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नोएडा एयरपोर्ट : जिस पर टिकी पूरे देश की निगाहें, विकास को पंख लगने की हो रही थी बातें, धीमी गति से बढ़ रहा है आगे

Noida Airport: The whole country's eyes are fixed on it, there were talks of development taking wings, but it is moving ahead at a slow pace

Panchayat 24 : गौतम बुद्ध नगर के जेवर में बन रहा नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के इर्द‍ गिर्द क्षेत्र का विकास घूम रहा रहा है। एयरपोर्ट निर्माण की खबर के बाद से ही इस क्षेत्र में निवेश में तेजी आई है। उत्‍तर प्रदेश सरकार नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट को आगे कर गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलन्‍दशहर, अलीगढ़, और मथुरा सहित समस्‍त पश्चिम उत्‍तर प्रदेश के विकास का खाका तैयार कर रही है। एक समय कर्ज में डूबे यमुना एक्‍सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को भी नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के शिलान्‍यास के बाद ऑक्‍सीजन मिली है। एयरपोर्ट के करीब अपने आशियाने, व्‍यापारिक प्रतिष्‍ठान अथवा संस्‍थान का सपना देखने वाले लोग प्राधिकरण की योजनाओं में लोग रूचि दिखा रहे है। कभी कर्ज के भंवरजाल में फंस चुके यमुना एक्‍सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हुई है। जिस तरह से एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरा होना और वहां पर उड़ान शुरू होने की डेडलाइन एक के बाए एक तीन बार आगे बढ़ी है उससे लोगों को इस प्रोजेक्‍ट के समय पर शुरू होने और आसपास के क्षेत्र के विकास को लेकर चिंता होने लगी है। लोग केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के इस अति महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट के नई डेडलाइन पर पूरा होने पर भी अब आशंका जाहिर कर रहे हैं।

क्‍या है पूरा मामला ?

दरअसल, एशिया के सबसे बड़ा एयरपोर्ट कहे जाने वाले नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट का शिलान्‍यास प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 25 नवंबर 2021 को किया था। उन्‍होंने सितंबर 2024 तक बनकर तैयार होने वाले नोएडा एयरपोर्ट को निकट भविष्‍य में देश और उत्‍तर प्रदेश के ढांचागत विकास की दिशा में एक मील का पत्‍थर कहा था। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी इस कार्यक्रम में मौजू थे। यह पूरा प्रोजेक्‍ट 35 सौ हेक्‍टेयर जमीन पर बनाया जाना है। इसका पहला चरण 1374 हेक्‍टेयर जमीन पर बनकर तैयार होगा। यह प्रोजेक्‍ट उत्‍तर प्रदेश और देश के विकास का प्रतीक बन गया था। यह कहा जाने लगा था कि इससे देश के विकास को पंख लगेंगे। लेकिन देश के विकास को गति देने वाले इस प्रोजेक्‍ट के निर्माण में लगातार देरी हो रही है। शिलान्‍यास के समय पहले चरण के पूरे होने की डेडलाइन सितंबर 2024 तय की गई थी। इसके बाद इसको बढ़ाकर दिसंबर 2024 कर दिया गया। एक बार फिर एयरपोर्ट से पहली उड़ान शुरू होने की डेडलाइन आगे बढ़ गई है। अब एयरपोर्ट से दिसंबर के बजाय अप्रैल 2025 में व्यावसायिक उड़ानें शुरू होंगी। एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) दिसंबर से ट्रायल रन शुरू करने के साथ ही हवाई अड्डा लाइसेंस के लिए भी आवेदन करेगी। कंपनी इस देरी के लिए कुछ तकनीकी कारणों को जिम्‍मेवार ठहरा रही है।

नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट की वस्‍तु‍ स्थिति 

कंपनी की माने तो नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के 3.9 किमी लंबे रनवे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। मार्किंग का काम अभी पूरा नहीं हो सका है। टर्मिनल बिल्डिंंग में अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। कहीं स्‍टील का काम चल रहा है। कहीं फिनिशिंग टच दिया जा रहा है। एयर ट्रेफिक कंट्रोल टावर में अभी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है।

एयरपोर्ट के अधिकांश हिस्‍से का निर्माण कार्य अधूरा

नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के अप्रैल 2025 तक संचालन के दावों की जांच करने पर पता चला कि नोएडा एयरपोर्ट के लिए चिन्हित स्‍थान पर जगह जगह निर्माण कार्य लगातार जारी है। इनमें कई कई बड़े निर्माण शामिल है। लेकिन कोई भी निर्माण पूरी तरह से अभी तक तैयार नहीं है। हालांकि इसमें कुछ निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में है। वहीं, कुछ काम तय समय सीमा से काफी पीछे चल रहा है। लाइटिंग का काम बाकी है। एयर ट्रेफिक कंट्रोल का निर्माण अपने अंतिम चरण में है। टर्मिनल का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हो सका है।

नोएडा अन्‍तर्रार्ष्‍टीय एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी समय पर तैयार करना बड़ी चुनौती

इसके अतिरिक्‍त नोएडा एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी समय पर पूरा करना बड़ी चुनौती है। यमुना एक्‍सप्रेस-वे और इस्‍टर्न पेरीफेरल एक्‍सप्रेस-वे से जोड़ने वाले इंटरचेंज का निर्माण कार्य अभी अधर में लड़का हुआ है। करोड़ो खर्च करके दिल्‍ली के आईजीआई और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्‍ट फिल्‍म सिटी को नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट से जोड़ने वाली मेट्रो और पोड टैक्‍सी की डीपीआर लगभग रद्दी की टोकरी में जा चुकी हैं। गाजियाबाद ने एयरपोर्ट तक 72 किमी लंबे नमो भारत के ट्रेक की डीपीआर को प्रदेश सरकार ने से स्‍वीकृत कर दिया है लेकिन बजट का अभी कुछ पता नहीं है। वहीं, दिल्‍ली-हावड़ा और दिल्‍ली-मुम्‍बई रेलवे ट्रेक को जोड़ने वाले चोला-रूंधि रेलवे ट्रेक का निर्माण भी अपने पहले चरण में हैं। इन कुछ बातों के चलते नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के अप्रैल 2025 में संचालित होने पर आशंकाएं बनी हुई है।

लोगों की चिंताएं बढ़ी

जेवर में नोएडा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट के शिलान्‍यास के बाद बड़ी संख्‍या में यमुना एक्‍सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर लोगों ने निवेश किया है। वहीं, प्राधिकरण की आवासीय, वाणिज्यिक एवं संस्‍थागत स्‍कीमों में निवेश किया है। इन्‍हें उम्‍मीद थी कि एयरपोर्ट अपने तय समय पर संचालित हो जाएगा जिससे उन्‍हें भी एयरपोर्ट के आसपास बसने और काम करने का मौका मिलेगा। तेजी से क्षेत्र में औद्योगिक, आवासीय, वाणिज्यिक एवं संस्‍थागत गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। लोगों का आवागमन जल्‍द तेजी से क्षेत्र में बढ़ेगा। लेकिन जैसे जैसे एयरपोर्ट के प्रथम चरण के विकसित होने और एयरपोर्ट से उड़ानों के संचालन की तारीख आगे बढ़ रही है, इन लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैंं। लोग आशंका व्‍यक्‍त कर रहे हैं कि जिस गति से एयरपोर्ट का विकास कार्य हो रहा है, उससे अप्रैल 2025 में एयरपोर्ट से पहली उड़ान भरने की संभावना प्रतीत नहीं हो रही है।

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