चिटेहरा और नईबस्ती सहित कई गांवों को जोड़ने वाली सीसी रोड़ को किसने किया ध्वस्त ? कौन है जिम्मेवार ? शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने दिया जांच एवं कार्रवाई का आश्वासन
Who destroyed the CC road connecting several villages including Chitehra and Nai Basti? Who is responsible? On receiving the complaint, the District Magistrate assured investigation and action

Panchayat 24 : जिला प्रशासन की भूमिका समाज में पैदा होने वाले विवादों, विशेषकर राजस्व संबंधी, के समाधानों में अति महत्वपूर्ण होती है। कभी-कभी प्रशासन की कार्रवाई इतनी संदिग्ध होती है कि कई तरह के सवाल उठते हैं। दादरी तहसील द्वारा एक ऐसी ही अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। मामले को लेकर तीन गांवों के लोग नवनियुक्त जिलाधिकारी मेधा रूपम के दरबार में पहुंचे हैं। ग्रामीणों ने कार्रवाई को अंजाम देने वाले दादरी तहसील के अधिकारियों पर भी सवाल उठाए हैं। मामले की सत्यतता जांच के बाद ही पता चलेगी लेकिन इतना स्पष्ट है कि जमीनी मामलों को लेकर जिले में बड़ा खेल चल रहा है।
दरअसल, दादरी तहसील गांव के चिटेहरा गांव के उत्तर दिशा में स्थित दादरी बाइपास से होकर एक रास्ता नई बस्ती उर्फ बैरंगपुर होते हुए फूलपुर, खंडेरा और आनन्दपुर गांवों तक जाता है। वर्तमान में यहां काफी भारी भरकम निर्माण हो चुका है। चिटेहरा ग्राम प्रधान पति मनीष भाटी ने बताया कि इस रास्ते पर गांव के शमशान घाट भी स्थित हैं। ग्रामीणों की मांग पर इस रास्ते का निर्माण कराया गया था। शुरूआत में जिला पंचायत सदस्य एवं दादरी ब्लॉक प्रमुख के सहयोग से शमशान घाट एवं तालाब की ओर जाने वाले रास्ते पर खडंजे का निर्माण कराया गया था। वर्तमान में चंदा एकत्रित करके यहां सीसी रोड़ का निर्माण कराया गया है।

ग्रामीणों के अनुसार रास्ते के निर्माण में कहीं पर भी न किसी निजी व्यक्ति की जमीन का अतिक्रमण किया गया है और न ही सरकारी जमीन पर ही किसी प्रकार का अतिक्रमण किया गया है। इसके बावजूद कुछ लोगों को निजी हितों के चलते इस सार्वजनिक रास्ते का निर्माण रास नहीं आ रहा था। दो-तीन दिन पूर्व इस रास्ते को जेसीबी की मदद से पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। रास्ता टूटने से प्रभावित गांवों में चर्चा है कि इस कार्रवाई को दादरी तहसील की टीम द्वारा अंजाम दिया गया है और इस टीम का नेतृत्व दादरी तहसील की नायब तहसीलदार प्रीति सिंह द्वारा किया गया था। कार्रवाई के बाद इन गांवों के लोगों में काफी रोष है।
सोमवार को बड़ी तादात में लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी मेधा रूपम से मुलाकात कर मामले की शिकायत देते हुए निष्पक्ष जांच एवं दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने नायब तहसीलदार प्रीति सिंह से संपर्क किया और उनकी भूमिका के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाही। उन्होंने हमसे किसी भी तरह की बातचीत करने से इंकार करते हुए तहसीलदार से इस संबंध में कोई भी बातचीत करने के की बात कही। हमने दादरी तहसीलदार डॉ अजय कुमार से इस संबंध में बातचीत की। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा किसी भी रास्ते के ध्वस्तिकरण के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया है।
ऐसे में पूरे प्रकरण को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या किसी माफिया अथवा दबंंग व्यक्ति ने मनमाने तरीके से इस रास्ते को ध्वस्त कर दिया है ? यदि ऐसा है तो यह कौन लोग हैं और इसके पीछे इन लोगों की मंशा क्या है ? क्या यह वही लोग हैं जिनके बारे में जिलाधिकारी को दी गई शिकायत में जिक्र किया गया है ? एक सवाल यह भी उठता है क्या दादरी तहसील की टीम इस कार्रवाई में शामिल है (जैसा कि लोगों में चर्चा है) ? यदि वास्तव में ही दादरी तहसील की टीम द्वारा रास्ते के ध्वस्तिकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया गया है तो सवाल उठता है कि किस आधार पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है ? क्या तहसील की टीम के पास न्यायालय का कोई आदेश था अथवा किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा मामले में आदेश पारित किया गया था ? यदि दादरी तहसील की टीम के पास कार्रवाई का कोई ठोस आधार नहीं था (जैसा कि नायब तहसीलदार प्रीति सिंह और तहसीलदार डॉ अजय कुमार से बातचीत के दौरान आभाष हो रहा है) तो क्या ग्रामीणों द्वारा दादरी तहसील प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोप सत्य है ?