मेट्रो की संशोधित डीपीआर पास : ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो के लिए रास्ता साफ, राजनीतिक एजेंडा हो गया फेल
Metro's revised DPR passed: Paving the way for Greater Noida West Metro, political agenda failed

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों द्वारा मेट्रो रूट को लेकर लगातार की जा रही मांग को पंख लग गए हैं। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड से मंजूरी मिल गई है। नई डीपीआर को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने बनाया है। बता दें कि पूर्व में तैयार की गई डीपीआर में ग्रेटर नोएडा वेस्ट को शामिल नहीं किया गया था। इसके बाद ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों ने मेट्रो की मांग को लेकर जबरदस्त तरीके से उठाया था। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो एक राजनीतिक मुद्दा भी बन गया था। लोगों की भावनाओं और इस क्षेत्र में मेट्रो की जरूरतों को देखते हुए स्थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा और विधायक ने प्रयास किए थे। संशोधित डीपीआर पास होने के साथ ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मेट्रो को लेकर बनाए जा रहे राजनीतिक एजेंडे को झटका लगा है। वहीं, लोग सोशल मीडिया पर डॉ महेश शर्मा को धन्यवाद दे रहे हैं।
डीपीार में संशोधन के बाद बढ़ गया परियोजना का खर्च
बता दें कि सोमवार को नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा डीपीआर की स्वीकृति के इस एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई बढ़कर 17.43 किमी हो गई है। परियोजना की निर्माण लागत 800 करोड़ बढ़ते हुए 2991.6 करोड़ हो गई है। डीपीआर में अलाइनमेंट में कुछ संशोधन किए गए हैं। पहले की डीपीआर में नौ स्टेशन थे, जिसे बढ़ाकर 11 कर दिया गया है। अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का रूट सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-पांच तक होगा। इस कॉरिडोर में सेक्टर-61 और 70 मेट्रो स्टेशन को जोड़ा गया है। इसके लिए अलाइनमेंट में भी बदलाव किया गया है। यह कॉरिडोर के सेक्टर-61 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा वेस्ट, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन होते हुए गाजियाबाद तक जाने में यात्रियों को मदद मिलेगी। एनएमआरसी की ओर से डीपीआर की मंजूरी के बाद इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा। राज्य सरकार से मंजूरी के बाद इसे केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय से मंजूरी लेनी होगी। इसके बाद पीएमओ से सहमति के बाद टेंडर निकालने का काम शुरू होगा।
लोकसभा चुनाव से पूर्व बड़े राजनीतिक मुद्दा हो गया ठण्डा
दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच बसा हुआ शहर है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा को मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन से जोड़ा गया है लेकिन ग्रेटर नोएडा अभी तक इन सुविधाओं से वंचित था। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की आबादी तेजी से बढ़ी है। यहां पहुंचने के लिए निजी वाहन के अतिरिक्त कोई साधन नहीं है। ऐसे में यहां मेट्रो और सार्वजनिक परिवाहन की जरूरतों को देखते हुए लोग कई सालों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट को मेट्रो से जोड़ने की मांग उठा रहे थे। लोगों को उम्मीद थी कि नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाली एक्वा लाइन मेट्रो को विस्तार मिलने पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट भी मेट्रो रूट से जुड़ जाएगा।
बीते साल दिसंबर में एक्वा लाइन विस्तार की डीपीआर पेश की गई थी। लेकिन विस्तार में ग्रेटर नोएडा वेस्ट को शामिल नहीं किया गया था। इससे लोगों में काफी नाराजगी थी। वहीं, विपक्षी दलों और सत्ताधारी दल भाजपा के एक गुट ने स्थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा और विधायक तेजपाल सिंह नागर की घेराबंदी शुरू कर दी थी। जनभावनाओं को देखते हुए स्थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा ने विधायक पुत्र दीपक नागर के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों के एक प्रतिनिधिमण्डल के साथ केन्द्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात कर ग्रेटर नोएडा वेस्ट को एक्वा लाइन मेट्रो के विस्तार में शामिल करने की मांग करते हुए पत्र सौंपा था। केन्द्रीय मंत्री ने सांसद सहित सभी लोगों को विश्वास दिलया था। सोमवार को इन प्रयासों के परिणाम भी संशोधित डीपीआर को स्वीकृति मिलने के रूप में सामने आए हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो को मंजूरी मिलने के बाद विपक्ष और भाजपा पार्टी के अंदर डॉ महेश शर्मा विरोधी गुट के हाथों से एक बड़ा मुद्दा निकल गया है। बता दें कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जनभावनाओं से जुड़े मेट्रो के मुद्दे को आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाए जाने की पूरी संभावना थी।