बदलने से इंकार किया तो उसके साथ मारपीट तथा अत्याचार किया जाने लगा। उसके ऊपर वेश्यावृत्ति करने के लिए भी दबाव डाला गया। पीडिता ने बताया कि आरोपी ने उसके बच्चे का खतना करके उसे भी मुसलमान बनाने का प्रयास किया। विरोध करने पर आरोपी ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया। कई दिनों तक उसे भूखा रखा गया। पीडिता पर नजर रखी जाती थी कि वह किसी से मुलाकात न करे। फोन भी उससे छीन लिया गया था। पीडिता किसी तरह वहां से बच निकलने में कामयाब हुई और एक स्थानीय व्यक्ति की मदद से पुलिस को मामले की सूचना दी।
शहनवाज पहले से ही है शादीशुदा
पीडिता के अनुसार स्थानीय व्यक्ति ने उसे बताया कि सुमित का असली नाम शहनाज है। वह शादीशुदा है। उसने पहली शादी भी एक हिन्दू लड़की को धोखा देकर की थी। दोनों का एक बच्चा भी है। आरोपी ने पीडिता को बताया था कि उसके परिवार मेंं काई नहीं है। उसके माता पिता की मौत हो गई है। वह अकेला है। पीडिता के अनुसार आरोपी अपनी पहली पत्नी पूजा को भी एक कमरे में ताला लगाकर बंद रखता था।
सेक्स रेकेट चलाता है शहनाज आलम
पीडिता का कहना है कि शहनवाज आलम कई गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त है। वह बिहार में सेक्स रेकेट चलाता है। वह अपनी पहली पत्नी से भी वेश्यावृत्ति कराता है। पीडिता द्वारा इंकार किए जाने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। पीडिता ने बताया कि शाहनाज आलम वेश्यावृत्ति के लिए केवल हिन्दू लड़कियों को ही अपने जाल में फंसाता है। वह बिहार से भी हिन्दू लड़कियों को दिल्ली तथा आसपास के इलाकों में लाकर वेश्यावृत्ति का धंधा चलाने वाले लोगों के हवाले कर देता है। आरोपी बिहार में अवैध शराब का धंधा भी चलाता है।
लाला किला दंगों में शामिल था शहनवाज आलम
पीडिता ने बताया कि शहनवाज आलम तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुआ किसान आन्दोलन में जाता था। वहां पर अपराधिक गतिविधियों में शामिल होता था। तीन कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को दिल्ली में विशेषकर लाल किले पर हुई हिंसा में भी शहनवाज आलम शामिल था। पीडिता ने बताया कि उसको भी मारपीट कर लाल किले पर हिंसा में शामिल होने के लिए दबाव बनाया था। हिंसा की एवज में उसे निश्चित धनराशि मिली थी।