समाजवादी पार्टी में जिलाध्यक्ष बदले जाने के निर्णय से गौतम बुद्ध नगर में हलचल तेज, शक्ति प्रदर्शन का दौर शुरू
The decision to change the district president in Samajwadi Party has increased the stir in Gautam Buddha Nagar, a phase of show of strength has begun

Panchayat 24 : उत्तर प्रदेश में बसपा, कांग्रेस और भाजपा के बाद समाजवादी पार्टी ने भी संगठन को मजबूत बनाने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने का फैसला किया है। कुछ जिलाध्यक्ष भी बदले जाने तय हैं। पार्टी नेतृत्व के रूख को देखते हुए गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी जिला इकाई में भी हलचल तेज हो गई हैं। दावेदार अपने अपने दांवपेंचाें की आजमाईश में जुट गए हैं। नए दावेदारों के द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी नेतृत्व के सामने शक्ति प्रदर्शन कर प्रभावित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, वर्तमान जिलाध्यक्ष के सामने ताज बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, उत्तर प्रदेश में आगामी 2027 विधानसभा और साल 2026 के पंचायत चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस कड़ी में पार्टी लगभग 25 से 30 जिलों के जिलाध्यक्षों को बदलने जा रही है। पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि निष्क्रिय लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। नई कमेटियों और जिलाध्यक्षों का चयन कार्यकर्ताओं की सक्रियता के आधार पर तय होगा। निष्क्रिय लोगों को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। वहीं, कुछ लोगों पर पिछले लोकसभा चुनाव में निभाई गई नकारात्मक भूमिका के कारण गाज गिर सकती है।
गौतम बुद्ध नगर जिला अध्यक्ष के लिए इनकी है मजबूत दावेदारी
गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष के लिए कई लोगों की मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। इनमें प्रमुख दावेदारों में पार्टी के वर्तमान जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी को माना जा रहा है। उनका परिवार समाजवादी पार्टी के जन्म से ही पार्टी से जुड़ा रहा है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कई बार उनके आवास पर भी आए हैं। वहीं, श्याम सिंह भाटी जिलाध्यक्ष के मजबूत दावेदारों में से एक हैं। उन को सुधीर भाटी का तगड़ा प्रतिद्वंदी माना जा रहा है। श्याम सिंह भाटी छात्र जीवन से ही समाजवादी पार्टी की राजनीति करते रहे हैं। वह जिला इकाई में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त नवीन भाटी भी एक अहम दावेदार है। उनकी राजनीतिक शैली काफी प्रभावशाली है। वह भी छात्र जीवन से ही समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे हैं। इनके अतिरिक्त इंदर प्रधान, फकीरचंद नागर और वीर सिंह यादव जैसे अनुभवी लोग भी जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। यह लोग पूर्व में भी पार्टी के जिलाध्यक्ष पद पर रह चुके हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद तेजी से बदले हैं गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी के आंतरिक समीकरण
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी के आंतरिक समीकरण तेजी से बदले हैं। अभी तक समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजकुमार भाटी को जिले में पार्टी के एक मात्र शक्ति केन्द्र के रूप में देखा जाता रहा है। लोकसभा चुनाव के बाद डॉ महेन्द्र सिंह नागर तेजी से बड़े चेहरे के रूप में पार्टी पटल पर उभरे हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ उनके प्रगाढ संबंध हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव के बाद समीक्षा बैठक में भी अखिलेश यादव ने डॉ महेन्द्र नागर को जिस तरह से अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच से बुलाकर अपने पास मंच पर बैठाया, उसके बाद गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी में डॉ महेन्द्र नागर का कद तेजी से बढ़ा है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि पार्टी के जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में डॉ महेन्द्र सिंह नागर की स्वीकृति भी अहम होगी।
समाजवादी पार्टी में गुटबाजी के चलते पेंचीदा हो सकता है नए जिलाध्यक्ष का चुनाव
गौतम बुद्ध नगर में समाजवादी पार्टी जिला इकाई अभी तक गुटबाजी से अछूती रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद से जिले में समाजवादी पार्टी के अंदर बदले समीकरणों के बाद गुटबाजी नजर आ रही है। राजकुमार भाटी पार्टी के निर्विवाद बड़ा चेहरा है। वह मीडिया पर पार्टी के पक्ष को बड़ी बेबाकी से रखते रहे हैं। उन्हें अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता है। यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें एक के बाद एक कई बार दादरी विधानसभा चुनाव में उतारा है। जिले में पार्टी के अंदर उनका एक बड़ा समर्थक वर्ग है। वहीं, लोकसभा चुनाव से पूर्व समाजवादी पार्टी के टिकट को लेकर गौतम बुद्ध नगर में हुए नाटकीय घटनाक्रम के बावजूद डॉ महेन्द्र सिंह नागर द्वारा पार्टी की ओर से अभी तक का सबसे शानदार प्रदर्शन किया था। पार्टी सूत्रों की माने तो चुनाव बाद लखनऊ में हुई समीक्षा बैठक में अखिलेश यादव ने डॉ महेन्द्र सिंह नागर की जमकर सराहना की थी। वहीं, कई वरिष्ठ नेताओं को आईना भी दिखाया था। समीक्षा बैठक में ही अखिलेश यादव ने भविष्य में गौतम बुद्ध नगर में बड़े बदलाव एवं नए प्रयोग के संकेत दिए थे। जानकार मानते हैं कि इस बैठक में ही समाजवादी पार्टी में गुटबाजी के बीज छिपे हुए थे।
जानकारी के अनुसार हाल ही में राजकुमार भाटी के आवास पर एक निजी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने अखिलेश यादव ग्रेटर नोएडा आए थे। यहां पार्टी के लगभग सभी बड़े नेता मौजूद थे। डॉ महेन्द्र सिंह नागर को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। कुछ लोग इस घटना को भी पार्टी की गुटबाजी से जोड़कर देख रहे हैं। वहीं, वीर सिंह यादव भी जिले में पार्टी की वर्तमान व्यवस्था से नाराज बताए जाते हैं। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आगामी पंचायती चुनाव और विधानसभा चुनाव 2027 में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पार्टी के अंदर हर गुट अपने पक्ष का जिलाध्यक्ष बनवाना चाहेगा। ऐसे में गौतम बुद्ध नगर समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष का चुनाव पेंचीदा हो सकता है।