सड़क पर छोटी सी लापरवाही के हो सकते हैं गंभीर परिणाम, हाथरस की घटना है बड़ा सबक
Even a small negligence on the road can have serious consequences, the Hathras incident is a big lesson

Panchayat 24 : सड़क पर मौज मस्ती या फिर छोटी सी लापरवाही के गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हाथरस में घटी घटना इसका जीता जागता उदाहरण है। दरअसल, अलीगढ़ के मकदूम नगर का रहने वाले आस मोहम्मद का 11 वर्षीय बालक अली मोहम्मद बस में सवार होकर अपने चचेरे भाईयों की बारत में हाथरस के मेवली जा रहा था। रास्ते में हाथरस के हजीपुर रेलवे फाटक के करीब बस का एक मैक्स से भिड़ंत हो गई। हादसे में बालक की गर्दन धड़ से अलग हो गई।
दरअसल, बालक ने अपनी गर्दन बस की खिड़की से बाहर निकाल रखी थी। मैक्स को सड़क से गुजरने के लिए कम स्थान था। बस को चालक ने सड़क से नीचे उतारकर मैक्स चालक को स्थान देने का प्रयास किया लेकिन उसके आगे एक पेड़ आ गया और बस रूक गई। इस बीच बस से सटाते हुए मैक्स चालक ने निकलने का प्रयास किया। इस दौरान बालक इसकी चपेट में आ गया।
प्रथम दृष्टया यह महज एक हादसा है। यदि बस में बैठे किसी व्यक्ति ने बालक को चलती बस से गर्दन बाहर निकालने से रोका होता तो शायद इतने भीषण हादसे से बचा जा सकता था। शाय बस में बैठे किसी व्यक्ति ने इस पर ध्यान ही न दिया हो अथवा बारात की मौज मस्ती में देखकर बालक की गलती को अनदेखा कर दिया गया हो। कई बार तो माता पिता की उपस्थिति में गाड़ी में सवार होकर बच्चे गर्दन बाहर निकालकर मौज मस्ती करते हैं।
कई बार केवल रील बनाने और सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलोअवर बढ़ाने के लिए न केवल बच्चों द्वारा, बल्कि बड़ों के द्वारा भी सड़क के नियम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो की भरमार है। ट्रेफिक पुलिस द्वारा लगातार सड़क सुरक्षा एवं ट्रेफिक निमयों का पालन कराने के लिए अभियान चलाए जाते हैं। फिर भी रील की लाइफ के चक्कर में रियल लाइफ को दांव पर लगाया जा रहा है।
अलीगढ़ के बालक के साथ हाथरस में दर्दनाक हादसे में हुई बालक की मौत के बाद विलाप कर रहे परिजनों के मन में कई तरह के विचार आ रहे होंगे। जैसे हमारा बच्चा यदि इस बात को जानता कि चली बस से गर्दन बाहर निकालना खतरनाक हो सकता है तो वह जिंदा होता। यदि बस में सवार किसी व्यक्ति ने उसको ऐसा करने से रोका होता तो उनका बच्चा परिवार के बीच होता। एक मामूली सी लापरवाही के कारण आस मोहम्मद के परिवार ने उनका बेटा अली मोहम्मद उनसे छीन लिया है। इसकी भरपाई नहीं की जा सकती है।
सड़क नियमों का पालन करके दूसरे परिवार इस तरह के आघात से बच सकते हैं। बच्चों को केवल औपचारिकता के लिए नहीं, आचरण में आत्मसात करने के लिए सड़क सुरक्षा एवं ट्रेफिक नियमों का पालन कराना सिखाना चाहिए। बच्चे समाज में जो देखते हैं वैसा ही सीखते हैं। ऐसे में बड़े लोगों का भी नैतिक दायित्व है कि वह सड़क सुरक्षा एवं ट्रेफिक नियमों का पालन करें और बच्चों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। सोशल मीडिया का प्रयोग नकारात्मकता के लिए नहीं, सकारात्मकता के लिए होना चाहिए।