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ईडी की कार्रवाई में अर्पिता मुखर्जी के फ्लेट के टॉयलेट से मिली अकूत रकम, नोट गिनने की तीन मशीनों को नोट गिनने में लगे 10 घंटे

In the action of ED, a huge amount was found from the toilet of Arpita Mukherjee's flat, three note counting machines took 10 hours to count the notes

Panchayat24 : पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई में अकूत धनराशि मिल रही है। इस रकम को गिनने के लिए नोटों को गिनने की मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। ईडी ने बुधवार को एक बार फिर अर्पिता मुखर्जी की कोलकाता के आसपास स्थित तीन सम्‍पत्तियों और रिश्‍तेदारों पर छापेमार की। बेलघरिया स्थित उनके फ्लेट की काफी इंतजार के बाद भी चाबी नहीं मिली तो ईडी की टीम को ताला तोड़कर फ्लेट में दाखिल होना पड़ा। लगभग 18 घंटों तक चली छापेमारी में ईडी को अर्पिता मुखर्जी के फ्लेट से भारी भरकम रकम बरामद हुई है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रकम का बड़ा हिस्‍सा टॉयलेट में छिपाकर रखा गया था। इस रकम को गिनने के लिए ईडी को नोट गिनने वाली तीन मशीनें मंगानी पड़ी। इन मशीनों को भी इस भारी भरकम रकम को गिनने में 10 घंटे का समय लगा। अर्पिता के इस फ्लेट से 5 किलो सोना भी मिला है। मौके से ईडी को कई अहम दस्‍तावेज भी बरामद हुए हैं। ईडी ने इस फ्लेट को सील कर दिया है।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोप में हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। ईडी ने पार्थ चटर्जी की बेहद करीबी माने जाने वाली अर्पिता चटर्जी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ क थी। इस दौरान ईडी को कई अहम सुराग हाथ लगे थे। ईडी ने अर्पिता चटर्जी की सम्‍पत्तियों पर छापेमारी कर बीते 23 जुलाई को भी ईडी ने छापेमारी कर 23 करोड़ रूपये बरामद किए थे। जबकि बीते बुधवार को हुई छापेमारी में भी 28.90 करोड़, 5 किलो सोना और कई अहम दस्‍तावेज बरामद हुए हैं।

कई और लोगों तक जा सकती है जांच की आंच

मीडिया रिपेार्ट के अनुसार पश्चिमी बंगाल के कई नामचीन लोगों तक पहुंच सकती है। ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल  माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्‍यक्ष और टीएमसी के विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ कर चुकी है। वहीं भाजपा के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष दिलीप घोष ने मोनालिसा दास की भी मामले में भूमिका की जांच की मांग कर रही है। मोनालिसा दास पेशे से एक अध्‍यापक है और अर्पिता मुखर्जी की तरह पार्थ चटर्जी की बेहद करीबी है। इसके अतिरिक्‍त टीएमसी के कई पार्षदों और करीबी व्‍यापारियों को भी ईडी समन भेज सकती है। बता दें कि शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में ईडी की एक टीम शिक्षा विभाग के मुख्‍यालय पहुंची थी। यहां कई अधिकारियों से भी पूछताछ की गई थी।

पार्थ चटर्जी और अर्पिता के सहारे भाजपा टीएमसी पर हमलावर

शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी को टीएमसी के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से मिल रही अकूत धनसम्‍पदा के बाद भाजपा टीएमसी पर हमलावर दिख रही है। भाजपा लगातार प्रदेश में प्रदर्शन कर पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग कर रही है, वहीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पूरे मामले से पल्‍ला झाड़ती दिख रही है। लेकिन ममता बनर्जी के बयानों में ईडी की कार्रवाई की टीस भी झलकती है। वहीं ईडी द्वारा पार्थ चटर्जी के मेडिकल चेकप के बाद अस्‍पताल से बाहर आए पार्थ चटर्जी से पत्रकारों के पूछे गए सवालों के जवाब में झल्‍लाकर कहा, मैं त्‍यागपत्र क्‍यों दूं ? हालांकि मीडिया रिपोर्ट की माने तो ममता बनर्जी की केबिनेट पार्थ चटर्जी के इस्‍तीफे पर अंतिम फैसला ले सकती है।

पार्थ चटर्जी मेरे घर को मिनी बैंक के तौर पर प्रयोग कर रहे थे : अर्पिता मुखर्जी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अर्पिता मुखर्जी ईडी की जांच में सहयोग कर रही हैं, जबकि पार्थ चटर्जी ईडी का सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह ईडी के सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं। अर्पिता ने ईडी को बताया कि पार्थ चटर्जी उनके घर को एक मिनी बैंक के रूप में प्रयोग कर रहे थे।

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