दादरी नगरपालिका में घटा नाटकीय घटनाक्रम, 15 सभासदों ने दिया त्यागपत्र, जानिए क्या है पूरा मामला ?
Dramatic incident took place in Dadri Municipality, 14 councilors resigned, know what is the whole matter?

Panchayat 24 : जिले की एक मात्र नगरपालिका दादरी में नाटकीय घटनाक्रम घटा है। नगरपालिका के 14 सभासदों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम अपने त्याग पत्र सौंपे हैं। सभी सभासदों अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी डाले हैं। सभी सभासदो ने जिलाधिकारी को भी अपना त्यागपत्र सौप दिया। त्याग पत्र देने वाले सभी सभासदों का आरोप है कि नगरपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके द्वारा लगातार लंबे समय से आवाज उठाई जा रही है। भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने के बजाय उनकी आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, नगरपालिका परिषद दादरी में नगर निकाय चुनावों में गीता पंडित सहित 25 सभासदों को चुना गया था। चुनाव के कुछ समय बाद ही चैयरमेन और सभासदों के बीच मतभेद उभरकर सामने आने लगे थे। चैयरमेन के खिलाफ सभासदों ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता कर त्यागपत्र देने की बात कही थी। उस समय प्रशासन के दखल के बाद स्थिति को संभाल लिया गया था। एक बार फिर से सभासद नगरपालिका में भ्रष्टाचार की बात कहकर विरोध में उतर आए हैं। सभासदों का आरोप है कि नगरपालिका की अधिशासी अधिकारी की भ्रष्ट नीतियों के चलते नगरपालिका में एक समिति बनाने की मांग की थी। इसके लिए जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त और मुख्य सचिव से भी शिकायत की गई थी। लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। इसके चलते 15 सभासदों ने अपना त्याग पत्र दे दिया है।
इन सभासदों ने दिया इस्तीफा
दादरी नगरपालिका परिषद से अपना त्याग पत्र देने वाले सभासदों में वार्ड संख्या 16 से सभासद आदेश भाटी, वार्ड संख्या 12 से रामनिवास, वार्ड संख्या 13 से सनी रावल, वार्ड संख्या 15 से निकिता विकल, वार्ड संख्या 2 से हरीश रावल, वार्ड संख्या 5 से सीमा, वार्ड संख्या 8 से सचिन नागर, वार्ड संख्या 4 से प्रमोद कुमार, वार्ड संख्या 7 से समरजीत सिंह, वार्ड संख्या 14 से आरिफ, वार्ड संख्या 22 से कृष्ण शर्मा, वार्ड संख्या 18 से रेशू गर्ग वार्ड 3 से संजय रावल और वार्ड संख्या 1 से सुमित कुमार वाल्मिकी का नाम शामिल है।
क्या कहती है दादरी नगरपालिका चैयरमेन
इस संबंध में दादरी नगरपालिका परिषद की चैयरमेन गीता पंडित का कहना है कि विरोध करने वाले सभासद एक समिति के गठन की मांग कर रहे हैं। इस समिति के सभी सदस्य सभासद होंगे। इसका अध्यक्ष भी एक सभासद होगा। यह एक अव्यवहारिक एवं अप्रसांगिक मांग है। नगरपालिका में होने वाले हर निर्माण कार्य की जांच संबंधित विभाग द्वारा की जाती है। इसके बावजूद यदि किसी सभासद को भ्रष्टाचार संबंधी कोई शिकायत है तो वह एसडीएम, एडीएम और जिलाधिकारी से शिकायत कर सकता है। जहां तक समिति बनाने की बात है। इसके लिए प्रस्ताव को बोर्ड बैठक में लाकर इसका प्रस्ताव पास कराएं। इसके बाद इस प्रस्ताव को शासन के पास भेजा जाएगा। लेकिन हाल ही में हुई बोर्ड बैठक से सभासद अनुपस्थित रहे है। सभासदों को बोर्ड बैठक में अपनी बात रखनी चाहिए।