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शेषाद्रि चारी होंगे भारत के अगले उपराष्‍ट्रपति ? क्‍यों है इनके नाम की चर्चा से राजनीतिक गलियारों का माहौल गर्म है ?

Will Sheshadri Chari be the next Vice President of India? Why is the discussion of his name heating up the political corridors?

डॉ देवेन्‍द्र कुमार शर्मा

Panchayat 24 (नई दिल्‍ली) : देश में जिन राजनीतिक मुद्दों पर सबसे अधिक चर्चा हो रही है उनमें देश के अलगे उपराष्‍ट्रपति के नाम की चर्चा भी शामिल है। दरअसल, जिस नाटकीय अंदाज में निवर्तमान उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ का त्‍याग पत्र हुआ, उसके बाद से ही इस बात की चर्चाएं शुरू हो गई थी कि भाजपा ऐसे व्‍यक्ति को इस पद पर आसीन कराना चाहेगी जो पूर्व के कड़वे अनुभवों की भरपाई करे और साथ में एनडीए तथा आगामी राजनीतिक परिस्थितियों को भी साधा जा सके। हालांकि जिस तरह से चौंकाने वाले निर्णय लेने लगी है उससे उपराष्‍ट्रपति पद के लिए कोई भी भविष्‍यवाणी करना खतरे से खाली नहीं है।

एनडीए के लिए भाजपा ही तय करेगी उपराष्‍ट्रपति के उम्‍मीदवार का नाम तय

उपराष्‍ट्रपति पद के लिए आगामी 21 अगस्‍त को नामांकन किया जाएगा। 9 सितंबर को चुनाव संपन्‍न होगा। संभवत: इसी दिन उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के नाम की घोषणा भी हो जाएगाी। लोकसभा और राज्‍यसभा सदस्‍य मतदान करेंगे। लोकसभा में एनडीए का बहुमत है। वहीं, वर्तमान में राज्‍यसभा में भी एनडीए बहुमत को प्राप्‍त कर चुकी है। वहीं, राज्‍य सभा के कुछ सदस्‍य मुद्दों के आधार पर एनडीए को समर्थन करते  हैं और कुछ मनो‍नीत सदस्‍य औपचारिक तौर पर एनडीए का हिस्‍सा बन चुके हैं।

तीन नामों पर भाजपा में विशेष चर्चा, शेषाद्रि चारी सबसे आगे

यदि उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के चयन की बात करें तो इसका पूरा दारोमदार एनडीए के सबसे बडे घटक भाजपा पर निर्भर करता है। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और जेपी नड्डा का यह फैसला छोड़ दिया है। अंतत: नरेन्‍द्र मोदी ही उपराष्‍ट्रपति के लिए नाम तय करेंगे। वैसे तो नरेन्‍द्र मोदी के मन की गहराई मापना आसान नहीं है। फिर भी उनके कई फैसलों में एक बात सामान्‍य है कि वह नया चेहरा सामने लाकर सबको चौंका देते हैं। ऐसे में जिन तीन नामों भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और वर्तमान में कर्नाटक के राज्‍यपाल थावर चंद गहलौत, वर्तमान में गुजरात के उपराज्‍यपाल देव्रत आचार्य और शेषाद्रि चारी के नामों में शेषाद्रि चारी उपराष्‍ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्‍मीदवारों की दौड़ में आगे हैं।

कौन हैं शेषाद्रि चारी ?

शेषाद्रि चारी का पूरा नाम डॉ शेषाद्रि रामानुजन चारी है। उनका जन्म 2 अप्रैल 1953 को तत्‍कालीन बॉम्बे (मुंबई) के माटुंगा में तंजावुर के तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता रामानुजन चारी और कल्याणी थे। वह पांच भाई बहनों में से एक हैं। उनकी पढ़ाई साउथ इंडियन एजुकेशन सोसाइटी हाई स्कूल से शुरू हुई। इसके बाद उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से बी.कॉम, एलएलबी और इतिहास में एमए की डिग्री हासिल की। चारी ने मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन से पीएचडी पूरी की। उनके शोध का विषय हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और इस इलाके में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भारत की रणनीति था। यह शिक्षा और शोध कार्य उन्हें विदेश नीति और रणनीतिक मामलों का गहरा जानकार बनाता है। वह हिंदी, तमिल, मराठी और अंग्रेजी भाषाओं में पारंगत हैं और विदेश नीति के मामलों में उनका विशेष अनुभव है।

