साइबर अपराध : नामचीन सीमेंट कम्पनी के नाम पर लाखों की ठगी, पीडित काट रहा पुलिस कार्यालयों के चक्कर
Cybercrime: Cheating of lakhs in the name of a well-known cement company, the victim is circling the police offices
Panchayat24.com : शहर में ब्राण्डेड सीमेंट कम्पनी का सीमेंट सस्ती दर पर उपलब्ध कराने के नाम पर एक व्यक्ति से लाखों की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। आरोपियों ने इतनी चतुराई से घटना को अंजाम दिया कि पीडित को इसके बारे में पता भी नहीं चला। ठगी होने का पता चलने पर पीडित ने साइबर थाने में मामले की शिकायत भी दर्ज कराई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीडित का कहना है कि वह मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस के अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
क्या है मामला ?
सुमित कुमार नामक व्यक्ति परिवार सहित सेक्टर फाई-3 में रहते हैा । उनकी एक कंस्ट्रक्शन कम्पनी है। सुमित के भाई अमित कुमार ने फोन पर Panchayat24.com को बताया कि कुछ दिन पूर्व सुमित के मोबाइल पर एक मैसेज आया था। मैसेज अल्ट्राटेक सीमेंट कम्पनी की ओर से फार्वड किया गया था। मैसेज में कहा गया था कि कम्पनी एक स्कीम के तहत दो हजार सीमेंट की बोरी खरीदने वाले को कीमत में छूट दे रही हे। कहा गया कि दो हजार बोरी सीमेंट खरीदने पर प्रति बोरी का भुगतान 280 रूपये प्रति बोरी लिया जाएगा। बता दें कि वर्तमान में अल्ट्राटेक कम्पनी के सीमेंट की एक बोरी की कीमत 400 रूपये से भी अधिक है।

पीडित को मैसेज पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने कॉल कर मैसेज की पुष्टि करनी चाही। सामने वाले व्यक्ति से उसकी आईडी मांगी तो उसने राजकिशोर नाामसे अपनी आईडी भी उपलब्ध करा दी। आईडी कम्पनी के नाम से थी। पीडित ने सभी तरह की आशंका को दूर करने के लिए कम्पनी का परफार्मा इनवाइस भी मांगा जो आरोपी द्वारा उपलब्ध करा दिया गया। यह भी कम्पनी के नाम पर ही था। अब पीडित को मैसेज में लिखी बातों पर विश्वास होने लगा।पीडित ने पुन: फोन कर आरोपी से कहा कि उन्हें अभी उन्हें 2 हजार सीमेंट की बोरी की आवश्यकता भी नहीं है। अत: कम्पनी उनके लिए सीमेंट की बोरी की लिमिट को घटाकर 1 हजार कर दे। कुछ देर बाद आरोपी का फोन आया और उसने पीडित की प्रार्थना को कम्पनी द्वारा मानने की बात कही।

पीडित ने आरोपी द्वारा मुहैया कराए गए कम्पनी के नम्बर पर 2.8 लाख रूपये भेज दिए। कुछ देर बाद उन्होंने फोन कर सीमेंट की बोरियों की डिलीवरी के बारे में पता करना चाहा। लेकिन फोन स्विच ऑफ आ रहा था। कुछ देर बाद आरोपी का कॉल आया। उसने कहा कम्पनी अपनी स्कीम में किसी भी तरह के बदलाव से इंकार कर रही है। आपको 2 हजार बोरी सीमेंट ही खरीदना होगा। स्कीम के लाभ के लिए आपको 1 हजार बोरी सीमेंट का भुगतान करना होगा।

पीडित ने बीती 19 मई को 2.8 लाख रूपये कम्पनी के खाते में जमा कर दिए। पीडित ने आरोपी से फोन कर डिलीवरी के बारे में पूछना चाहा तो फोन नहीं उठा। कुछ देर बाद आरोपी का फोन आया और कहा कि कम्पनी का फैसला है कि वह किसी के लिए भी अपनी स्कीम में बदलाव नहीं किया जाएगा। स्कीम के लाभ के लिए 2 हजार बोरी सीमेंट ही खरीदना होगा। बीती 23 मई को पीडित ने 2.8 लाख का भुगतान भी कर दिया। आरोपी ने डिलीवरी चालान और चालक का नम्बर वॉटसअप करने के लिए कहा। कुछ देर बाद पीडित को डिलीवरी चालान प्राप्त हो गया लेकिन चालक का नम्बर नहीं मिला। इसके बाद से यह नम्बर लगातार स्विच ऑफ आ रहा है।
आला अधिकारियों से शिकायत के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
पीडित का कहना है कि उन्होंने मामले को लेकर ज्वाइंट कमिश्नर लवकुमार से शिकायत की जिसके बाद उन्हें साइबर थाने भेज दिया गया। दो तीन दिनों तक जब कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने साइबर थाने में ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज कराई। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।