गायों के गोबर से फ्यूल बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दो गौशाला में लगाएगा बायो सीएनजी प्लांट
Greater Noida Authority will set up bio CNG plants in two Gaushalas to make fuel from cow dung

Panchayat 24 : ग्रेटर नोएडा औद्योहिगक विकास प्राधिकरण गोवंश संरक्षण से कमाई करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। इसके बाद गोवंश की प्रासंगिकता भी बढ़ जाएगी। इस कमाई को गोवंश संरक्षण और गोशालाओं के संरक्षण पर खर्च किया जाएगा। इससे गोशालाओं की देखरेख आसान हो जाएगी। दरअसल, प्राधिकरण गोशालाओं से निकलने वाले गोबर से फ्यूल बनाने की तैयारी कर रहा है।
जलपुरा और पोवारी गोशाला में बनेगा गोबर गैस प्लांट
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया कि प्राधिकरण जलपुरा और पौवारी में गोशालाओं को स्वपोषित बनाने के लिए गोबर गैस प्लांट लगाएगा। इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग ने पहले जलपुरा स्थित गोशाला के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल निकाला था। इसके माध्यम से एक एस-थ्री कंपनी का चयन किया गया। बाद में कंपनी को आर्ड लेटर भी जारी कर दिया गया। प्राधिकरण ने अब जलपुरा के साथ ही पौवारी गोशाला के लिए भी एक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी कर दिया है। इसकी अंतिम तारीख 19 दिसंबर है। इससे पूर्व इस संबंध में 11 दिसंबर को एक प्रीबिड बैठक का आयोजन किया जाएगा।
जलपुरा की गोशाला में 17 करोड़ खर्च करके बनाया जाएगा गोबर गैस प्लांट, प्रतिदिन 50 टन गोबर होगा प्रोसेस
सीइओ के अनुसार जलपुरा स्थित गोशाला में बनने वाले गोबर गैस प्लांट के निर्माण पर 17 करोड़ रूपया खर्च होगा। इस खर्च का वहन गोबर गैस प्लांट बनाने वाली एस-थ्री कंपनी ही करेगी। यहां प्रतिदिन 50 टन प्रतिदिन गोबर प्रोसेस किया जाएगा। यदि जलपुरा गोशाला से प्रतिदिन 50 टन गोबर प्राप्त नहीं होता है तो आसपास के गांवों से निकलने वाले गोबर एवं कचरे को एकत्रित करके प्रोसेस किया जाएगा। इससे गोशाला के आसपास साफ सफाई में भी मदद मिल सकेगी।
निर्माणकर्ता कंपनी 15 सालों तक गोबर गैस प्लांट का करेगी संचालन
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक के अनुसार 15 सालों तक गोबर गैस प्लांट का संचालन निर्माणकर्ता कंपनी द्वारा 15 सालों तक किया जाएगा। इस दौरान प्राधिकरण को 6.48 करोड़ रूपये प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि पौवारी में बन रही गौशाला में गोबर गैस प्लांट निर्माण की प्रक्रिया निविदा प्रक्रिया पूरी होते ही काम शुरू करने की तैयारी है। इन दोनों गोशालाओं में प्लांट शुरु होने से गोबर प्रोसेस होने के साथ ही आमदनी भी होगी, जिससे गोशालाओं के संचालन में भी मदद मिलेगी।