शेषाद्रि चारी बचपन से ही आरएसएस से रहा है जुड़ाव

वह चार साल की उम्र से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। बाद में वह संगठन के सक्रिय प्रचारक बने। वह 1992 से 2024 तक आरएसस की साप्‍ताहिक पत्रिका ऑगनाइजर के संपादक रहे हैं। साल 2007 में आरएसएस के पार्टी कार्यकर्ता प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रहे हैं। शेषाद्रि चारी भाजपा में में शामिल होकर पार्टी संगठन की राजनीति से भी जुड़े हैं। वह मुम्‍बई इकाई के महासचिव भी बने है। वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में सदस्य हैं। वह पूर्व में भाजपा में विदेश नीति प्रकोष्ठ के प्रमुख भी रहे हैं। इसके अतिरिक्‍त उन्‍होंने यूनाइटेड नेशन डवेलपमेंट प्रोग्राम के अन्‍तर्गत दक्षिण सूडान के जुबा शहर में शासन सलाहकार के रूप में भी सेवा भी दी है। वह रणनीतिक एवं सुरक्षा अध्ययन संस्थानों जैसे आईएनएसएस, एफएसएसएस, एफआईएनए में भी वे निदेशक या महासचिव जैसे पदों पर अपनी काम किया है।

शेषाद्रि चारी को क्‍यों उपराष्‍ट्रपति बना सकती है भाजपा ?

पिछले कुछ दिनों में भाजपा के सामने शीर्ष पदों पर बैठे लोगों द्वारा असहज स्थिति पैदा की गई है। इनमें जम्‍मु एवं कश्‍मीर के राज्‍यपाल सत्‍यपाल मलिक एवं उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ का नाम चर्चा में आता है। ऐसे में जगदीप धनखड़ द्वारा पद से त्‍याग पत्र दिए जाने के बाद भाजपा ऐसे व्‍यक्ति की तलाश में जुटी है जो न केवल उपराष्‍ट्रपति पद के योग्‍य हो और पार्टी विचारधारा की बेहतर समझ रखता हो। ऐसे में शेषाद्रि चारी पार्टी की तलाश हो सकते हैं।

संघ एवं भाजपा के बीच की धुरी

शेषाद्रि चारी का आरएसएस और भाजपा से गहरा जुड़ाव रहा है। वह आरएसएस और भाजपा के मूलस्‍वरूप से भी जुड़े हैं। इसके अतिरिक्‍त वह भाजपा और संघ के बीच की धुरी भी बन सकते हैं। यदि संघ एवं भाजपा शेषाद्रि जैसे किसी चेहरे पर एकमत होकर उपराष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार  के नाम पर सहमत हो जाते हैं तो यह एक शुभ संकेत होगा। भविष्‍य में संघ एवं भाजपा के बीच भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के चुनाव के लिए बेहतर विश्‍वासपूर्ण माहौल के निर्माण में मदद मिलेगी।

शेषाद्रि चारी : एक निर्विवादित चेहरा

भाजपा शेषाद्रिचारी को उपराष्‍ट्रपति बनाकर राजनीति में एक बार फिर निर्विवादित एवं नया चेहरा लाकर सबको चौंका सकती है। हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री मोहन सिंह यादव, राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री भजनलाल शर्मा, छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री विष्‍णुदेव साय और दिल्‍ली में रेखा गुप्‍ता को मुख्‍यमंत्री बनाकर पार्टी ऐसा काम कर चुकी है।

दक्षिण भारत में पार्टी की जमीन मजबूत करना

जगदीप धनखड़ को उपराष्‍ट्रपति बनाकर भाजपा ने उत्‍तर भारत विशेषकर राजस्‍थान, हरियाणा, दिल्‍ली, मध्‍यप्रदेश और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के जाट समाज को साधने का प्रयास किया। यह प्रयोग बहुत सफल नहीं रहा है। यदि शेषाद्रि चारी को भाजपा उपराष्‍ट्रपति का उम्‍मीदवार बनाती है तो वह दक्षिण भारत, विशेषकर तमिलनाड़ी में पार्टी की जड़े मजबूत करना चाहेगी।

शेषाद्रि चारी के अन्‍तर्राष्‍ट्रीय अनुभव का लाभ 

चूंकि शेषाद्रि विदेश एवं अन्‍तर्राष्‍ट्रीय मामलों के बेहतर जानकार हैं, ऐसे में वह उनका प्रयोग अन्‍तर्राष्‍ट्रीय एवं कूटनीतिक  एवं सामरिक मामलों में कर सकती है।

राजनीतिक महत्‍वकांक्षाओं से दूर

शेषाद्रि चारी अभी तक सक्रिय राजनीति में बहुत अधिक सक्रिय नहीं रहे हैं। वह संगठन से जुड़कर और पर्दे के पीछे से ही पार्टी एवं संगठन की मजबूती के लिए काम करते रहे हैं। ऐसे में उनकी बहुत अधिक राजनीतिक महत्‍वाकांक्षाएं भी नहीं हैं। यदि उनके स्‍थान पर थावर चंद गहलौत, राजनाथ सिंह, ओम माथुर अथवा किसी अन्‍य व्‍यक्ति को उपराष्‍ट्रपति पद के लिए चुना जाता है तो उनकी राजनीतिक महत्‍वाकांक्षाएं समस्‍या पैदा कर सकती हैं।

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